करनाल: शहर और कस्बों में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिससे कुत्तों के काटने के मामले भी सामने आ रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा ने ये जानने की कोशिश की कि क्या सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन और रैबीज इम्युनोग्लोबुलिन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं या नहीं. ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने करनाल सामान्य अस्पताल पर रिपोर्ट बनाई.
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इस मामले पर करनाल नागरिक अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर पीयूष शर्मा ने कहा कि उनके अस्पताल में रैबीज वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. अस्पताल में कुत्ते के काटने की शिकायत के बाद उसे कंफर्म कर तुरंत पीड़ित को एंटी रैबीज वैक्सीन का टीका लगाया जाता है. इसकी 5 डोज मरीज को लगाई जाती है.
मरीज को दी जाती हैं 5 डोज
पहल टीका उस दिन दिया जाता है, जिस दिन शख्स को कुत्ता काटता है, दूसरी डोज 3 दिन बाद, तीसरी डोज 7 दिन बाद, चौथी डोज 14 दिन बाद और अंतिम और पांचवी डोज 28 दिन बाद लगाई जाती है. 28 दिन के अंदर कुत्ते के काटने की वैक्सीन का कोर्स पूरा होता है. स्टाफ नर्स मीनाक्षी ने बताया कि करनाल के नागरिक अस्पताल में हर महीने औतसतन लगभग 70 कुत्ते के काटने के मामले सामने आते हैं.
सरकारी अस्पताल में फ्री में दी जाती है वैक्सीन
कुत्ते के काटने पर सरकारी अस्पताल में 100 रुपये की सरकारी फीस ली जाती है. जो इंजेक्शन होते हैं वो पूरी तरह से फ्री में लगाए जाते हैं, अगर कोई व्यक्ति प्राइवेट ये इंजेक्शन लगवाना चाहे तो एक इंजेक्शन 400 से 500 रुपये तक वसूले जाते हैं. अगर साधारण दांत कुत्ते ने मारा है तो उसमें एंटी रेबीज वैक्सीन का टीका लगाया जाता है. अगर घाव ज्यादा गहरा है तो उसके लिए इंसान को इम्यूनोग्लोबुलिन का इलाज दिया जाता है. कुत्ते के काटने के बाद क्या सावधानी बरतें इस बारे में भी डॉक्टर पीयूष शर्मा ने बताया.
क्या सावधानियां बरतें?
- कुत्ते के काटने के तुरंत बाद घाव के पानी से धोएं
- पानी में सेवलोन और डेटॉल मिलाकर घाव धो सकते हैं
- घाव धोने से कुत्ते के किटाणु काफी हद तक कम हो जाते हैं
- घाव धोने के बाद ठीक होने की संभावना ज्यादा रहती है
- कुत्ते के काटने के तुरंत बाद डॉक्टर से सलाह लें
तीन महीनों के आंकड़ें
- नवंबर 2020 में 2160 केस कुत्ते के काटने के मामले सामने आए
- दिसंबर 2020 में 1886 कुत्ते के काटने के केस सामने आए
- जनवरी 2021 में 2077 कुत्ते के काटने के मामले सामने आए
आपको बता दें कि कुत्ता, बंदर या चूहे के काटने के बाद एंटी रेबीज वैक्सीन का टीका इलाज के लिए लगाया जाता है. इसके इलाज के लिए करनाल के सरकारी अस्पताल में पुख्ता व्यवस्था मिली.
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स्टाफ नर्स मीनाक्षी ने कहा कि यहां पर उनकी ड्यूटी एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाने की है. 24 घंटे स्टाफ का सदस्य यहां टीका लगाने के लिए मौजूद रहता है. टीका लगवाने के लिए आए एक बच्चे तरुण ने बताया कि वो स्कूल में जा रहा था. रास्ते में आवार कुत्ते ने उसकी टांग पर काट लिया. जब वो सामान्य अस्पताल में इलाज के लिए आया तो उसकी सिर्फ 100 रुपये की पर्ची कटी. इसके बाद इलाज फ्री में हुआ.