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Pollution Increased in Haryana: हरियाणा में खतरनाक स्तर तक पहुंचा वायु प्रदूषण, 6 जिले रेड जोन घोषित, AQI 400 के करीब - stubble burning in karnal

Pollution Increased in Haryana: हरियाणा के करनाल में प्रदूषण ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जिले में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया है. हालात ये हो गई है कि पूरा जिला रेड जोन घोषित हो गया है. जहरीली हवा में सांस के रोगियों की तादाद भी बढ़ गई है. करनाल समेत हरियाणा के कई जिलों में प्रदूषण अपने चरम पर है.

Pollution Increased in Haryana
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 31, 2023, 4:13 PM IST

Updated : Nov 1, 2023, 11:37 AM IST

हरियाणा में खतरनाक स्तार तक पहुंचा वायु प्रदूषण

करनाल: हरियाणा के कई जिलों में प्रदूषण चरम पर. बढ़ते प्रदूषण के चलते 6 जिले ऐसे हैं, जो रेड जोन घोषित किये जा चुके हैं. इनमें कैथल, यमुनानगर, करनाल, पंचकूला, पानीपत और फतेहाबाद शामिल हैं. कैथल में AQI 391 के पार है, वहीं यमुनानगर का 371, करनाल का 337, पंचकुला का 330, पानीपत का 320 और फतेहाबाद में 306 पहुंच गया है. आंकड़ों के अनुसार सिरसा, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, हिसार, जींद की भी हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई है. इन शहरों में वायु गुणवत्ता काफी खराब हो चुकी है.

देश के कई अन्य राज्यों समेत हरियाणा प्रदेश की हवा भी बेहद खराब होती जा रही है. करनाल जिले में सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है. यहां की हवा दमघोंटू बनी हुई है. शहर में हालात ज्यादा खराब हो गए हैं. यहां अक्टूबर से ही आबोहवा बिगड़नी शुरू हुई थी जो अभी तक जारी है. खराब हवा के चलते सांस के मरीजों को मुश्किल हो रही है.

ये भी पढ़ें- Pollution Increased in Sonipat: प्रदूषण में सोनीपत ने राजधानी दिल्ली को भी छोड़ा पीछे, 299 पहुंचा AQI

करनाल क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड शैलेन्द्र अरोड़ा ने बताया कि पिछली बार पराली जलाने के मामले 200 के पार थे. इस बार 61 मामले अभी तक प्रकाश में आए हैं. विभाग लगातार अपनी कार्रवाई करने में जुटा हुआ है. उन्होंने बताया कि इस समय हवा का ना चलना भी एक कारण है, जिसकी वजह से धुएं के साथ जहरीली गैसें आसमान पर छाई रहती है, जिस वजह से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है.

उन्होंने बताया कि लकड़ी और कोयला जालने पर बिल्कुल प्रतिबंध है. इंडस्ट्रियल एरिया में भी सिर्फ वैध फ्यूल को जलाने की अनुमति दी गई है. बढ़ते प्रदूषण के चलते लोग इस बार रंगीन पटाखों का प्रयोग करें. ज्वलनशील पटाखे ना जलाएं ताकि पर्यावरण को साफ रखने में मदद मिल सके. आंकड़ो के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि (AQI ) का 0-50 के बीच रहना अच्छी श्रेणी में माना जाता है. जबकि 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक माना जाता है. 101 और 200 तक मध्यम, 201 से 300 तक हवा की खराब गुणवत्ता को दशार्ता है. वहीं 301 से 400 को बहुत खराब और 401-500 को गंभीर माना जाता है.

ये भी पढ़ें- Pollution In Haryana: हरियाणा में प्रदूषण की वजह से सरकार कर सकती है थर्मल प्लांट्स बंद, सुनिए बिजली मंत्री का बयान

हरियाणा में खतरनाक स्तार तक पहुंचा वायु प्रदूषण

करनाल: हरियाणा के कई जिलों में प्रदूषण चरम पर. बढ़ते प्रदूषण के चलते 6 जिले ऐसे हैं, जो रेड जोन घोषित किये जा चुके हैं. इनमें कैथल, यमुनानगर, करनाल, पंचकूला, पानीपत और फतेहाबाद शामिल हैं. कैथल में AQI 391 के पार है, वहीं यमुनानगर का 371, करनाल का 337, पंचकुला का 330, पानीपत का 320 और फतेहाबाद में 306 पहुंच गया है. आंकड़ों के अनुसार सिरसा, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, हिसार, जींद की भी हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई है. इन शहरों में वायु गुणवत्ता काफी खराब हो चुकी है.

देश के कई अन्य राज्यों समेत हरियाणा प्रदेश की हवा भी बेहद खराब होती जा रही है. करनाल जिले में सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है. यहां की हवा दमघोंटू बनी हुई है. शहर में हालात ज्यादा खराब हो गए हैं. यहां अक्टूबर से ही आबोहवा बिगड़नी शुरू हुई थी जो अभी तक जारी है. खराब हवा के चलते सांस के मरीजों को मुश्किल हो रही है.

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करनाल क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड शैलेन्द्र अरोड़ा ने बताया कि पिछली बार पराली जलाने के मामले 200 के पार थे. इस बार 61 मामले अभी तक प्रकाश में आए हैं. विभाग लगातार अपनी कार्रवाई करने में जुटा हुआ है. उन्होंने बताया कि इस समय हवा का ना चलना भी एक कारण है, जिसकी वजह से धुएं के साथ जहरीली गैसें आसमान पर छाई रहती है, जिस वजह से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है.

उन्होंने बताया कि लकड़ी और कोयला जालने पर बिल्कुल प्रतिबंध है. इंडस्ट्रियल एरिया में भी सिर्फ वैध फ्यूल को जलाने की अनुमति दी गई है. बढ़ते प्रदूषण के चलते लोग इस बार रंगीन पटाखों का प्रयोग करें. ज्वलनशील पटाखे ना जलाएं ताकि पर्यावरण को साफ रखने में मदद मिल सके. आंकड़ो के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि (AQI ) का 0-50 के बीच रहना अच्छी श्रेणी में माना जाता है. जबकि 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक माना जाता है. 101 और 200 तक मध्यम, 201 से 300 तक हवा की खराब गुणवत्ता को दशार्ता है. वहीं 301 से 400 को बहुत खराब और 401-500 को गंभीर माना जाता है.

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Last Updated : Nov 1, 2023, 11:37 AM IST
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