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करनाल: फसल अवशेषों को आग लगाने पर कृषि विभाग सख्त, 35 किसानों के खिलाफ शिकायत - कृषि विभाग को सेटेलाइट के जरिए 120 जगहों की जानकारी

कृषि विभाग ने फसल अवशेषों को आग लगाने के मामले में कार्रवाई की है. कृषि विभाग को सेटेलाइट के जरिए 120 जगहों की जानकारी मिली है, जहां फसलों के अवशेष जलाए जा रहे हैं.

कृषि विभाग ने फसल अवशेषों को आग लगाने के मामले की कार्रवाई, 35 किसानों पर शिकायत दर्ज
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Published : Oct 11, 2019, 9:05 AM IST

Updated : Oct 11, 2019, 9:14 AM IST

करनाल: प्रदेश में फसल अवशेषों को जलाने के मामले में करनाल सबसे ऊपर है. कृषि विभाग फसल अवशेषों को आग लगाने के चलते सख्त हो गया है. कृषि विभाग को सेटेलाइट के जरिए 120 जगहों की जनकारी मिली है, जहां फसल अवशेषों को जलाया जा रहा है. जिसमें से कृषि विभाग ने 58 जगहों को चिह्नित कर लिया है. कृषि विभाग ने किसानों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

कृषि विभाग की ओर से शिकायत

जिन खेतों में आग लगाई गई थी, उनके किला नंबर के आधार पर मालिकों के खिलाफ कृषि विभाग की ओर से शिकायत दर्ज करवाई गई है. सेटेलाइट से प्राप्त सूचना में जिले में 58 जगह पर फसल अवशेष जले हैं.

कृषि विभाग ने फसल अवशेषों को आग लगाने के मामले की कार्रवाई, 35 किसानों पर शिकायत दर्ज

इन सभी जगहों को पटवारी की मदद से तलाश कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. इस कार्रवाई से किसानों में हड़कंप मच गया है. वहीं कृषि विभाग का कहना है कि अवशेष जलाने की प्रक्रिया हरगिज नहीं होने दी जाएगी.

सेटेलाइट सिस्टम से प्राप्त हुई एक्टिव फायर लोकेशन

कृषि विभाग का कहना है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. सेटेलाइट सिस्टम से प्राप्त हुई एक्टिव फायर लोकेशन की सूचना पर कृषि विभाग का ओर से गांव का मुआयना किया गया है. सेटेलाइट से प्राप्त सूचना जिलों से भेजी जा रही है. पिछले चार-पांच दिन के भीतर करनाल जिले में इस तरह की 58 घटनाएं हुई है. जिसकी जानकारी कृषि उपनिदेशक कार्यालय को भेजी गई है.

कृषि उपनिदेशक कार्यालय की टीम पटवारी को मौके पर लेकर पहुंची और जांच की. इसके अलावा खेतों का राजस्व रिकॉर्ड जांचा गया. जिसके बाद विभाग ने पुलिस में रिपोर्ट की है. आग लगाने की घटनाओं की सभी सूचनाओं को लेकर विभागीय टीम जांच में जुटी है.

फसल अवशेष जलाने पर पाबंदी

उपायुक्त विनय प्रताप सिंह द्वारा जिले में फसल अवशेष जलाने पर पाबंदी लगाते हुए धारा 144 लगाई हुई है. यही नहीं कंबाइन हार्वेस्टर पर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य किया हुआ है.

इस यंत्र से धान की कटाई करते वक्त फसल अवशेष छोटे टुकड़ों में बिखर जाते हैं और उन्हें आसानी से जुताई के समय मिट्टी में मिलाया जा सकता है. जांच में जिले के तीन कंबाइन में एमएमके नहीं पाए जाने पर उन्हें इंपाउंड कर लिया गया था. बिना एमएसके कंबाइन चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध है.

ये भी पढ़ें: करनाल में गन्ना किसानों की महापंचायत, 9 मांगों को रख तैयार की रूपरेखा

करनाल कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. आदित्य डबास ने कहा कि जिले में लागू धारा 144 वायु प्रदूषण अधिनियम के उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाकर किसान पर्यावरण व जमीन दोनों को नुकसान पहुंचाता है.

करनाल: प्रदेश में फसल अवशेषों को जलाने के मामले में करनाल सबसे ऊपर है. कृषि विभाग फसल अवशेषों को आग लगाने के चलते सख्त हो गया है. कृषि विभाग को सेटेलाइट के जरिए 120 जगहों की जनकारी मिली है, जहां फसल अवशेषों को जलाया जा रहा है. जिसमें से कृषि विभाग ने 58 जगहों को चिह्नित कर लिया है. कृषि विभाग ने किसानों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

कृषि विभाग की ओर से शिकायत

जिन खेतों में आग लगाई गई थी, उनके किला नंबर के आधार पर मालिकों के खिलाफ कृषि विभाग की ओर से शिकायत दर्ज करवाई गई है. सेटेलाइट से प्राप्त सूचना में जिले में 58 जगह पर फसल अवशेष जले हैं.

कृषि विभाग ने फसल अवशेषों को आग लगाने के मामले की कार्रवाई, 35 किसानों पर शिकायत दर्ज

इन सभी जगहों को पटवारी की मदद से तलाश कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. इस कार्रवाई से किसानों में हड़कंप मच गया है. वहीं कृषि विभाग का कहना है कि अवशेष जलाने की प्रक्रिया हरगिज नहीं होने दी जाएगी.

सेटेलाइट सिस्टम से प्राप्त हुई एक्टिव फायर लोकेशन

कृषि विभाग का कहना है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. सेटेलाइट सिस्टम से प्राप्त हुई एक्टिव फायर लोकेशन की सूचना पर कृषि विभाग का ओर से गांव का मुआयना किया गया है. सेटेलाइट से प्राप्त सूचना जिलों से भेजी जा रही है. पिछले चार-पांच दिन के भीतर करनाल जिले में इस तरह की 58 घटनाएं हुई है. जिसकी जानकारी कृषि उपनिदेशक कार्यालय को भेजी गई है.

कृषि उपनिदेशक कार्यालय की टीम पटवारी को मौके पर लेकर पहुंची और जांच की. इसके अलावा खेतों का राजस्व रिकॉर्ड जांचा गया. जिसके बाद विभाग ने पुलिस में रिपोर्ट की है. आग लगाने की घटनाओं की सभी सूचनाओं को लेकर विभागीय टीम जांच में जुटी है.

फसल अवशेष जलाने पर पाबंदी

उपायुक्त विनय प्रताप सिंह द्वारा जिले में फसल अवशेष जलाने पर पाबंदी लगाते हुए धारा 144 लगाई हुई है. यही नहीं कंबाइन हार्वेस्टर पर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य किया हुआ है.

इस यंत्र से धान की कटाई करते वक्त फसल अवशेष छोटे टुकड़ों में बिखर जाते हैं और उन्हें आसानी से जुताई के समय मिट्टी में मिलाया जा सकता है. जांच में जिले के तीन कंबाइन में एमएमके नहीं पाए जाने पर उन्हें इंपाउंड कर लिया गया था. बिना एमएसके कंबाइन चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध है.

ये भी पढ़ें: करनाल में गन्ना किसानों की महापंचायत, 9 मांगों को रख तैयार की रूपरेखा

करनाल कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. आदित्य डबास ने कहा कि जिले में लागू धारा 144 वायु प्रदूषण अधिनियम के उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाकर किसान पर्यावरण व जमीन दोनों को नुकसान पहुंचाता है.

Intro:प्रदेश में फसल अवशेषों को जलाने में करनाल सबसे ऊपर किसानों द्वारा अभी भी फसल अवशेषों को आग लगाने के चलते कृषि विभाग हुआ सख्त, 120 जगहों की सेटेलाइट द्वारा मिली जानकारी, कृषि विभाग ने 58 जगहों को किया चिन्हित, 35 किसानों के खिलाफ पुलिस में कराई शिकायत दर्ज ।


Body:जिन खेतों में आग लगाई गई थी उनके किला नंबर के आधार पर मालिकों के खिलाफ कृषि विभाग द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गई है । सेटेलाइट से प्राप्त सूचना में जिले में 58 जगह पर फसल अवशेष जले हैं । इन सभी जनों को पटवारी की मदद से तलाश कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी । इस कार्यवाही से किसानों में हड़कंप मच गया है । वहीं कृषि विभाग का कहना है कि अवशेष जलाने की प्रतिक्रिया हरगिज़ नहीं होने दी जाएगी । ऐसा करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी । सेटेलाइट सिस्टम से प्राप्त हुई एक्टिव फायर लोकेशन की सूचना पर कृषि विभाग द्वारा गांव का मायना किया गया सेटेलाइट से प्राप्त सूचना जिलों से प्रेषित की जा रही है पिछले चार-पांच दिन के भीतर करनाल जिले में इस तरह की 58 घटनाएं हुई है । जिसकी जानकारी कृषि उपनिदेशक कार्यालय को भेजी गई है । इसके बाद कृषि उपनिदेशक कार्यालय की टीम पटवारी को मौके पर लेकर पहुंची और जांच की उन खेतों का राजसव रिकॉर्ड जांचा गया । जिसके बाद विभाग ने पुलिस में रिपोर्ट की है । आग लगाने की घटनाओं की सभी सूचनाओं को लेकर विभागीय टीम जांच में जुटी है ।

उपायुक्त विनय प्रताप सिंह द्वारा जिले में फसल अवशेष जलाने पर पाबंदी लगाते हुए धारा 144 लगाई हुई है । यही नहीं कंबाइन हार्वेस्टर पर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य किया हुआ है । इस यंत्र से धान की कटाई करते वक्त फसल अवशेष छोटे टुकड़ों में बिखर जाते हैं और उन्हें आसानी से जुताई के समय मिट्टी में मिलाया जा सकता है । इस प्रतिक्रिया से मृदा की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ती है । जांच में जिले में तीन कंबाइन में एम एम एस नहीं पाए जाने पर उन्हें इंपाउंड कर लिया गया था । बिना एमएसके कंबाइन चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध है ।


Conclusion:करनाल कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ आदित्य डबास ने कहा कि जिले में लागू धारा 144 वायु प्रदूषण अधिनियम के उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी फसल अवशेष जलाकर किसान पर्यावरण व जमीन दोनों को नुकसान पहुंचाता है । मित्र कीट खत्म हो जाते हैं ।अवशेष प्रबंधन के लिए आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध है । इसके लिए जिले में कस्टम हायर सेंटर स्थापित किए गए हैं अवशेष प्रबंधन से जमीन की ताकत बढ़ती है । किसानों को जागरूक रहना चाहिए।

बाईट - आदित्य डबास - करनाल कृषि विभाग उपनिदेशक
Last Updated : Oct 11, 2019, 9:14 AM IST
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