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करनाल में रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई - करनाल उपायुक्त दवाई कालाबाजारी कार्रवाई

करनाल उपायुक्त ने कहा है कि जिले में दवाईयों और ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है और शहर को लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि कोरोना से लड़ने के लिए करनाल प्रशासन पूरी तरह तैयार है.

karnal DC on Remedicivir Injection black market
जिले में दवाई की नहीं कोई कमी: करनाल उपायुक्त
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Published : Apr 20, 2021, 10:48 AM IST

करनाल: उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से करनाल में इंजेक्शन, ऑक्सीजन, सिलेंडर की कालाबाजारी की सूचना मिल रही थी जिस पर सोमवार को खाद्य एवं औषधि विभाग के जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी रितु मेहला द्वारा कई दवा विक्रेताओं पर छापेमारी की गई है.

ये भी पढ़ें: रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी: 25 हजार रुपये में बेचा जा रहा है 4 हजार वाला इंजेक्शन

उन्होंने बताया कि खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा करनाल के सभी दवा विक्रेताओं को हरियाणा सरकार और भारत सरकार की गाईडलाइंस के अनुसार जो रेट लिस्ट निर्धारित किए गए हैं, उसमें वो रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन प्लस मीटर, सैनिटाइजर, मास्क और अन्य जरूरी दवाईयों की रेट लिस्ट निर्धारित की हुई है.

भारत सरकार द्वारा निर्धारित इस रेट लिस्ट की कॉपी दवा विक्रेताओं को दवा विक्रेता एसोसिएशन के माध्यम से सूचित किया गया कि वो अपने काउंटर पर लगाना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि इस बारे में पत्र लिख कर हिदायत दी गई है कि जिस भी मरीज को दवा विक्रेता या हॉस्पिटल की फार्मेसी इंजेक्शन सेल करेगी उससे पहले कुछ डॉक्यूमेंट जैसे कि डॉक्टर द्वारा जारी पर्ची, मरीज का आधार कार्ड और उसकी कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट मरीज को पहले जमा करानी होगी और जो फार्मेसी या दवा विक्रेता ने किस मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया, इसका भी रिकॉर्ड उनको अपने पास रखना होगा.

ये भी पढ़ें: रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई: रोहतक उपायुक्त

उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि डॉक्टर द्वारा मरीज को दी गई पर्ची का दोबारा से प्रयोग ना हो और एक ही पर्ची पर मरीज दोबारा दवाई ना ले सके इसलिए दवा विक्रेता को उस पर स्टैंप लगाकर भी देना विभाग की हिदायत में शामिल है, ताकि आम नागरिक को पता हो कि किस कंपनी का सरकार द्वारा क्या रेट निर्धारित है और दवा विके्रता उसको किस रेट पर दे रहा है.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ पुलिस ने हिमाचल में छापा मारकर रेमडेसिविर के 3 हजार इंजेक्शन बरामद किए, कंपनी डायरेक्टर गिरफ्तार

उन्होंने कहा कि अलग-अलग कंपनियों के अलग-अलग रेट होने से भी असमंजस की स्थिति बन जाती है. विभाग दवा विक्रेताओं को ये भी अपील करता है कि सरकार द्वारा निर्धारित रेट लिस्ट अनुसार ही दवाईयां बेचे और अगर किसी दवा विक्रेता की कालाबाजारी की कोई शिकायत मिली तो उनके खिलाफ विभाग के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और करनाल के नागरिकों को कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी.

जिले में दवाई की कोई कमी नहीं

जिला खाद्य नियंत्रण अधिकारी रितु मेहला ने बताया कि हरियाणा सरकार के दिशा निर्देश अनुसार समय-समय दवा विक्रेताओं पर छापेमारी की जाती रही हैं और भविष्य ये छापेमारी जारी रहेगी. किसी भी दवाई की इस वक्त जिला करनाल में कोई कमी नहीं है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है आज जिला खाद्य नियंत्रण अधिकारी रितु महिला ने अमृतधारा की फार्मेसी हिदायतओं का पोस्टर लगवा कर शुरुआत करवाई की गई.

दवा विक्रेता दवाई का बिल अवश्य लें

औषधि नियंत्रण अधिकारी रितु मेहला ने आमजन से यह भी अपील की अपने जो भी दवाई जो भी अन्य समान आप दवा विक्रेता से खरीद किया है, उसका बिल अवश्य ले और उसके बाद भी कोई दवा विक्रेता बिल से ज्यादा पैसे मांगता है तो उसकी शिकायत ड्रग कंट्रोलर सेक्टर 13 कार्यालय या जिला प्रशासन की हेल्पलाइन नम्बर 1950 पर आप आपकी शिकायत कर सकते है, आपकी शिकायत पर विभाग द्वारा तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

करनाल: उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से करनाल में इंजेक्शन, ऑक्सीजन, सिलेंडर की कालाबाजारी की सूचना मिल रही थी जिस पर सोमवार को खाद्य एवं औषधि विभाग के जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी रितु मेहला द्वारा कई दवा विक्रेताओं पर छापेमारी की गई है.

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उन्होंने बताया कि खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा करनाल के सभी दवा विक्रेताओं को हरियाणा सरकार और भारत सरकार की गाईडलाइंस के अनुसार जो रेट लिस्ट निर्धारित किए गए हैं, उसमें वो रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन प्लस मीटर, सैनिटाइजर, मास्क और अन्य जरूरी दवाईयों की रेट लिस्ट निर्धारित की हुई है.

भारत सरकार द्वारा निर्धारित इस रेट लिस्ट की कॉपी दवा विक्रेताओं को दवा विक्रेता एसोसिएशन के माध्यम से सूचित किया गया कि वो अपने काउंटर पर लगाना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि इस बारे में पत्र लिख कर हिदायत दी गई है कि जिस भी मरीज को दवा विक्रेता या हॉस्पिटल की फार्मेसी इंजेक्शन सेल करेगी उससे पहले कुछ डॉक्यूमेंट जैसे कि डॉक्टर द्वारा जारी पर्ची, मरीज का आधार कार्ड और उसकी कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट मरीज को पहले जमा करानी होगी और जो फार्मेसी या दवा विक्रेता ने किस मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया, इसका भी रिकॉर्ड उनको अपने पास रखना होगा.

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उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि डॉक्टर द्वारा मरीज को दी गई पर्ची का दोबारा से प्रयोग ना हो और एक ही पर्ची पर मरीज दोबारा दवाई ना ले सके इसलिए दवा विक्रेता को उस पर स्टैंप लगाकर भी देना विभाग की हिदायत में शामिल है, ताकि आम नागरिक को पता हो कि किस कंपनी का सरकार द्वारा क्या रेट निर्धारित है और दवा विके्रता उसको किस रेट पर दे रहा है.

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उन्होंने कहा कि अलग-अलग कंपनियों के अलग-अलग रेट होने से भी असमंजस की स्थिति बन जाती है. विभाग दवा विक्रेताओं को ये भी अपील करता है कि सरकार द्वारा निर्धारित रेट लिस्ट अनुसार ही दवाईयां बेचे और अगर किसी दवा विक्रेता की कालाबाजारी की कोई शिकायत मिली तो उनके खिलाफ विभाग के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और करनाल के नागरिकों को कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी.

जिले में दवाई की कोई कमी नहीं

जिला खाद्य नियंत्रण अधिकारी रितु मेहला ने बताया कि हरियाणा सरकार के दिशा निर्देश अनुसार समय-समय दवा विक्रेताओं पर छापेमारी की जाती रही हैं और भविष्य ये छापेमारी जारी रहेगी. किसी भी दवाई की इस वक्त जिला करनाल में कोई कमी नहीं है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है आज जिला खाद्य नियंत्रण अधिकारी रितु महिला ने अमृतधारा की फार्मेसी हिदायतओं का पोस्टर लगवा कर शुरुआत करवाई की गई.

दवा विक्रेता दवाई का बिल अवश्य लें

औषधि नियंत्रण अधिकारी रितु मेहला ने आमजन से यह भी अपील की अपने जो भी दवाई जो भी अन्य समान आप दवा विक्रेता से खरीद किया है, उसका बिल अवश्य ले और उसके बाद भी कोई दवा विक्रेता बिल से ज्यादा पैसे मांगता है तो उसकी शिकायत ड्रग कंट्रोलर सेक्टर 13 कार्यालय या जिला प्रशासन की हेल्पलाइन नम्बर 1950 पर आप आपकी शिकायत कर सकते है, आपकी शिकायत पर विभाग द्वारा तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

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