करनाल: प्रदेश में पिछले दो महीनों से आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन की हड़ताल चल रही है. अब मंगलवार को आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन मुख्यमंत्री के करनाल आवास का घेराव करने (aanganwadi worker protest in karnal) के लिए पहुंची, जहां पुलिस ने बेरिकेड लगाकर आवास से पहले उनको रोकने की कोशिश की. इस पर वर्करों ने मुख्यमंत्री आवास के समीप बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी. वर्करों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी. तब तक वो अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करती रहेंगी.
आंगनवाड़ी वर्कर सुनीता ने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स 8 दिसंबर से लगातार अपनी मांगों के समर्थन में रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. हमारी मांग है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. साथ ही जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हेल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं. इसके अलावा वर्ष 2018 में मानी गई मांगों को लागू किया जाए. महंगाई भत्ते की किश्तें जारी की जाएं. वर्करों व हेल्परों पर ऑनलाइन कार्य का दबाव न बनाया जाए.
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बता देंक कि इस विरोध को देखते हुए पिछले महीने सरकार ने आंगनवाड़ी और हेल्पर्स को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वार्ता हुई, लेकिन वार्ता में कुछ हल नहीं निकला पाया. ऐसे में इन आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने मांगें माने जाने तक आंदोलन का ऐलान कर रखा है. आंगनवाड़ी यूनियन की नेता ने कहा कि गठबंधन सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है इसलिए उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है. जब तक वर्करों की मांग पूरी नहीं होगी, तब तक वर्करों का आंदोलन जारी रहेगा.
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