कैथल: उत्तर भारत में मानसून का दौर जारी है और रुक-रुक कर बरसात हो रही है. अगर हम कैथल जिले की बात करें तो कैथल में गुरुवार और शुक्रवार दोपहर तक कुल एक घंटे ही बारिश हुई, लेकिन इस 1 घंटे की बारिश में ही पूरा शहर जलमग्न दिखाई दिया.
जिले के सबसे मुख्य सरकारी कार्यालय लघु सचिवालय के मेन गेट पर तीन फीट तक पानी भरा नजर आया. हालांकि जिले के मुखिया जिला उपायुक्त प्रेस नोट जारी करके मीडिया को ये बताने की कोशिश करते रहे है कि मानसून में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है, लेकिन धरातल पर कोई भी तैयारी प्रशासन की तरफ से दिखाई नहीं दी.
मानसून के आने से पहले ही जिला प्रशासन के पास सरकार की तरफ से मानसून के दौरान बाढ़ और जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए विशेष रुप से फंड भी आता है, लेकिन ये प्रशासन के लोग ही जानते हैं कि ये फंड कहां लगाया जाता है? अगर आधे घंटे भी शहर में बारिश हो जाए तो पूरा शहर पानी से भर जाता है. हालत ऐसे बन जाते हैं कि लोग रिक्शे में सवार होकर ही घर से बाहर निकलते हैं.
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गौरतलब है कि करीब 30 घंटे से ज्यादा वक्त एनसीआर में बारिश हुई. इस भारी बारिश ने आम जीवन को पूरी तरह से अस्त व्यस्त कर दिया. हरियाणा में बुधवार को 30 किमी प्रति घंटा की गति से चली तेज हवाओं के साथ आई बारिश की वजह से कई जिलों में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़कर गिर गए. पिछले 30 घंटे में औसतन 7.3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. बारिश का सबसे ज्यादा असर गुरुग्राम में देखने को मिला.