कैथल: सिपाही भर्ती पेपर लीक मामला (Constable Recruitment Paper Leak Case) में सीआईए-2 पुलिस ने 50-50 हजार रुपये के 2 इनामी आरोपियों को गिरफ्तार (Two Crooks Arrested) किया है. कैथल पुलिस मामले में अब तक 36 आरोपियों को गिरफतार कर चुकी है. पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह के मुताबिक आरोपियों की पहचान हो चुकी है. वेदप्रकाश नाम का आरोपी रिटोली गांव, जिला रोहतक का रहने वाला है. आरोपी प्रदीप कुमार सेक्टर-13, हिसार का रहने वाला है.
एसपी (Superintendent of Police Lokendra Singh) ने बताया कि पहले गिरफतार किए जा चुके आरोपी राजकुमार ने आंसर की 5 अगस्त को ही दिल्ली एयरपोर्ट पर आरोपी वेदप्रकाश को दी थी. ये सौदा 1 करोड़ रुपये में तय हुआ था. आरोपी वेदप्रकाश ने आंसर की को आगे अन्य कैंडिडेट को उपलब्ध करवाया. एसपी ने बताया कि 4 अगस्त को ओंकार होटल हिसार में पेपर आउट करवाने को लेकर नरेंद्र ने बैठक की. जिसमें आरोपी प्रदीप भी शामिल था.
एसपी ने बताया कि पुलिस महनिदेशक हरियाणा पंचकूला ने इन दो आरोपियों की गिरफतारी की सूचना देने पर 2-2 लाख रुपये इनाम और 9 आरोपियों की गिरफतारी की सूचना देने पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.
ये भी पढ़ें- Constable Paper Leak: डीएसपी का गनमैन है मास्टरमाइंड, जम्मू-कश्मीर से हुआ था पेपर लीक
दोनों आरोपी वेदप्रकाश और प्रदीप की गिरफतारी से पहले कैथल पुलिस ने 2 लाख रुपये के इनामी अपराधी मुजफर अहमद खान जो गुल जिला रामबन जम्मु का रहने वाला है. उसे गिरफ्तार किया है. इसके अलावा 50-50 हजार रुपये के इनामी अपराधी मनोहर, नवीन को गिरफ्तार किया जा चुका है. एसपी ने बताया कि आरोपी मुजफर को व्यापक पूछताछ के लिए 9 दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है. आरोपी वेदप्रकाश को 6 दिन का पुलिस रिमांड, जबकि आरोपी प्रदीप को 1 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया है.
क्या है पेपर लीक केस?: हरियाणा में सिपाही पद के लिए ये परीक्षा दो दिन करवाई जानी थी, लेकिन परीक्षा के दौरान पेपर लीक होनी की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई. जिसके बाद कई छात्रों ने कहा कि अब वो दोबारा परीक्षा नहीं देंगे. हालांकि बाद में इसके तार कई पुलिसकर्मियों से भी जुड़े होने के सबूत मिले. इससे पहले भी राज्य में कई बार पेपर लीक होने के कारण कई परीक्षाएं रद्द हुई थी. बहरहाल मनोहर सरकार आए दिन लीक होते पेपर के मामलों से परेशान है. यही वजह है कि सरकार विधानसभा के इसी सत्र में पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने पर विचार कर रही है.