कैथल: आज देश टीचर्स डे मना रहा है. पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाए जाने वाला टीचर्स डे शिक्षकों के लिए बेहद खास है. शिक्षक दिवस पर हम आपको कुछ ऐसे शिक्षकों से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने हर किसी को प्रेरित करने का काम किया है. ऐसे ही एक टीचर हैं कैथल जिले के भाटिया गांव के राजकीय प्राथमिक पाठशाला में पढ़ाने वाले सुनील दत्त. जिन्होंने कोरोना काल में भी बच्चों की शिक्षा रुकने नहीं दी.
घर जा कर चेक करते हैं होमवर्क
कोरोना महामारी में अध्यापक सुनील दत्त लगातार बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई करवा रहे हैं और उस होमवर्क को बाद में 1 हफ्ते के अंदर बच्चों के घर जा कर चेक भी करते हैं. ये सुनील दत्त की दूरदर्शी सोच का नतीजा था कि लॉकडाउन के तुरंत बाद ही अपने स्कूल में ऐसी शिक्षा प्रणाली बनाई कि जो पुराने बच्चे हैं उनकी किताबों का आदान-प्रदान करवाया. उनकी इस पहल की मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी सराहना की है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुनील दत्त को फोन कर उनकी इस मुहिम की तारीफ की है.
गरीब बच्चों की तरफ विशेष ध्यान
साथ ही उन्होंने ऐसे बच्चों का भी साथ दिया जो गरीब परिवारों से हैं और जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं हैं.उनको वो एक बार पूरे सप्ताह का होमवर्क पेज पर प्रिंट करवा कर घर तक पहुंचाते थे, ताकि गरीब घर के बच्चे भी दूसरे बच्चों की तरह शिक्षा ग्रहण कर सकें.
वहीं, सुनील दत्त ने स्कूल के वातावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाया हुआ है. क्योंकि वो समय-समय पर आसपास सफाई और पेड़ पौधों को लगाने का कार्य करते रहते हैं. जिनमें उनका साथ स्कूल के हेड मास्टर रोहतास देते हैं और उनके कंधे से कंधा मिलाकर उसके सामाजिक कार्यों और शिक्षा के क्षेत्र में भागीदारी निभा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- 'कोरोना से मरने वालों के नहीं निकाले जाते अंग, ये बात बिल्कुल असंभव'