ETV Bharat / state

कैथल: बिना परमिट के सड़कों पर दौड़ रहीं है कैब, सरकार के राजस्व को लगा रही है चूना - कैथल अवैध टैक्सी समस्या

कैथल में बिना परमिट के टैक्सी चलाने वालों की इन दिनों मौज है. परमिट वाले वाहन मालिकों का कहना है कि जो टैक्सी बिना पिली नंबर प्लेट के चल रही है वो कम दाम में सवारियां ले जा रही है और उन्हें दूसरे राज्यों में जाने के लिए टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता है.

illegal taxis problem in kaithal
कैथल: बिना परमिट के सड़कों पर दौड़ रहीं है कैब, सरकार के राजस्व को लगा रही है चूना
author img

By

Published : Dec 1, 2020, 8:00 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 8:15 PM IST

कैथल: वर्तमान समय में अधिकतर वर्ग को मंदी के दौर से गुजरना पड़ रहा है तो कुछ वर्ग ऐसे भी हैं जहां अवैध तरीके से काम करने वाले लोग धड़ल्ले से पैसा कमा रहें हैं और सरकार को चूना लगाने में लगे हैं.

दरअसल हम बात कर रहें हैं टैक्सी चालकों की, जिन पर इन दिनों अवैध रूप से टैक्सी चलाने वाले लोग हावी होते जा रहें हैं. कैथल के टैक्सी स्टैंड पर बैठे व्यापारियों का कहना है कि उनके पास आरटीओ से रजिस्टर्ड नंबर प्लेट है जिसका वो पूरा टैक्स का भुगतान भी करतें है लेकिन फिर भी नीजी नंबर वाले वाहन चालक धड़ल्ले से काम करने में लगें हैं और उनकी रोजी रोटी छीन रहें हैं.

कैथल: बिना परमिट के सड़कों पर दौड़ रहीं है कैब, सरकार के राजस्व को लगा रही है चूना

प्रशासन की अनदेखी की वजह से नाराज टैक्सी चालक

टैक्सी मालिकों का कहना है कि हमारे सामने अवैध टैक्सी चालक हमारा कारोबार छीनते जा रहें हैं लेकिन हम कुछ कर भी नहीं कर सकते, क्योंकि उनकी संख्या ज्यादा है और जब विभाग में इनकी शिकायत की जाती है तब विभाग के लोग भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करते और ना ही निजी वाहन चालक कोई टैक्स भरते हैं. उन्होंने बताया कि अगर एक समय में 100 गाड़ियां टैक्सी स्टैंड पर खड़ी है तो उनमें से 70 ऐसे गाड़ियां हैं जो अवैध रूप से खड़ी की गई है और अगर उन्हें कुछ बोल दिया जाए तो बात लड़ाई तक पहंच जाती है.

टैक्सी मालिकों का कहना है कि जब वो आरटीओ विभाग में इनकी शिकायत करतें है तब विभाग के लोग भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करते और अब हालात ये हो गए है कि हमारी गाड़ी से ज्यादा लोग अवैध टैक्सी को ही किराए पर बुक करके ले जाते हैं.

अवैध टैक्सी चलाने वालों की मौज, नहीं देना पड़ता टैक्स

ट्रैक्सी स्टैंड के प्रधान ने बताया कि अवैध रूप से टैक्सी चलाने वाले चालक किसी भी राज्य में बेहद कम रुपयों में जा सकते हैं, क्योंकि उनको ना ही कोई सालाना रजिस्ट्रेशन के रूप में पैसा देना पड़ता है और ना ही अन्य कोई भुगतान उनको करना पड़ता है. लेकिन हमारी टैक्सी किसी दूसरे राज्य में जाती है तो ढाई सौ से लेकर 500 रुपये तक हमें दूसरे राज्य में प्रवेश करने के लिए देने पड़ते हैं और 10,000 रुपये सालाना हरियाणा सरकार को हमें रजिस्टर्ड टैक्सी के रूप में देने पड़ते हैं जबकि अवैध टैक्सी वालों को ये राशि नहीं देनी पड़ती.

दरअसल पीली नंबर वाली टैक्सी आरटीओ विभाग द्वारा रजिस्टर्ड होती हैं और उन्हें परमिट दिया जाता है जिन्हें अन्य किसी राज्य में जाने पर उन्हें अधिक टैक्स का भुगतान करना होता लेकिन प्राइवेट गाड़ियां यानी सफेद नंबर प्लेट वाले वाहन का न तो रजिस्ट्रेशन होता है और ना ही उनके पास परमिट और वो टैक्सी चालक इन दिनों वैध तरीके से काम करने वाले टैक्सी मालिकों पर हावी होते जा रहें हैं.

ये भी पढ़िए: कैथल: लोगों की जिंदगी पर भारी फैक्ट्रियों से निकलने वाला कैमिकल, पर्यावरण में घुल रहा है जहर

वहीं टैक्सी मालिकों का कहना है कि जब तक प्रशासन इन अवैध तरीके से टैक्सी चालकों पर लगाम नहीं लगाएगा तब तक उनकी सामने दो वक्त की रोटी कमाने की समस्या बनी रहेगी. कैथल के टैक्सी मालिकों ने प्रशासन पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए हैं.

इन लोगों का मानना है की जब तक सरकार सख्त रवैया नहीं अपनाएगी तब तक अवैध तरीके से टैक्सी चलाने वाले लोग हम लोगों की रोजी रोटी छिनते रहेंगे. इसलिए वो चाहतें है की प्रशासन इस तरफ ध्यान दें और उनकी समस्या तो जल्द हल करे.

कैथल: वर्तमान समय में अधिकतर वर्ग को मंदी के दौर से गुजरना पड़ रहा है तो कुछ वर्ग ऐसे भी हैं जहां अवैध तरीके से काम करने वाले लोग धड़ल्ले से पैसा कमा रहें हैं और सरकार को चूना लगाने में लगे हैं.

दरअसल हम बात कर रहें हैं टैक्सी चालकों की, जिन पर इन दिनों अवैध रूप से टैक्सी चलाने वाले लोग हावी होते जा रहें हैं. कैथल के टैक्सी स्टैंड पर बैठे व्यापारियों का कहना है कि उनके पास आरटीओ से रजिस्टर्ड नंबर प्लेट है जिसका वो पूरा टैक्स का भुगतान भी करतें है लेकिन फिर भी नीजी नंबर वाले वाहन चालक धड़ल्ले से काम करने में लगें हैं और उनकी रोजी रोटी छीन रहें हैं.

कैथल: बिना परमिट के सड़कों पर दौड़ रहीं है कैब, सरकार के राजस्व को लगा रही है चूना

प्रशासन की अनदेखी की वजह से नाराज टैक्सी चालक

टैक्सी मालिकों का कहना है कि हमारे सामने अवैध टैक्सी चालक हमारा कारोबार छीनते जा रहें हैं लेकिन हम कुछ कर भी नहीं कर सकते, क्योंकि उनकी संख्या ज्यादा है और जब विभाग में इनकी शिकायत की जाती है तब विभाग के लोग भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करते और ना ही निजी वाहन चालक कोई टैक्स भरते हैं. उन्होंने बताया कि अगर एक समय में 100 गाड़ियां टैक्सी स्टैंड पर खड़ी है तो उनमें से 70 ऐसे गाड़ियां हैं जो अवैध रूप से खड़ी की गई है और अगर उन्हें कुछ बोल दिया जाए तो बात लड़ाई तक पहंच जाती है.

टैक्सी मालिकों का कहना है कि जब वो आरटीओ विभाग में इनकी शिकायत करतें है तब विभाग के लोग भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करते और अब हालात ये हो गए है कि हमारी गाड़ी से ज्यादा लोग अवैध टैक्सी को ही किराए पर बुक करके ले जाते हैं.

अवैध टैक्सी चलाने वालों की मौज, नहीं देना पड़ता टैक्स

ट्रैक्सी स्टैंड के प्रधान ने बताया कि अवैध रूप से टैक्सी चलाने वाले चालक किसी भी राज्य में बेहद कम रुपयों में जा सकते हैं, क्योंकि उनको ना ही कोई सालाना रजिस्ट्रेशन के रूप में पैसा देना पड़ता है और ना ही अन्य कोई भुगतान उनको करना पड़ता है. लेकिन हमारी टैक्सी किसी दूसरे राज्य में जाती है तो ढाई सौ से लेकर 500 रुपये तक हमें दूसरे राज्य में प्रवेश करने के लिए देने पड़ते हैं और 10,000 रुपये सालाना हरियाणा सरकार को हमें रजिस्टर्ड टैक्सी के रूप में देने पड़ते हैं जबकि अवैध टैक्सी वालों को ये राशि नहीं देनी पड़ती.

दरअसल पीली नंबर वाली टैक्सी आरटीओ विभाग द्वारा रजिस्टर्ड होती हैं और उन्हें परमिट दिया जाता है जिन्हें अन्य किसी राज्य में जाने पर उन्हें अधिक टैक्स का भुगतान करना होता लेकिन प्राइवेट गाड़ियां यानी सफेद नंबर प्लेट वाले वाहन का न तो रजिस्ट्रेशन होता है और ना ही उनके पास परमिट और वो टैक्सी चालक इन दिनों वैध तरीके से काम करने वाले टैक्सी मालिकों पर हावी होते जा रहें हैं.

ये भी पढ़िए: कैथल: लोगों की जिंदगी पर भारी फैक्ट्रियों से निकलने वाला कैमिकल, पर्यावरण में घुल रहा है जहर

वहीं टैक्सी मालिकों का कहना है कि जब तक प्रशासन इन अवैध तरीके से टैक्सी चालकों पर लगाम नहीं लगाएगा तब तक उनकी सामने दो वक्त की रोटी कमाने की समस्या बनी रहेगी. कैथल के टैक्सी मालिकों ने प्रशासन पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए हैं.

इन लोगों का मानना है की जब तक सरकार सख्त रवैया नहीं अपनाएगी तब तक अवैध तरीके से टैक्सी चलाने वाले लोग हम लोगों की रोजी रोटी छिनते रहेंगे. इसलिए वो चाहतें है की प्रशासन इस तरफ ध्यान दें और उनकी समस्या तो जल्द हल करे.

Last Updated : Dec 1, 2020, 8:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.