कैथल: जिले में पराली को जलाने की बजाय उसका प्रबंधन करने वाले लगभग 19 हजार किसानों के लिए खुशखबरी है. उनके खातों में सरकार ने करीब 12 करोड़ आठ लाख रुपये जमा कराए हैं. योजना के तहत इससे पहले मार्च में पहली किस्त लगभग चार करोड़ रुपये किसानों के बैंक खातों में जमा कराई गई थी. गौरतलब है कि इन किसानों ने विभिन्न मशीनों के जरिए पराली प्रबंधन का काम किया था. इनके खातों में कृषि विभाग ने एक हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से राशि जमा कराई है.
कैथल सहायक कृषि अभियंता जगदीश मलिक ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2022-23 में कैथल में 19 हजार किसानों ने एक लाख 86 हजार एकड़ के लिए विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया था. इसके लिए विभाग द्वारा इन सभी किसानों को 1000 रुपये प्रति एकड़ सहायता राशि दी जानी थी. इस स्कीम के तहत लगभग पांच हजार किसानों ने कैथल में सीटू पराली प्रबंधन के लिए आवेदन किया था.
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यानी इन किसानों ने कृषि यंत्रों के माध्यम से पराली को काटकर खेत की मिट्टी में ही मिला दिया था. वहीं लगभग 14 हजार किसानों ने पराली के एक्स सीटू प्रबंधन के माध्यम से स्ट्रा बेलर मशीन से पराली की गांठें बनवाई. इस स्कीम में जिला कैथल हरियाणा में अग्रणी रहा है. कैथल में पराली प्रबंधन से आगजनी की घटनाओं में भी कमी आई है, कैथल की बात करें तो यहां आग लगने की घटनाएं 50 प्रतिशत कम हुई हैं.
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उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत पहली किस्त लगभग चार करोड़ रुपये मार्च में ही किसानों के खातों में जमा करा दी गई थी. दूसरी किस्त मुख्यालय से बजट प्राप्त होते ही लगभग 12 करोड़ 8 लाख रुपये किसानों के बैंक खातों में जमा करवा दिए हैं. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि इस वर्ष भी ज्यादा से ज्यादा किसान इस स्कीम का लाभ उठाएं. जिससे न सिर्फ किसानों को फायदा होगा बल्कि वातावरण व भूमि भी प्रदूषित होने से बचेगी.