कैथल: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बार फिर खट्टर सरकार को कई मुद्दों पर घेरा है. सुरजेवाला ने कहा है कि सीवन-गुहला-पिपली-शाहाबाद-बबैन-इस्माईलाबाद में धान की खेती पर पाबंदी तानाशाही हुक्मनामा है.
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार आए दिन उत्तरी हरियाणा, खासतौर से कैथल व कुरुक्षेत्र जिले के किसान से दुश्मनी निकाल रही है. आए दिन किसान को नए-नए घाव देना खट्टर सरकार की आदत बन गई है. लगता है कि अन्नदाता किसान को चोट पहुंचाना ही भाजपा-जजपा सरकार का राजधर्म है.
खट्टर सरकार पर बरसे सुरजेवाला
सुरजेवाला ने कहा कि अब तो पानी सर से पार हो गया है, क्योंकि खट्टर सरकार ने कैथल व कुरुक्षेत्र के किसान की खेती उजाड़ने, आढ़ती व दुकानदार का धंधा बंद करने और राइस शैलर व चावल उद्योग पर तालाबंदी करने का प्लान बना लिया है.
सुरजेवाला ने कहा कि भूजल का संरक्षण आवश्यक है, लेकिन भूजल संरक्षण के नाम पर उत्तरी हरियाणा, खासतौर से कैथल-कुरुक्षेत्र के किसान के मुंह का निवाला छीन लेना बिल्कुल मंजूर नहीं किया जा सकता. वो भी एक ऐसी खट्टर सरकार के द्वारा जिन्होंने बनी बनाई ‘दादूपुर नलवी रिचार्ज नहर परियोजना’ की भी तालाबंदी कर दी और पूरे उत्तरी हरियाणा के किसान को ना भरपाई होने वाला नुकसान पहुंचाया.
'किसान के मुंह से निवाला छीन रही है सरकार'
सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ तो खट्टर सरकार 400 करोड़ से अधिक लागत से बनी दादूपुर नलवी रिचार्ज नहर परियोजना को बंद करती है, तो दूसरी ओर गिरते भूजल की दुहाई दे किसान के मुंह का निवाला छीनती है. ये अपने आप में किसान विरोधी चेहरे को उजागर करता है.
उन्होंने कहा कि शर्म की बात ये है कि किसानों, आढ़तियों, राईस मिल मालिकों को उजाड़ने व उनका धंधा चौपट करने के इस षडयंत्र के बावजूद भाजपा-जजपा के मंत्री, सांसद व विधायक हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और अपने मुंह पर पट्टी बांध ली है.
रणदीप सुरजेवाला ने पूछे ये सवाल ?
- कुरुक्षेत्र के 7 ब्लॉक के किसानों की रोजी रोटी छीन धान की खेती पर रोक क्यों लगाई जा रही है?
- क्या इस साल 50 प्रतिशत से अधिक धान बीजने पर लगाई गई पाबंदी अगले साल तक बढ़कर 100 प्रतिशत हो जाएगी?
- क्या ये किसान को उजाड़ने, आढ़ती का धंधा बंद करने व राईस मिलों पर तालाबंदी करने का कार्य नहीं है?