कैथल: प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों के साथ भेदभाव की नीति अपनाई जा रही है. प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए बोर्ड की परीक्षाओं में इस बार दोहरा मापदंड अपनाए जा रहे हैं.
जिमखाना क्लब में मीडिया से बातचीत करते हुए कुलभूषण शर्मा ने कहा कि ग्रामीण प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के लिए सरकार की ओर से प्रमाण जारी किया गया है कि वो शहर के किसी स्कूल में जाकर बच्चों की परीक्षाएं दिलवाएं. जबकि सरकारी स्कूलों के लिए ऐसा कोई भी निर्देश नहीं है. सरकारी स्कूलों के बच्चों की परीक्षाएं या तो उसी स्कूल में या फिर पास के गांव के स्कूल में परीक्षा ली जा रही है.
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'प्राइवेट स्कूल के बच्चों के साथ भेदभाव'
उन्होंने कहा कि इसमें प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का कसूर क्या है? क्या प्राइवेट स्कूलों के बच्चे नकल करते हैं? इतना ही नहीं बोर्ड की ओर से प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के लिए परीक्षा केंद्र 15 से 20 किलोमीटर दूर बनाए गए हैं. जो गलत है. उन्होंने कहा कि वो खुद मांग करते हैं कि परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए.
कोर्ट जाने की दी चेतावनी
इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हरियाणा शिक्षा बोर्ड अपने आदेशों पर फिर से विचार नहीं करेगा तो निजी स्कूल संचालक कोर्ट जाएंगे.