कैथल: कोरोना वायरस की दूसरी लहर काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. हरियाणा में भी काफी मामले सामने आ रहे हैं जिसको लेकर ईटीवी भारत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गोद लिए हुए गांव क्योड़क में जाकर जायजा लिया और ये जानने कि कोशिश की, कि मुख्यमंत्री के गोद लिए हुए गांव में कोरोना से निपटने के लिए किस तरीके के बंदोबस्त किए गए हैं.
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जब हम गांव में बनी पीएचसी में गए तो वहां के मेडिकल ऑफिसर ने ईटीवी भारत के पत्रकार से बदतमीजी से बात की और मौके पर पुलिस को बुला लिया, जबकि पत्रकार ने सिर्फ गांव में कोरोना वायरस के आंकड़े पूछे थे और इसी से खफा होकर उन्होंने पुलिस को बुला लिया ताकि कहीं मुख्यमंत्री के गोद लिए हुए गांव की असलियत लोगों के सामने ना आ जाए.
वहीं गांव के सरपंच से जब बात की गई तो बलकार सिंह आर्य ने बताया कि गांव में 50 से ज्यादा कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं और स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना के सैंपल लेने में काफी लापरवाही बरत रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी है.
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सरपंच बलकार सिंह आर्य ने बताया कि रोजाना उनके पास गांव के युवाओं के फोन आते हैं कि उनको कोरोना का टीका नहीं लगा है जबकि उन्होंने वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन भी करवाया हुआ है.
गांव के सरपंच ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और सरकार को चाहिए कि गांव में कोरोना वायरस की जांच के लिए अच्छे बंदोबस्त के जाए जिससे लोगों का समय रहते ही इलाज हो जाए और किसी की जान ना जाए.
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गांव के सरपंच की बात सुने के बाद आप ये अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के गोद लिए हुए गांव में ही कोरोना से निपटने के लिए कोई प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं. अब तक गांव में लगभग 4 से 5 लोग कोरोना कि वजह से अपनी जान गवां चुके हैं. लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग लापरवाही बरत रहा है और बहुत धीमी गति से लोगों को टीका लगाने का काम किया जा रहा है.