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'कृषि सुधार कानून से किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव होगा'

सांसद नायब सैनी ने किसानों को कृषि कानूनों के फायदे बताए. उन्होंने कहा कि इन कानूनों से किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव होगा. इस दौरान सांसद ने विपक्षी दलों पर भी गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया.

nayab saini
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Published : Oct 3, 2020, 3:57 PM IST

कैथल: महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा और सांसद नायब सैनी ने लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में प्रेस वार्ता की और कृषि कानूनों से किसानों को होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी. सांसद नायब सैनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इन कानूनों का मंडी और एमएसपी से कोई सरोकार नहीं है. किसान अपनी फसलों को मंडियों में न्यूनतम मूल्य पर पहले की तरह बेचते रहेंगे. इन कानूनों से किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव होगा.

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव को देखने के हित में नहीं है. बल्कि इन लोगों ने 55 साल तक किसानों का शोषण किया और अब किसानों के हितैषी बनने का प्रयास कर रहे हैं.

क्लिक कर देखें वीडियो.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरगामी सोच के चलते किसानों की आय में जबरदस्त इजाफा होगा. जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. सरकार ने 2014 से अब तक किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम किया है.

ये भी पढ़ें- बरोदा उपचुनाव में ताल ठोकने को तैयार 'नेता जी', यहां देखिए दावेदारों की EXCLUSIVE लिस्ट

उन्होंने कहा कि भविष्य में किसानों की फसल भंडारण के लिए आधारभूत संरचनाएं बनाने के लिए सरकार द्वारा एक लाख करोड़ रुपये से अलग बजट का प्रावधान किया गया है. इसके साथ-साथ एफपीओ के लिए भी अलग नीति बनाई गई है. प्रदेश के किसान मंडियों में 30 क्विंटल प्रति एकड़ फसल ला सकता है. इसके अलावा 10% अतिरिक्त भी फसल बेचने के लिए ला सकता है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने 2014 के बाद एमएसपी को डेढ़ गुना बढ़ाने का काम किया है और स्वामीनाथन रिपोर्ट में भी किसानों को लाभ देने की बात कही है. इसको भाजपा सरकार ने ही पूरा किया है. उन्होंने कहा कि इससे पहले स्वामीनाथन रिपोर्ट के लिए गठित की गई कमेटी ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया. किसानों को फसलों के लाभकारी मूल्य देने के बजाय सभी सुझाव को डस्टबिन में डालने का काम किया है.

कैथल: महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा और सांसद नायब सैनी ने लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में प्रेस वार्ता की और कृषि कानूनों से किसानों को होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी. सांसद नायब सैनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इन कानूनों का मंडी और एमएसपी से कोई सरोकार नहीं है. किसान अपनी फसलों को मंडियों में न्यूनतम मूल्य पर पहले की तरह बेचते रहेंगे. इन कानूनों से किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव होगा.

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव को देखने के हित में नहीं है. बल्कि इन लोगों ने 55 साल तक किसानों का शोषण किया और अब किसानों के हितैषी बनने का प्रयास कर रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरगामी सोच के चलते किसानों की आय में जबरदस्त इजाफा होगा. जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. सरकार ने 2014 से अब तक किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम किया है.

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उन्होंने कहा कि भविष्य में किसानों की फसल भंडारण के लिए आधारभूत संरचनाएं बनाने के लिए सरकार द्वारा एक लाख करोड़ रुपये से अलग बजट का प्रावधान किया गया है. इसके साथ-साथ एफपीओ के लिए भी अलग नीति बनाई गई है. प्रदेश के किसान मंडियों में 30 क्विंटल प्रति एकड़ फसल ला सकता है. इसके अलावा 10% अतिरिक्त भी फसल बेचने के लिए ला सकता है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने 2014 के बाद एमएसपी को डेढ़ गुना बढ़ाने का काम किया है और स्वामीनाथन रिपोर्ट में भी किसानों को लाभ देने की बात कही है. इसको भाजपा सरकार ने ही पूरा किया है. उन्होंने कहा कि इससे पहले स्वामीनाथन रिपोर्ट के लिए गठित की गई कमेटी ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया. किसानों को फसलों के लाभकारी मूल्य देने के बजाय सभी सुझाव को डस्टबिन में डालने का काम किया है.

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