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स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर गंभीर नहीं कैथल के पार्षद

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Published : Feb 10, 2021, 1:35 PM IST

परीक्षा को सफल बनाने के लिए नगर परिषद कार्यालय में पार्षदों की बैठक बुलाई गई थी. बैठक में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी पांखुरी गुप्ता और नगर पालिका चेयरपर्सन सीमा कश्यप ने मौजूद थी.

meeting on cleanliness kaithal
सफाई को लेकर नगर परिषद की बैठक

कैथल: जिले में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए नगर परिषद ने अपनी कमर कस ली है. इसी कड़ी में नगर परिषद कार्यालय में पार्षदों की बैठक बुलाई गई. बैठक में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी पांखुरी गुप्ता और नगर पालिका चेयरपर्सन सीमा कश्यप भी मौजूद थी.

इस बैठक में मात्र दस पार्षद और तीन पार्षद प्रतिनिधि ही पहुंचे. आधा घंटा इंतजार करने के बाद 13 पार्षद और पार्षद प्रतिनिधियों के साथ ही मीटिंग शुरू की गई. इसको देखकर ऐसा लगता है कि शहर के पार्षद सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं हैं.

हैरत तो तब हुई जब अधिकारियों ने पार्षदों से सर्वेक्षण सफल बनाने के लिए सुझाव देने के लिए कहा, लेकिन पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों की समस्याएं गिनवाना शुरू कर दी. पार्षदों ने कहा कि वार्डों में नियमित रूप से सफाई नहीं की जा रही है. महीने में लाखों रुपये सफाई पर खर्च हो रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी शहर स्वच्छता में हर बार पिछड़ जाता है.

उन्होंने मांग रखी कि हर वार्ड में कम से कम पांच सफाई कर्मचारी दिए जाएं. कर्मचारियों की हाजिरी दरोगा की जगह पार्षदों को लेने के लिए आदेश दिए जाएं. पांखुरी गुप्ता ने कहा कि सभी पार्षदों को पत्र जारी किए जाएंगे. उनसे सफाई को लेकर समस्याएं और सुझाव पूछे जाएंगे. मीटिग में ईओ बलबीर सिंह, सुपरिटेंडेंट पवन कुमार, चेयरपर्सन प्रतिनिधि सुरेश कश्यप मौजूद थे.

ये भी पढ़े: गंदे पानी की निकासी से परेशान ग्रामीणों ने BDPO दफ्तर पर जड़ा ताला

76 लाख रुपये की लागत से सफाई करने के लिए मंगवाई गई मशीनों को भी पार्षदों ने कहा कि इस मशीन से नगर परिषद को नुकसान हो रहा है और सड़कों पर सफाई भी नियमित नहीं हो रही है. हर महीने 5 लाख रुपये का इस मशीन पर खर्चा आ रहा है. उन्होंने कहा कि मशीन का ठेका ना देकर नप कर्मचारियों को दी जाए ताकि खर्च से बचा जा सके.

कैथल: जिले में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए नगर परिषद ने अपनी कमर कस ली है. इसी कड़ी में नगर परिषद कार्यालय में पार्षदों की बैठक बुलाई गई. बैठक में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी पांखुरी गुप्ता और नगर पालिका चेयरपर्सन सीमा कश्यप भी मौजूद थी.

इस बैठक में मात्र दस पार्षद और तीन पार्षद प्रतिनिधि ही पहुंचे. आधा घंटा इंतजार करने के बाद 13 पार्षद और पार्षद प्रतिनिधियों के साथ ही मीटिंग शुरू की गई. इसको देखकर ऐसा लगता है कि शहर के पार्षद सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं हैं.

हैरत तो तब हुई जब अधिकारियों ने पार्षदों से सर्वेक्षण सफल बनाने के लिए सुझाव देने के लिए कहा, लेकिन पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों की समस्याएं गिनवाना शुरू कर दी. पार्षदों ने कहा कि वार्डों में नियमित रूप से सफाई नहीं की जा रही है. महीने में लाखों रुपये सफाई पर खर्च हो रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी शहर स्वच्छता में हर बार पिछड़ जाता है.

उन्होंने मांग रखी कि हर वार्ड में कम से कम पांच सफाई कर्मचारी दिए जाएं. कर्मचारियों की हाजिरी दरोगा की जगह पार्षदों को लेने के लिए आदेश दिए जाएं. पांखुरी गुप्ता ने कहा कि सभी पार्षदों को पत्र जारी किए जाएंगे. उनसे सफाई को लेकर समस्याएं और सुझाव पूछे जाएंगे. मीटिग में ईओ बलबीर सिंह, सुपरिटेंडेंट पवन कुमार, चेयरपर्सन प्रतिनिधि सुरेश कश्यप मौजूद थे.

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76 लाख रुपये की लागत से सफाई करने के लिए मंगवाई गई मशीनों को भी पार्षदों ने कहा कि इस मशीन से नगर परिषद को नुकसान हो रहा है और सड़कों पर सफाई भी नियमित नहीं हो रही है. हर महीने 5 लाख रुपये का इस मशीन पर खर्चा आ रहा है. उन्होंने कहा कि मशीन का ठेका ना देकर नप कर्मचारियों को दी जाए ताकि खर्च से बचा जा सके.

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