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कैथल: काम न मिलने से परेशान मनरेगा मजदूरों ने किया प्रदर्शन - हरियाणा मनरेगा मजदूर समस्या

कैथल में मनरेगा मजदूरों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी. मनरेगा मजदूरों ने बताया कि जॉब कार्ड न होने की वजह से उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है.

MNREGA workers protest for not getting work in kaithal
MNREGA workers protest for not getting work in kaithal
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Published : Jun 30, 2020, 1:55 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 3:06 PM IST

कैथल: लगातार काम न मिलने से परेशान मनरेगा मजदूरों ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. मजदूरों ने कहा कि खट्टर सरकार मनरेगा मजदूरों की लगातार अनदेखी कर रही है. सरकार मजदूरों की तरफ ध्यान नहीं दे रही, जिसकी वजह से उनको रोजगार नहीं मिल पा रहा है. मजदूरों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मनरेगा एक्ट को पूरी तरह से लागू नहीं किया है.

उन्होंने कहा कि सरकार के इस रवैये की वजह से हम मजदूरों का घर चलाना मुश्किल हो गया है. मनरेगा मजदूर यूनियन के प्रदेश महासचिव फूल सिंह ने बताया कि सरकार ने हमारी कई मांगों को मान लिया था, लेकिन उसे अभी तक लागू नहीं किया है. उन्होंने बताया कि मनरेगा मजदूर सरकार की स्कीम के तहत काम करता है. उन सभी मजदूरों के जॉब कार्ड बनाने की मांग की.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार इन मजदूरों के जॉब कार्ड नहीं बनाएगी तो हम मजदूर काम पर कैसे जाएंगे? इस प्रदर्शन के बाद मजदूरों ने लघु सचिवालय में डीसी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनको उनकी योजनाओं का लाभ दिया जाए. उन्होंने बताया कि मनरेगा मजदूरों को महीने में सिर्फ 5 दिन ही काम मिलता है.

ये भी पढ़ें- कोरोना मरीज मिलने के बाद पंचकूला के ये क्षेत्र कंटेनमेंट जोन घोषित

बता दें कि मनरेगा मजदूरों को 284 रुपये रोजाना का भुगतान किया जाता है. ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग इसमें 63 रुपये बढाने का जो प्रस्ताव भेजा था, उसको मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंजूरी दे दी थी.

इसके बाद हरियाणा में न्यूनतम मजदूरी 334 रुपये तय किया गया था. गौरतलब है कि न्यूनतम मजदूरी के मामले में हरियाणा देश में सबसे ऊपर है, लेकिन इन सब के बावजूद मनरेगा मजदूर काम के लिए तरस रहे हैं.

कैथल: लगातार काम न मिलने से परेशान मनरेगा मजदूरों ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. मजदूरों ने कहा कि खट्टर सरकार मनरेगा मजदूरों की लगातार अनदेखी कर रही है. सरकार मजदूरों की तरफ ध्यान नहीं दे रही, जिसकी वजह से उनको रोजगार नहीं मिल पा रहा है. मजदूरों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मनरेगा एक्ट को पूरी तरह से लागू नहीं किया है.

उन्होंने कहा कि सरकार के इस रवैये की वजह से हम मजदूरों का घर चलाना मुश्किल हो गया है. मनरेगा मजदूर यूनियन के प्रदेश महासचिव फूल सिंह ने बताया कि सरकार ने हमारी कई मांगों को मान लिया था, लेकिन उसे अभी तक लागू नहीं किया है. उन्होंने बताया कि मनरेगा मजदूर सरकार की स्कीम के तहत काम करता है. उन सभी मजदूरों के जॉब कार्ड बनाने की मांग की.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार इन मजदूरों के जॉब कार्ड नहीं बनाएगी तो हम मजदूर काम पर कैसे जाएंगे? इस प्रदर्शन के बाद मजदूरों ने लघु सचिवालय में डीसी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनको उनकी योजनाओं का लाभ दिया जाए. उन्होंने बताया कि मनरेगा मजदूरों को महीने में सिर्फ 5 दिन ही काम मिलता है.

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बता दें कि मनरेगा मजदूरों को 284 रुपये रोजाना का भुगतान किया जाता है. ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग इसमें 63 रुपये बढाने का जो प्रस्ताव भेजा था, उसको मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंजूरी दे दी थी.

इसके बाद हरियाणा में न्यूनतम मजदूरी 334 रुपये तय किया गया था. गौरतलब है कि न्यूनतम मजदूरी के मामले में हरियाणा देश में सबसे ऊपर है, लेकिन इन सब के बावजूद मनरेगा मजदूर काम के लिए तरस रहे हैं.

Last Updated : Jun 30, 2020, 3:06 PM IST
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