कैथलः कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर पूरे भारत में 21 दिन के लिए लॉकडाउन है. जिसके चलते पूरे देश में कामकाज ठप है. अगर हम बात करें कृषि क्षेत्र की तो गेहूं और सरसों की कटाई किसानों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है. खेतों में गेहूं और सरसों की फसल पक तक तैयार है जिसके चलते किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीर साफ तौर पर दिखाई दे रही हैं.
लॉकडाउन ने बढ़ाई किसानों की परेशानी
लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में धारा 144 लागू है. जिसमें कई लोग एक साथ इकट्ठे नहीं हो सकते हैं और ना ही बाहर सड़कों पर आ सकते हैं. इसी वहज से किसानों की परेशानी और बढ़ गई है. क्योंकि किसान अकेला फसल काट नहीं सकता है और अगर मजदूरों से काम कराया जाए तो कई मजदूरों की जरूरत पड़ेगी. किसान अगर कृषि उपकरण से अपनी फसल काटे तो उसके लिए भी उनको सड़क पर निकलना पड़ेगा, क्योंकि काम में लेने से पहले कृषि उपकरण की मरम्मत करनी पड़ेगी और फसल कटने के तुरंत बाद उसे बेचने के लिए अनाज मंडी जाना पड़ेगा. अगर मंडी में खरीद होती है तो वहां किसानों की भीड़ हो जाएगी और सरकार ने भीड़ ना होने देने के लिए ही लॉकडाउन किया है.
सरकार से राहत देने की अपील
किसानों का कहना है कि उनकी गेहूं की फसल पूरी तरह से पक के तैयार है, जिसकी एक हफ्ते बाद कटाई चालू हो जाएगी. अपनी समस्याओं को लेकर किसानों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से राहत देने की अपील की है. किसानों का कहना है कि बेमौसम बरसात के चलते उनकी आधी फसल खराब हो चुकी है. अगर अब भी समय पर कटाई नहीं होती है, तो पूरी फसल तबाह हो जाएगी और उनकी 6 महीने की कमाई खत्म हो जाएगी.
किसानों के साथ जुड़े हैं खेतिहर मजदूर
किसानों का कहना है कि खेती के काम से सिर्फ उनका ही गुजारा नहीं चलता. उससे जुड़े मजदूर भी गांव में होते हैं, जिनका अनाज भी इन किसानों के खेतों से ही जाता है. ऐसे में किसानों ने सरकार से लॉकडाउन में राहत की मांग की है ताकि वो अपनी फसल आसानी से काट और बेच सकें.
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