कैथल: हरियाणा में कबूतरबाजी के मामले (Kabutarbazi in Haryana) लगातार बढ़ रहे हैं. गृहमंत्री अनिल विज की सख्ती के बावजूद प्रदेश में अनाधिकृत इमीग्रेशन एजेंट धड़ल्ले से काम कर रहे हैं. लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले इन फर्जी एजेंटों पर पुलिस शिकंजा कसने का दावा तो करती है लेकिन उनका खेल बदस्तूर जारी है. कैथल जिले में पिछले 6 महीने में कुल 46 मामले दर्ज किये गये हैं.
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6 महीने में 44 आरोपी गिरफ्तार- शुक्रवार को कैथल डीएसपी ललित कुमार ने जिले में कबूतरबाजों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कि कैथल जिले में पिछले 6 महीने के दौरान कुल 46 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें 44 आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा गया है. इन सभी केसों में आरोपियों द्वारा युवाओं के साथ 6.50 करोड़ रुपयों की ठगी की जा चुकी है.
कैथल में कोई मान्यता प्राप्त इमीग्रेशन सेंटर नहीं- डीएसपी ने कहा कि कैथल में एक भी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इमीग्रेशन सेंटर नहीं है, इसीलिए युवा किसी के भी बहकावे में न आएं और जो भी युवा विदेश जाना चाहता है वो सरकार द्वारा अधिकृत इमीग्रेशन सेंटर के माध्यम से ही पूरी पूछताछ के बाद विदेश जाने की अपनी फाइल लगाए. शहर में बढ़ रहे अनाधिकृत इमिग्रेशन सेंटरों पर कार्रवाई करने के सवाल पर डीएसपी ने कहा कि फिलहाल उन्होंने एक टीम का गठन किया है जो शहर में चल रहे अनाधिकृत इमिग्रेशन सेंटर का डाटा इकट्ठा कर रही है. उनके पास जैसे ही इन सेंटरों का डाटा आएगा तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
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हरियाणा से बड़ी संख्या में विदेश जा रहे युवा- हरियाणा में विदेश भेजने के नाम पर ठगी का मामला काफी गंभीर हो चुका है. पंजाब के बाद सबसे ज्यादा युवा इस समय हरियाणा से विदेश जा रहे हैं या फिर जाने की कोशिश में रहते हैं. केवल कैथल जिले की बात करें तो हर महीने आठ सौ से एक हजार युवा विदेश जाने के लिए उड़ान भरते हैं. विदेश जाने के लिए वो अच्छी खासी रकम खर्च करने को भी तैयार हो जाते हैं. इसी का फायदा उठाकर फर्जी एजेंट पैसा ऐंठ लेते हैं. कई बार तो युवा को गलत रास्ते से विदेश में ले जाकर फंसा दाते हैं. इन्हीं मामलों को देखते हुए हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज कई बार सख्त कार्रवाई का आदेश दे चुके हैं लेकिन इसका असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है.
कबूतरबाजों से निपटने के लिए SIT का गठन- इसी साल अप्रैल महीने में गृहमंत्री अनिल विज ने कबूतरबाजी के मामलों से निपटने के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी का इंचार्ज अंबाला रेंज के आईजी सिबास कबिराज को बनाया गया है. इसमें कैथल एसपी और अंबाला एसपी जश्नदीप रंधावा को भी शामिल किया गया था. एसआईटी को निर्देश दिया गया था कि वो विदेश भेजने के नाम पर चल रहे गैरकानूनी इमीग्रेशन सेंटर और एजेंटों की जांच करें और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.
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