कैथल: 15 फरवरी को कलायत में किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा. इस महापंचायत के लिए पूर्व मंत्री जयप्रकाश ने गुहला चीका में लोगों को न्योता दिया. जय प्रकाश ने बताया कि केंद्र सरकार ने तीन काले कानून पेश किए गए हैं. वो किसानों के हक में नहीं हैं. हल्का कलायत में महापंचायत के दौरान हजारों लोग राष्ट्रपति के नाम अपने-अपने रैज्यूलेशन इस कानून के खिलाफ देंगे. उन्होंने कहा कि वो देश के प्रधानमंत्री से भी उन काले कानूनों को वापस लेने के लिए अपील करेंगे.
उन्होंने कहा कि किसानों के साथ हटधर्मी या तो ये सरकार कर रही है, या फिर इससे पहले 2002 में चौधरी ओम प्रकाश चौटाला ने की थी. तब बिजली बिलों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के लोगों ने धरना दिया था. तब ओपी चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री थे, उनकी जाबर पुलिस के जवानों ने 9 किसानों को गोलियों से छलनी कर दिया था. जिसका नतीजा ये था कि आज तक उनके परिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री की कुर्सी नसीब नहीं हुई.
जेजेपी पर साधा निशाना
जयप्रकाश ने कहा कि जब-जब किसानों के ऊपर किसी भी सरकार ने जुर्म किया है. उस सरकार से इंसान तो क्या, भगवान भी नाराज हो जाता है. दुष्यंत चौटाला पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें भी अपने दादा और उनके चाचा की हुई दुर्गति से सीख लेनी चाहिए. उन्हें अभी अक्ल नहीं आई है. उन्होंने कहा कि आज इस सरकार से व्यापारी, किसान, मजदूर सभी कमेरा वर्ग दुखी है.
जननायक जनता पार्टी के संस्थापक अजय चौटाला ने कहा था कि दुष्यंत चौटाला का इस्तीफा मेरी जेब में है. अगर इस्तीफा देने से हल निकलता है तो अभी इस्तीफा दे दूं. इसपर जयप्रकाश ने कहा कि उनकी जेब क्या कोई बड़ी तिजोरी है या फिर कोई विधानसभा स्पीकर का कोई दफ्तर है. किसान तो उनके इस्तीफे की मांग ही नहीं कर रहे. दरअसल वो लोगों को बहका रहे हैं. उन्होंने ने कहा कि ये तो सृष्टि का सबसे झूठा परिवार है.
ये भी पढ़ें- भिवानी: कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसानों को लेकर विवादित बयान पर मांगी माफी
उन्होंने अजय चौटाला के बारे में कहा कि अगर उनके अंदर थोड़ी सी नैतिकता बाकी है. तो उन्हें बीजेपी से समर्थन वापस ले लेना चाहिए. इसके बाद हरियाणा की सरकार 15 मिनट में गिर जाएगी. प्रजातंत्र मेंं राजा वहींं होता है जो प्रजा के दिलों में बेेठकर राज करें. दिल्ली के कंक्रीट के दीवार के बीच नहीं. वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के द्वारा दिए आंदोलन के दौरान जो भी संपत्ति का नुकसान हुआ है. उन्हें आंदोलनकारियों से वसूलने की खबर पर उन्होंने कहा कि ये बखूबी कर रहे हैं, लेकिन सरकार की गलत नीतियोंं के कारण जो नुकसान जनता का हुआ है. सरकार उसकी भरपाई कैसे करेगी.