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पेट्रोल पंप पर मिलावटी पेट्रोल-डीजल मिलने से परेशान लोग, देखें रिपोर्ट

पेट्रोल पंप से मिलावटी डीजल-पेट्रोल और कम मिलने की शिकायतें अक्सर आती रहती हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की टम पहुंची कैथल के फिलिंग स्टेशन. यहां भी खाद्य आपूर्ति विभाग को पेट्रोल में मिलावट होने की शिकायतें मिली हैं.

Irregularities in petrol-diesel filling station in kaithal
मिलावटी पेट्रोल-डीजल मिलने पर 4 फिलिंग स्टेशन के खिलाफ DFSC को मिली शिकायतें
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Published : Oct 17, 2020, 8:10 PM IST

कैथल: आजकल लोगों के घरों में सदस्यों से ज्यादा वाहन दिखाई देते हैं. इनको चलाने के लिए हर जिले में सैकड़ों की संख्या में पेट्रोल पंप लगाए गए हैं. जहां से हर रोज हजारों लीटर पेट्रोल-डीजल इन वाहनों में भरा जाता है. पेट्रोल डीजल चाहे कितना भी महंगा क्यों ना हो जाए? लेकिन लोग फिर भी सरकारी वाहनों का प्रयोग कम और अपने निजी वाहनों का प्रयोग ज्यादा करते हैं. जब लोग अपने वाहनों में पेट्रोल डलवाने के लिए पेट्रोल पंप पर जाते हैं तो उनको परेशानियां भी झेलनी पड़ती है. कई बार पेट्रोल-डीजल कम मिलता है तो कई बार मिलावटी पेट्रोल-डीजल मिलने से उनके वाहन भी खराब हो जाते हैं.

शिकायतों पर प्रशासन का ढुलमुल रवैया

कैथल जिले में 139 पेट्रोल पंप हैं. जहां से लोग वाहनों में डीजल-पेट्रोल भरवाते हैं, लेकिन सवाल ये बनता है कि क्या ये सभी पेट्रोल पंप लोगों को बिना मिलावट का पेट्रोल-डीजल पूरी मात्रा में दे रहे हैं? तो जवाब है नहीं. क्योंकि जिले में 1 साल में चार पेट्रोल पंप के खिलाफ शिकायतें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को मिली. जिनमें पहली शिकायत 28 फरवरी को एचपी सत्या फिलिंग स्टेशन के खिलाफ हुई. दूसरी 7 मार्च आयुष फिलिंग स्टेशन, तीसरी 31 जुलाई को एसके फिलिंग स्टेशन और चौथी शिकायत 4 अगस्त को एसकेएस पेट्रोल पंप के खिलाफ मिली, जिनमें से एक के सैंपल सही निकले, दो की रिपोर्ट आनी बाकी है और 1 पेट्रोल पंप पर मिलावट पाए जाने पर नोटिस जारी कर दिया गया.

पंप चालक ने ग्राहकों पर फोड़ा ठीकरा

कई बार पेट्रोल पंप पर काम कर रहे कर्मचारी मीटर में गड़बड़ी कर देते हैं, जिसकी वजह से लोगों को कम पेट्रोल मिलता है. तो कई बार ऐसा भी देखा गया है कि वाहनों के टेंको से पेट्रोल के साथ पानी निकलता. जिससे लोगों के वाहन भी खराब हो जाते हैं. पेट्रोल-डीजल में मिल रही शिकायतों पर ईटीवी भारत की टीम ने कैथल में एचपीसीएल पेट्रोल पंप डीलर से बात की तो उन्होंने इसका ठीकरा लोगों पर ही फोड़ दिया.

मिलावटी पेट्रोल-डीजल मिलने पर 4 फिलिंग स्टेशन के खिलाफ DFSC को मिली शिकायतें

उन्होंंने कहा कि पेट्रोल पंप पर जब पेट्रोल आता है तो यहां पहले ही सैंपलिंग होती है. वो खुद मिलावटी पेट्रोल नहीं खरीदते. जांच परख कर ही पेट्रोल-डीजल लिया जाता है, लेकिन जब वाहन चालक खरीदते हैं तो कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि वाहनों के ढक्कन ढीले होने की वजह से पानी चला जाता है. इसमें पेट्रोल पंप चालक का कोई दोष नहीं होता.

ये भी पढ़ें:-शिक्षा मंत्री के गृह जिले यमुनानगर में नहीं खुले स्कूल, अभी भी नोटिफिकेशन का इंतजार

अभी तक नहीं आई सैंपल रिपोर्ट

कैथल में पेट्रोल पंप से मिली 4 शिकायतों में से अधिकतर का निपटारा नहीं हुआ है. इससे पता चलता है कि प्रशासन यहां पर कितनी ढिलाई दे रहा है. दो की तो अभी तक जांच रिपोर्ट भी नहीं आई है. ऐसे में लोगों को न्याय की क्या ही उम्मीद की जा सकती है? और प्रशासन की इसी लापरवाही की वजह से पेट्रोप पंप डीलरों को भी किसी प्रकार का भय नहीं है.

कैथल: आजकल लोगों के घरों में सदस्यों से ज्यादा वाहन दिखाई देते हैं. इनको चलाने के लिए हर जिले में सैकड़ों की संख्या में पेट्रोल पंप लगाए गए हैं. जहां से हर रोज हजारों लीटर पेट्रोल-डीजल इन वाहनों में भरा जाता है. पेट्रोल डीजल चाहे कितना भी महंगा क्यों ना हो जाए? लेकिन लोग फिर भी सरकारी वाहनों का प्रयोग कम और अपने निजी वाहनों का प्रयोग ज्यादा करते हैं. जब लोग अपने वाहनों में पेट्रोल डलवाने के लिए पेट्रोल पंप पर जाते हैं तो उनको परेशानियां भी झेलनी पड़ती है. कई बार पेट्रोल-डीजल कम मिलता है तो कई बार मिलावटी पेट्रोल-डीजल मिलने से उनके वाहन भी खराब हो जाते हैं.

शिकायतों पर प्रशासन का ढुलमुल रवैया

कैथल जिले में 139 पेट्रोल पंप हैं. जहां से लोग वाहनों में डीजल-पेट्रोल भरवाते हैं, लेकिन सवाल ये बनता है कि क्या ये सभी पेट्रोल पंप लोगों को बिना मिलावट का पेट्रोल-डीजल पूरी मात्रा में दे रहे हैं? तो जवाब है नहीं. क्योंकि जिले में 1 साल में चार पेट्रोल पंप के खिलाफ शिकायतें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को मिली. जिनमें पहली शिकायत 28 फरवरी को एचपी सत्या फिलिंग स्टेशन के खिलाफ हुई. दूसरी 7 मार्च आयुष फिलिंग स्टेशन, तीसरी 31 जुलाई को एसके फिलिंग स्टेशन और चौथी शिकायत 4 अगस्त को एसकेएस पेट्रोल पंप के खिलाफ मिली, जिनमें से एक के सैंपल सही निकले, दो की रिपोर्ट आनी बाकी है और 1 पेट्रोल पंप पर मिलावट पाए जाने पर नोटिस जारी कर दिया गया.

पंप चालक ने ग्राहकों पर फोड़ा ठीकरा

कई बार पेट्रोल पंप पर काम कर रहे कर्मचारी मीटर में गड़बड़ी कर देते हैं, जिसकी वजह से लोगों को कम पेट्रोल मिलता है. तो कई बार ऐसा भी देखा गया है कि वाहनों के टेंको से पेट्रोल के साथ पानी निकलता. जिससे लोगों के वाहन भी खराब हो जाते हैं. पेट्रोल-डीजल में मिल रही शिकायतों पर ईटीवी भारत की टीम ने कैथल में एचपीसीएल पेट्रोल पंप डीलर से बात की तो उन्होंने इसका ठीकरा लोगों पर ही फोड़ दिया.

मिलावटी पेट्रोल-डीजल मिलने पर 4 फिलिंग स्टेशन के खिलाफ DFSC को मिली शिकायतें

उन्होंंने कहा कि पेट्रोल पंप पर जब पेट्रोल आता है तो यहां पहले ही सैंपलिंग होती है. वो खुद मिलावटी पेट्रोल नहीं खरीदते. जांच परख कर ही पेट्रोल-डीजल लिया जाता है, लेकिन जब वाहन चालक खरीदते हैं तो कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि वाहनों के ढक्कन ढीले होने की वजह से पानी चला जाता है. इसमें पेट्रोल पंप चालक का कोई दोष नहीं होता.

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अभी तक नहीं आई सैंपल रिपोर्ट

कैथल में पेट्रोल पंप से मिली 4 शिकायतों में से अधिकतर का निपटारा नहीं हुआ है. इससे पता चलता है कि प्रशासन यहां पर कितनी ढिलाई दे रहा है. दो की तो अभी तक जांच रिपोर्ट भी नहीं आई है. ऐसे में लोगों को न्याय की क्या ही उम्मीद की जा सकती है? और प्रशासन की इसी लापरवाही की वजह से पेट्रोप पंप डीलरों को भी किसी प्रकार का भय नहीं है.

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