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कर्मयोद्धा बनकर सेवा कर रहे सफाई कर्मियों के लिए भी होना चाहिए बीमा योजना का ऐलान

कोरोना वायरस को मात देने के लिए नगर-निगम के सफाई कर्मचारी कर्मयोद्धा बनकर सेवा कर रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा इनके लिए अभी तक किसी तरह के बीमा योजना की घोषणा नहीं की गई है. इनकी मांग है कि इन्हें भी बीमा योजना का लाभ मिले जिससे उनके पीछे उनका परिवार गुजारा कर सके.

Insurance scheme should also be announced for cleaning workers
Insurance scheme should also be announced for cleaning workers
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Published : Apr 2, 2020, 2:47 PM IST

कैथल: कोरोना वायरस के चलते जहां पूरा देश लॉकडाउन है, वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लोगों की सेवा में लगातार कार्यरत हैं. पुलिस भी लॉकडाउन को कामयाब करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है, लेकिन इन सभी के बीच एक ऐसा वर्ग भी है जिनके बारे में न तो कोई बात करता है न ही इनकी कभी सुनी जाती है. सफाई कर्मियों का ये वर्ग हमेशा अपेक्षित ही रहा है, जबकि ऐसे वक्त में इन्हें इन्फेक्शन का सबसे ज्यादा खतरा है.

कोरोना वायरस को मात देने के लिए नगर-निगम के सफाई कर्मचारी कर्मयोद्धा बनकर सेवा कर रहे हैं. एकतरफा जहां लॉकडाउन में सब अपने घरों में हैं, वहीं दूसरी ओर ये सफाई कर्मचारी रोज घर-घर जाकर कूड़ा उठा रहे हैं. इसके साथ ही शहर को साफ सुथरा करके कोरोना वायरस के खतरे को कम करने में जुटे हैं.

सफाई कर्मी राकेश कुमार ने बताया कि वो लोग दिन-रात घरों से कचरा उठा रहे हैं, ताकि शहर में कोई बीमारी न फैले और लोग स्वस्थ रह सकें. उनका कहना है कि महामारी के इस दौर में उनके घरवालों को भी हमेशा उनकी चिंता सताती रहती है. लेकिन उन्हें बिना रुके और बिना डरे काम करना पड़ता है. ताकि लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

ये भी पढ़ें-पंचकूला में कोरोना मरीजों की संख्या हुई 2, स्टाफ नर्स भी मिली पॉजिटिव

सरकार ने स्वास्थ्य विभाग, मीडिया और अन्य कर्मचारी जो ऐसी आपातकाल की स्थिति में काम कर रहे हैं उनके लिए बीमा की घोषणा कर दी है लेकिन सफाई कर्मचारियों के लिए अभी तक सरकार ने कोई रिस्क कवर करने की घोषणा नहीं की है. उनकी मांग है कि सरकार उनके बारे में भी सोचे. उनके लिए भी अच्छे मुआवजे का प्रावधान रखें ताकि उनके पीछे उनका परिवार गुजारा कर सके.

कैथल: कोरोना वायरस के चलते जहां पूरा देश लॉकडाउन है, वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लोगों की सेवा में लगातार कार्यरत हैं. पुलिस भी लॉकडाउन को कामयाब करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है, लेकिन इन सभी के बीच एक ऐसा वर्ग भी है जिनके बारे में न तो कोई बात करता है न ही इनकी कभी सुनी जाती है. सफाई कर्मियों का ये वर्ग हमेशा अपेक्षित ही रहा है, जबकि ऐसे वक्त में इन्हें इन्फेक्शन का सबसे ज्यादा खतरा है.

कोरोना वायरस को मात देने के लिए नगर-निगम के सफाई कर्मचारी कर्मयोद्धा बनकर सेवा कर रहे हैं. एकतरफा जहां लॉकडाउन में सब अपने घरों में हैं, वहीं दूसरी ओर ये सफाई कर्मचारी रोज घर-घर जाकर कूड़ा उठा रहे हैं. इसके साथ ही शहर को साफ सुथरा करके कोरोना वायरस के खतरे को कम करने में जुटे हैं.

सफाई कर्मी राकेश कुमार ने बताया कि वो लोग दिन-रात घरों से कचरा उठा रहे हैं, ताकि शहर में कोई बीमारी न फैले और लोग स्वस्थ रह सकें. उनका कहना है कि महामारी के इस दौर में उनके घरवालों को भी हमेशा उनकी चिंता सताती रहती है. लेकिन उन्हें बिना रुके और बिना डरे काम करना पड़ता है. ताकि लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

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सरकार ने स्वास्थ्य विभाग, मीडिया और अन्य कर्मचारी जो ऐसी आपातकाल की स्थिति में काम कर रहे हैं उनके लिए बीमा की घोषणा कर दी है लेकिन सफाई कर्मचारियों के लिए अभी तक सरकार ने कोई रिस्क कवर करने की घोषणा नहीं की है. उनकी मांग है कि सरकार उनके बारे में भी सोचे. उनके लिए भी अच्छे मुआवजे का प्रावधान रखें ताकि उनके पीछे उनका परिवार गुजारा कर सके.

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