कैथल: भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni Farmer Leader) ने किसानों के साथ बैठक की. बैठक के बाद चढूनी ने कहा कि 7 तारीख को जो हमारी रैली है. उसपर चर्चा की गई है. किसानों की भागेदारी इस आंदोलन में ज्यादा से ज्यादा हो. इस बात पर मंथन किया गया है. किसानों पर हुई एफआईआर पर गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि पूरे हरियाणा में किसानों पर पर्चे दर्ज हुए हैं.
चढूनी ने कहा कि सरकार को लगता है कि पर्चे दर्ज होने से आंदोलन (Farmers Agitation) दब जाएगा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. किसान डरने वाला नहीं है. अब तक लगभग 40000 किसानों पर पर्चे दर्ज हो चुके हैं. हम सरकार से कह चुके हैं अगर आप किसानों पर कार्रवाई करना चाहते हैं तो बताएं हम खुद गिरफ्तारी देने आ जाएंगे.
सरकार द्वारा किसानों की हो रही बेरुखी पर गुरनाम सिंह ने कहा कि सरकार राज हट कर रही है. राज हट ना तो राजा के लिए अच्छा होती है ना ही जनता के लिए.
किसान देशभक्तों की तरह आंदोलन लड़ रहे हैं. ये देश को बचाने और देश को बेचने से रोकने का आंदोलन है. करनाल लाठीचार्ज (Lathi charge on farmers karnal) पर उन्होंने कहा कि किसान बिल्कुल भी अराजक नहीं हैं. किसान जहां पर आंदोलन कर रहे थे. मुख्यमंत्री को वहां से लगभग 15 किलोमीटर दूर आना था. इतनी दूर किसानों ने कौनसी अराजकता फैलाई, उल्टा बैठे हुए किसानों पर पुलिस ने बेरहमी से लाठियां बरसाई.
करनाल के एसएचओ पर उन्होंने कहा कि जब कोई दुश्मन मारता है तो दुख नहीं होता, परंतु कोई अपना मारता है तो तकलीफ ज्यादा होती है. जिस तरीके से उसने लाठियां बरसाई, गाड़ियां तुड़वाई. ये कानून के दायरे में नहीं आता हमारा कहना ये है कि जो अपने परिवारों से लोग आते हैं, उन्हें थोड़ी शर्म करनी चाहिए. पेपर लीक मामले पर चढूनी ने कहा कि जिन लोगों को पेपर पास करवाना होता है उन लोगों के पास पेपर पहले ही पहुंच जाता है. इससे ज्यादा मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा.
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गुरनाम सिंह चढूनी ने करनाल में हुए लाठीचार्ज पर भरपाई की मांग करते हुए कहा कि जो लोग इस लाठीचार्ज में घायल हुए हैं. उनको 2 लाख रुपये का मुआवजा और जो किसान शहीद हुआ है उसके घरवालों को 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए. चढूनी ने कहा कि 7 तारीख को करनाल की बड़ी अनाज मंडी में पूरे हरियाणा की एक महापंचायत की जाएगी और उसके बाद करनाल के लघु सचिवालय का घेराव किया जाएगा.