गुहला चीका: हरियाणा सरकार ने गुहला ब्लॉक को डार्क जोन घोषित कर दिया है. डार्क जोन घोषित करने के बाद सीएम खट्टर ने इस ब्लॉक के लोगों से धान की फसल नहीं लगाने की अपील की है.सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए गुहला विधायक ईश्वर सिंह ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करे. उन्होंने कहा कि गुहला चीका में करीब 95 राइस मिल हैं. जो यहां पर पैदा होने वाले धान पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि सरकार की स्कीम मेरा पानी मेरी विरासत धरातल पर कामयाब नहीं है.
जेजेपी के गुहला विधायक ईश्वर सिंह ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र के 95 प्रतिशत ग्राम पंचायतों से संपर्क किया. सभी ने सरकार के धान की खेती नहीं करने के फैसले से असहमत थे. उन्होंने कहा कि किसान किसी भी कीमत पर धान की फसल नहीं लगाने के हक में नही है.
डाकर और कलर है यहां की मिट्टी
गुहला विधायक ने कहा कि हमारा क्षेत्र घग्गर नदी के बीचों-बीच है. जिसमें हर साल बाढ़ आती है. जिसके चलते अन्य फसल बाढ़ की मार झेल नहीं सकती. उन्होंने कहा कि यहां की मिट्टी पर किसी अन्य फसल का पैदावार हो ही नहीं सकता. उन्होंने कहा कि यहां की जमीन डाकर और कलर की है. इस जमीन में अन्य फसलों की खेती नहीं हो सकती. इसलिए इस इलाके में धान के अलावा कोई अन्य फसल पैदा हो ही नहीं सकती.
अन्य फसलों में आय नहीं
गुहला विधायक ईश्वर सिंह ने कहा कि यहां पर लोग ठेके पर जमीन लेकर खेती करते थे. लेकिन सरकार के इस फैसले के चलते 98 फीसदी लोगों ने जमीन ठेके पर लेने से मना कर दिया है. जिसके चलते जो मालिक खुद खेती नहीं करते थे. वो आज परेशान और हताश हैं. उन्होंने कहा कि किसान एक एकड़ में 40 हजार से 45 हजार की फसल तैयार कर लेता है. अगर मक्का की बात की जाए तो मक्का की आय धान के तीसरे हिस्से के बराबर भी नहीं है. वहीं सरकार कह रही है कि वो 7 हजार की सब्सिडी दे रही है पर किसानों ने तो सब्सिडी लेने से इंकार कर दिया है.
राइस मिल के कारोबार पर खतरा
विधायक ने कहा कि चीका में लगभग 95 के करीब राइस मिल है. जो धान की फसल पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि यहां पर धान के अलावा किसी दूसरी फसल को पैदा नहीं किया जा सकता. अगर यहां पर धान का पैदावार नहीं होगा तो राइस मिल के कारोबार बंद हो जाएंगे. क्योंकि व्यापार का रॉ मैटेरियल ही धान है. गुहला विधायक मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर किसानों की इन सभी समस्याओं से रुबरु कराया और अपने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की.
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