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कैथल: किसानों के साथ आए आढ़ती, कृषि अध्यादेशों के विरोध में बंद की अनाज मंडी

कैथल के आढ़तियों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आढ़तियों का कहना है कि ये अध्यादेश किसानों और आढ़तियों का भाईचारा तोड़ने की साजिश है.

Grain market closed in protest against agricultural ordinances in kaithal
Grain market closed in protest against agricultural ordinances in kaithal
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Published : Sep 18, 2020, 10:23 PM IST

कैथल: केंद्र सरकार के कृषि अध्यादेशों के विरोध में किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के साथ अब आढ़ती भी धरने पर बैठ गए हैं. इसी कड़ी में कैथल के आढ़तियों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आढ़तियों का कहना है कि ये अध्यादेश किसानों और आढ़तियों का भाईचारा तोड़ने की साजिश है.

अनाज मंडी के प्रधान अश्विनी सोरेवाला ने कहा कि इन अध्यादेशों में ये लिखा हुआ है कि किसान अपनी फसल को कहीं भी बेच सकता है और उसको सीधी पेमेंट दी जाएगी लेकिन खुद किसान ही उसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि किसानों का आढ़ती के बिना काम नहीं चलता और आढ़ती लोग भी किसानों से जुड़े हुए हैं.

किसानों के साथ आए आढ़ती, कृषि अध्यादेशों के विरोध में बंद की अनाज मंडी

उन्होंने कहा कि आढ़तियों की रोजी-रोटी भी किसानों के साथ मिलकर ही चल रही है. इसमें मजदूर, किसान और आढ़ती एक चेन के साथ बंधे हुए हैं, जो एक साथ मिलकर काम करते हैं. अगर ये अध्यादेश पूर्ण रूप से लागू हो जाते हैं तो इसमें तीनों वर्ग पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे.

ये भी पढे़ं- कृषि विधेयक: ईटीवी भारत से बातचीत में कृषि मंत्री ने दिया किसानों के हर सवाल का जवाब

उन्होंने कहा कि कृषि अध्यादेशों को लेकर किसानों और आढ़तियों में काफी रोष है, क्योंकि पीपली में उनके ऊपर लाठीचार्ज किया गया था. जबकि वो तो अपनी बात शांतिपूर्वक रखने के लिए गए हुए थे. इसीलिए किसान भी पूरे हरियाणा में जिला स्तर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

वहीं आढ़तियों ने भी सरकार को चेतावनी दी है कि वो किसी भी तरह के बड़े आंदोलन में किसानों के साथ हैं. 20 सितंबर को किसान हरियाणा की सड़कों को जाम करेंगे, जिसमें वो किसानों का साथ देंगे. 25 सितंबर को भारत में भी आढ़ती किसानों के साथ हैं. उन्होंने कहा कि अब अनाज मंडी को बंद कर दिया गया है. ये मंडियां तभी खुलेंगी जब कृषि अध्यादेशों को वापस ले लिया जाएगा.

कैथल: केंद्र सरकार के कृषि अध्यादेशों के विरोध में किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के साथ अब आढ़ती भी धरने पर बैठ गए हैं. इसी कड़ी में कैथल के आढ़तियों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आढ़तियों का कहना है कि ये अध्यादेश किसानों और आढ़तियों का भाईचारा तोड़ने की साजिश है.

अनाज मंडी के प्रधान अश्विनी सोरेवाला ने कहा कि इन अध्यादेशों में ये लिखा हुआ है कि किसान अपनी फसल को कहीं भी बेच सकता है और उसको सीधी पेमेंट दी जाएगी लेकिन खुद किसान ही उसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि किसानों का आढ़ती के बिना काम नहीं चलता और आढ़ती लोग भी किसानों से जुड़े हुए हैं.

किसानों के साथ आए आढ़ती, कृषि अध्यादेशों के विरोध में बंद की अनाज मंडी

उन्होंने कहा कि आढ़तियों की रोजी-रोटी भी किसानों के साथ मिलकर ही चल रही है. इसमें मजदूर, किसान और आढ़ती एक चेन के साथ बंधे हुए हैं, जो एक साथ मिलकर काम करते हैं. अगर ये अध्यादेश पूर्ण रूप से लागू हो जाते हैं तो इसमें तीनों वर्ग पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे.

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उन्होंने कहा कि कृषि अध्यादेशों को लेकर किसानों और आढ़तियों में काफी रोष है, क्योंकि पीपली में उनके ऊपर लाठीचार्ज किया गया था. जबकि वो तो अपनी बात शांतिपूर्वक रखने के लिए गए हुए थे. इसीलिए किसान भी पूरे हरियाणा में जिला स्तर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

वहीं आढ़तियों ने भी सरकार को चेतावनी दी है कि वो किसी भी तरह के बड़े आंदोलन में किसानों के साथ हैं. 20 सितंबर को किसान हरियाणा की सड़कों को जाम करेंगे, जिसमें वो किसानों का साथ देंगे. 25 सितंबर को भारत में भी आढ़ती किसानों के साथ हैं. उन्होंने कहा कि अब अनाज मंडी को बंद कर दिया गया है. ये मंडियां तभी खुलेंगी जब कृषि अध्यादेशों को वापस ले लिया जाएगा.

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