कैथल: हरियाणा की राज्य मंत्री कमलेश ढांडा के विधानसभा क्षेत्र कलायत एरिया में तेज बारिश के बाद पानी ओवरफ्लो होने से बाढ़ जैसे हालात बन गए (heavy rain in Kaithal) हैं. जिससे प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन द्वारा बरसात से निपटने के लिए किए गए दावे फेल हो गए हैं. गलियों और सड़कों पर भी जलभराव हो गया है. कलायत इंटरनल बाईपास की सड़क पानी में डूबने से बंद (Flood like situation in Kalayat) है. वहां से गुजरना जान को जोखिम में डालने जैसा है.
बच्चों का स्टेडिय से लेकर लोगों के खेत-खलियान और घर तक पानी में डूब गए हैं. गांव में गंदे पानी की निकासी के लिए सिर्फ तालाब ही एक विकल्प है. पंचायत विभाग द्वारा न तो तालाबों की खुदाई करवाई गई है और न ही पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध किए (water logging in Kalayat) गए हैं. प्रशासन की कुप्रबंध के कारण बारिश में घरों से गंदा पानी निकलने के लिए बनाई गई नालियां बंद हो चुकी हैं. गंदा पानी गलियों और सड़कों पर जमा हो गया है.
बारिश के बाद तालाब ओवरफ्लो होने से इसके आसपास बसे ग्रामीणों को सबसे अधिक दिक्कत हो रही है. गांवों में तालाब की जमीन पर बड़े स्तर पर अवैध कब्जे हो चुके हैं. लंबे समय से तालाबों की खुदाई नहीं हुई है. पानी निकासी न होने के कारण बरसात का गंदा पानी गलियों और घरों में घुस रहा है. निचले इलाकों में तो स्थिति और भी गंभीर हो गई है. लोगों का आरोप है कि उनकी इस समस्या को लेकर न तो कोई अधिकारी उनके पास आया और न ही कोई नेता.
उन्होंने कहा कि राज्य मंत्री कमलेश ढांडा वोट मांगने तो आई लेकिन अब वह मंत्री बन गई है और कलायत के लोगों को भूल गई (water logging in Kaithal) हैं. अब न तो मंत्री और न ही कोई अधिकारी लोगों की सुध लेने आते हैं. ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से एक बार फिर इस समस्या के समाधान की मांग की है. बता दें की 21 जुलाई को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला कैथल आए थे और उन्होंने कहा था की कलायत में जलभराव की समस्या को जल्द हल करवा दिया जाएगा. लेकिन अभी तक कोई अधिकारी मौके का जायजा लेने नहीं पंहुचा है. उन्होंने कहा अगर जल्द पानी की निकासी नहीं हुई तो कलायत में बाढ़ आ सकती है. क्योंकि बरसात का मौसम है और आने वाले दिनों में ज्यादा बारिश हो सकती है.