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कैथल: धान की खेती को लेकर किसानों ने किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

कैथल: प्रदेश सरकार ने जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के 19 ब्लॉक में धान की खेती पर रोक लगाई गई है. वहीं कैथल में किसानों ने सरकार के फैसले से नाराज होकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने कहा कि सरकार को एक बार फिर अपने फैसले पर ध्यान देना चाहिए.

Farmers protest against the government in Kaithal
कैथल: धान की खेती को लेकर किसानों ने किया सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
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Published : May 14, 2020, 3:56 PM IST

कैथल: सरकार ने जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के 19 ब्लॉक में धान की खेती पर रोक लगाई गई है. इनमें से 8 ब्लॉक्स विशेषतः चिन्हित किए गए हैं सीवन, गुहला, जिला कैथल, पीपली, शाहबाद, बबैन, इस्माईलाबाद, जिला कुरुक्षेत्र, रतिया, जिला फतेहाबाद और जिला सिरसा. बता दें कि कुल 1,79,951 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया है. जिसमें से 50 प्रतिशत 2,22,334 एकड़ भूमी पर धान की खेती पर रोक लगा दी गई है.

वहीं किसानों ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार को किसानों के हित के फैसले नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि इस तरह की योजनाएं बनाने से पहले किसानों की जमीनी हकीकत नहीं जानी जाती है. किसानों ने कहा कि हरियाणा में ऐसे और भी कई क्षेत्र हैं जहां पर पानी यहां से भी ज्यादा गहराई पर है. उन्होंने कहा कि सरकार का ये फैसला भी बिल्कुल गलत है कि धान की फसल नहीं लगानी है.

कैथल: धान की खेती को लेकर किसानों ने किया सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

किसानों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण किसान ज्यादा इकट्ठे नहीं हो रहे लेकिन जैसे ही लोग लॉकडाउन खत्म होगा किसान सड़कों पर आकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. क्योंकि धान से अलग इस क्षेत्र में और कोई फसल हो नहीं सकती है.

ये भी पढ़िए: आर्थिक पैकेज होगा हरियाणा के 1,00,000 MSMEs के लिए संजीवनी!

उन्होने कहा कि यहां लगभग 15 से 20 दिन तक कई गांव बाढ़ की चपेट में रहते हैं. क्योंकि यहां से घग्गर नदी गुजरती है जिसके कारण इस क्षेत्र में बाढ़ आती है. किसानों ने कहा कि सरकार को अपने इस फैसले पर एक बार दोबारा विचार करना चाहिए. नहीं तो किसान बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

कैथल: सरकार ने जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के 19 ब्लॉक में धान की खेती पर रोक लगाई गई है. इनमें से 8 ब्लॉक्स विशेषतः चिन्हित किए गए हैं सीवन, गुहला, जिला कैथल, पीपली, शाहबाद, बबैन, इस्माईलाबाद, जिला कुरुक्षेत्र, रतिया, जिला फतेहाबाद और जिला सिरसा. बता दें कि कुल 1,79,951 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया है. जिसमें से 50 प्रतिशत 2,22,334 एकड़ भूमी पर धान की खेती पर रोक लगा दी गई है.

वहीं किसानों ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार को किसानों के हित के फैसले नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि इस तरह की योजनाएं बनाने से पहले किसानों की जमीनी हकीकत नहीं जानी जाती है. किसानों ने कहा कि हरियाणा में ऐसे और भी कई क्षेत्र हैं जहां पर पानी यहां से भी ज्यादा गहराई पर है. उन्होंने कहा कि सरकार का ये फैसला भी बिल्कुल गलत है कि धान की फसल नहीं लगानी है.

कैथल: धान की खेती को लेकर किसानों ने किया सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

किसानों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण किसान ज्यादा इकट्ठे नहीं हो रहे लेकिन जैसे ही लोग लॉकडाउन खत्म होगा किसान सड़कों पर आकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. क्योंकि धान से अलग इस क्षेत्र में और कोई फसल हो नहीं सकती है.

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उन्होने कहा कि यहां लगभग 15 से 20 दिन तक कई गांव बाढ़ की चपेट में रहते हैं. क्योंकि यहां से घग्गर नदी गुजरती है जिसके कारण इस क्षेत्र में बाढ़ आती है. किसानों ने कहा कि सरकार को अपने इस फैसले पर एक बार दोबारा विचार करना चाहिए. नहीं तो किसान बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

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