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कैथल में 'मेरा पानी, मेरी विरासत' योजना के खिलाफ किसानों ने खोला मोर्चा

कैथल में किसानों ने सरकार की 'मेरा पानी, मेरी विरासत' योजना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन बाढ़ग्रस्त इलाके में आती है. यहां पर किसान धान नहीं करेंगे तो क्या करेंगे? अन्य फसल को जंगली पशु खा जाते हैं.

farmers protest against mera pani, meri virasat scheme in kaithal
farmers protest against mera pani, meri virasat scheme in kaithal
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Published : May 21, 2020, 10:18 AM IST

कैथल: 'मेरा पानी, मेरी विरासत' योजना के तहत धान लगाने की पाबंदी के विरोध में ब्लॉक सीवन और गुहला के किसानों ने गांव कांग्थली में धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान किसानों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने कहा कि उनकी कृषि योग्य भूमि है. घग्गर और सरस्वती नदी के बीच बाढ़ग्रस्त एरिया है. यहां पर धान के सीजन में दूसरी फसल नहीं हो सकती.

'जमीनी स्तर पर मुआयना करे सरकार'

सीवन-गुहला ब्लॉक का कुछ एरिया जंगल के साथ लगता है. इसलिए दलहन वाली फसलें जंगली जानवर खराब कर देते हैं. बाढ़ से फसल को बचाने के लिए छोटी-छोटी ड्रेन बनाई गई हैं. उसके बावजूद भी उनका नुकसान ज्यादा होता है. पानी को बचाने के लिए तालाब बनाकर जमीनी स्तर पर मुआयना किया जाए. किसानों ने मांगों लेकर ब्लॉक पंचायत अधिकारी रोजी को एक ज्ञापन सौंपा, ताकि वो किसानों की मांग को सरकार तक पहुंचा सकें.

किसान ने डिप्टी सीएम को भी लिया आड़े हाथ

किसान नेता साहब सिंह संधू ने गठबंधन सरकार पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि इस सरकार में अफसरशाही हावी है. डिप्टी सीएम के बारे में उन्होंने कहा कि इनके पूर्वजों ने पाटीदारों के ऊपर जुल्म ढाए थे. उसी तरह डिप्टी सीएम भी ग्राम पंचायतों को ग्राम सभा के माध्यम से ठेके पर देने की बात करते हैं. कभी फसल बिकने को लेकर नई-नई बयानबाजी करते हैं. धरातल पर किसानों के साथ सलाह मशवरा करके कोई भी काम नहीं कर रहे.

ये भी पढ़े:-गेहूं के अवशेष जलाने से बढ़ा प्रदूषण, नासा ने जारी की तस्वीरें

ब्लॉक पंचायत अधिकारी का किसानों को आश्वासन

ब्लॉक पंचायत अधिकारी रोजी ने किसानों का ज्ञापन लेते हुए उन्हें भरोसा दिलाया है कि वो उनकी मांगों को उपायुक्त महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री हरियाणा तक पहुंचाएंगे. उनकी समस्या का हल किया जाएगा. किसानों को लगातार सरकार की स्कीम के बारे में जागरुक किया जाएगा, ताकि किसान उन स्कीम का फायदा उठा सकें.

कैथल: 'मेरा पानी, मेरी विरासत' योजना के तहत धान लगाने की पाबंदी के विरोध में ब्लॉक सीवन और गुहला के किसानों ने गांव कांग्थली में धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान किसानों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने कहा कि उनकी कृषि योग्य भूमि है. घग्गर और सरस्वती नदी के बीच बाढ़ग्रस्त एरिया है. यहां पर धान के सीजन में दूसरी फसल नहीं हो सकती.

'जमीनी स्तर पर मुआयना करे सरकार'

सीवन-गुहला ब्लॉक का कुछ एरिया जंगल के साथ लगता है. इसलिए दलहन वाली फसलें जंगली जानवर खराब कर देते हैं. बाढ़ से फसल को बचाने के लिए छोटी-छोटी ड्रेन बनाई गई हैं. उसके बावजूद भी उनका नुकसान ज्यादा होता है. पानी को बचाने के लिए तालाब बनाकर जमीनी स्तर पर मुआयना किया जाए. किसानों ने मांगों लेकर ब्लॉक पंचायत अधिकारी रोजी को एक ज्ञापन सौंपा, ताकि वो किसानों की मांग को सरकार तक पहुंचा सकें.

किसान ने डिप्टी सीएम को भी लिया आड़े हाथ

किसान नेता साहब सिंह संधू ने गठबंधन सरकार पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि इस सरकार में अफसरशाही हावी है. डिप्टी सीएम के बारे में उन्होंने कहा कि इनके पूर्वजों ने पाटीदारों के ऊपर जुल्म ढाए थे. उसी तरह डिप्टी सीएम भी ग्राम पंचायतों को ग्राम सभा के माध्यम से ठेके पर देने की बात करते हैं. कभी फसल बिकने को लेकर नई-नई बयानबाजी करते हैं. धरातल पर किसानों के साथ सलाह मशवरा करके कोई भी काम नहीं कर रहे.

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ब्लॉक पंचायत अधिकारी का किसानों को आश्वासन

ब्लॉक पंचायत अधिकारी रोजी ने किसानों का ज्ञापन लेते हुए उन्हें भरोसा दिलाया है कि वो उनकी मांगों को उपायुक्त महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री हरियाणा तक पहुंचाएंगे. उनकी समस्या का हल किया जाएगा. किसानों को लगातार सरकार की स्कीम के बारे में जागरुक किया जाएगा, ताकि किसान उन स्कीम का फायदा उठा सकें.

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