कैथल: हरियाणा के कैथल से चौंका देने वाली खबर सामने आई है. यहां एक मृतक व्यक्ति के नाम पर बैंक में खाता खोला गया. इसके साथ ही मृतक के नाम पर ही 15 लाख रुपये का लेनदेन भी कर लिया गया. मामला का खुलासा तब हुआ जब मृतक के घर पर बैंक की चेक बुक पहुंची. इस बात से सभी हैरत में आ गए कि जिस व्यक्ति की सात से पहले मौत हो चुकी है उसके नाम पर खाता कैसे खोला जा सकता है, साथ ही ट्रांजेक्शन भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है.
दरअसल, 2015 में मृतक कलायत निवासी रामनिवास के घर पर अचानक डाक के माध्यम से पहुंची बैंक की चेक बुक ने सभी को चौंका दिया. मृतक रामनिवास की पत्नी बीरो देवी ने पुलिस को इस बात की शिकायत दी. शिकायत में उन्होंने बताया कि उनके पति की मृत्यु 2015 में हो गई थी, जिसके बाद 2022 में उनके घर इंडियन ओवरसीज बैंक कैथल में उनके मृतक पति रामनिवास का खाता खुलने की पासबुक आई. इस बारे में उन्होंने बैंक में पता किया तो मृतक रामनिवास के नाम से वह खाता चालू था और उसमें 15 लाख रुपये की लेनदेन भी हुई थी.
शिकायतकर्ता वीरो देवी ने बैंक कर्मचारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने आपसी मिलीभगत करके उनके मृतक पति का खाता खोलकर बैंक से लोन ले लिया है. जिस सम्बन्ध में कैथल के सिविल लाइन थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. कैथल सिविल लाइन थाना एसएचओ वीरभान ने बताया कि कलायत निवासी बीरो देवी की शिकायत पर उन्होंने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, जिसमें शिकायतकर्ता का कहना है कि उनके पति की मृत्यु 2015 में होने के बाद बैंक कर्मचारियों ने आपसी मिलीभगत करके उनके मृतक पति का खाता खुलवा बैंक से उनके नाम का लोन ले लिया है.
इस संदर्भ उन्होंने मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है. आगे जो भी जांच में तथ्य सामने आएंगे उसी के अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी. वहीं इंडियन ओवरसीज बैंक कैथल के मैनेजर अनिल कुमार ने बताया कि बैंक से कोई भी लोन नहीं किया गया बल्कि मृतक रामनिवास के दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर उसके बैंक में खाता खुलवाया गया है.
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उसके बाद वह साउथ के राज्यों में लोगों के साथ ठगी करके उनके पैसे इस अकाउंट में डलवा कर निकलवा पा रहा. उसके बाद बैंक के हेड क्वार्टर से उनके पास इस खाते को तुरंत सीज करने की मेल आई. इसमें बताया गया था कि यह व्यक्ति फ्रॉड है जिसने साउथ में कई जगह फ्रॉड कर इस खाते में पैसे डलवाए हैं. जब तक बैंक को आरोपी का पता चला तब तक आरोपी करीब 15 लाख रुपये खाते से निकलवा चुका था और अब बैंक ने इस खाते को सीज कर दिया है.