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134A : हाईकोर्ट पहुंचा प्राइवेट स्कूलों द्वारा जबरन वसूली का मामला, पैरेंट्स एसोसिएशन द्वारा दाखिल याचिका पर 27 जनवरी को होगी सुनवाई - Kaithal Pairents Association

कैथल में 134A के तहत दाखिल हुए बच्चों से प्राइवेट स्कूलों द्वारा की जा रही जबरन वसूली का मामला अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच ( 134a rule private Schools In Kaithal) गया है. पैरेंट्स एसोसिएशन ने इस मामले में कोर्ट ने इस मामले में प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ एक याचिका दायर की है. इस याचिका पर 27 जनवरी को सुनवाई होनी है.

134-a rule private Schools In Kaithal
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jan 19, 2022, 10:36 AM IST

कैथल: पेरेंट्स एसोसिएशन ने स्कूलों द्वारा 134A नियम के तहत दाखिल हुए बच्चों से प्राइवेट स्कूलों द्वारा जबरन वसूली को लेकर एक याचिका दायर की गई (Case File Against private Schools in Kaithal) है. यह याचिका पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में दाखिल की गई है. इस केस में 27 जनवरी को सुनवाई होगी. पैरेस्ट एसोसिएशन का आरोप है कि 134A के तहत प्राइवेट स्कूलों में दाखिल हुए बच्चों से जबरन वसूली की जा रही है. प्राइवेट स्कूलों द्वारा बच्चों से स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट और अन्य फंड्स के नाम पर ये वसूली की जा रही है. पैरंट एसोसिएशन का कहना है कि पैसे लेने के बाद रसीद देने की बजाय सफेद पेपर पर स्टैंप लगाकर दी जाती है.

बता दें कि 134A के तहत सरकार द्वारा गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा ग्रहण करने के लिए विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में भेजा जाता है. इसका खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाता है लेकिन प्राइवेट स्कूल अपनी जेब भरने के लिए उन बच्चों से भी अनाप-शनाप फंड वसूल करते हैं. इसको लेकर लगातार शिकायतें आने के बाद कैथल की पेरेंट्स एसोसिएशन ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

134-a rule private Schools In Kaithal
स्कूलों द्वारा अभिभावको को दी गई रसीद

जिला शिक्षा अधिकारी अनिल शर्मा ने बताया कि नियमानुसार 134A के तहत पढ़ रहे बच्चों से स्कूल ट्रांसपोर्ट को छोड़कर किसी भी अन्य प्रकार का शुल्क नहीं ले सकते. उन्होंने यह भी बताया कि इस संदर्भ में उनके पास पहले कोई शिकायत नहीं आई है. अब मामला संज्ञान में आया हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

धारा 134A नियम क्या है?

134A नियम कहता है कि कोई भी गरीब परिवार का विद्यार्थी किसी भी निजी स्कूल में नि:शुल्क पढ़ सकता है. हरियाणा में 134A नियम के मुताबिक हर निजी स्कूल में 10 फीसदी सीटें बीपीएल, ईडब्ल्यूएस व गरीब छात्रों के लिए आरक्षित है. आसान भाषा में कहा जाए तो गरीब परिवार का बच्चा प्राइवेट स्कूल में फ्री में दाखिला लेकर फ्री में पढ़ाई कर सकता है. 134A रूल के तहत दाखिला लेने के लिए आपके पास तहसीलदार के द्वारा जारी किया हुआ 2 लाख से कम वार्षिक आय का प्रमाण पत्र होना जरूरी है.

ये भी पढ़ें-नियम 134 ए के तहत दाखिला नहीं मिलने पर बच्चों ने दिया धरना, डीसी ऑफिस के बाहर पाठशाला लगाकर जताया विरोध

134A में दाखिला लेने के लिए शर्तें

134A के तहत दाखिला के लिए बच्चे का परिवार Below Poverty Line (B.P.L.) गरीबी रेखा से नीचे हो या Economically Weaker Section (E.W.S.) यानी आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से ताल्लुक रखता हो. बच्चे के परिवार की आय 2 लाख या उस से कम हो. अगर बच्चे का दाखिला एक बार स्कूल में हो जाता है तो अगले साल उसी स्कूल की अगली कक्षा प्रवेश के लिए एग्जाम नहीं देना पड़ेगा. 134A के तहत एडमिशन होता है तो विधार्थी अन्य फीस जैसे Development fee, Maintenance fee, Annual fee देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग एंड स्किल एजूकेशन सिक्किम की भिवानी बोर्ड ने समकक्ष मान्यता की रद्द

134A के तहत एडमिशन के तहत स्कूल की फीस: हरियाणा के स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक कोई शुल्क नहीं है, लेकिन कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए मासिक शुल्क 25 रुपये है. 11वीं और 12वीं (कला विषय) के लिए 50 रुपये हर महीने फीस होगी. वहीं 11वीं और 12वीं कक्षा के (विज्ञान / वाणिज्य) विषय के लिए मासिक शुल्क 75 रुपये हर महीने फीस देनी होगी.

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कैथल: पेरेंट्स एसोसिएशन ने स्कूलों द्वारा 134A नियम के तहत दाखिल हुए बच्चों से प्राइवेट स्कूलों द्वारा जबरन वसूली को लेकर एक याचिका दायर की गई (Case File Against private Schools in Kaithal) है. यह याचिका पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में दाखिल की गई है. इस केस में 27 जनवरी को सुनवाई होगी. पैरेस्ट एसोसिएशन का आरोप है कि 134A के तहत प्राइवेट स्कूलों में दाखिल हुए बच्चों से जबरन वसूली की जा रही है. प्राइवेट स्कूलों द्वारा बच्चों से स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट और अन्य फंड्स के नाम पर ये वसूली की जा रही है. पैरंट एसोसिएशन का कहना है कि पैसे लेने के बाद रसीद देने की बजाय सफेद पेपर पर स्टैंप लगाकर दी जाती है.

बता दें कि 134A के तहत सरकार द्वारा गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा ग्रहण करने के लिए विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में भेजा जाता है. इसका खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाता है लेकिन प्राइवेट स्कूल अपनी जेब भरने के लिए उन बच्चों से भी अनाप-शनाप फंड वसूल करते हैं. इसको लेकर लगातार शिकायतें आने के बाद कैथल की पेरेंट्स एसोसिएशन ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

134-a rule private Schools In Kaithal
स्कूलों द्वारा अभिभावको को दी गई रसीद

जिला शिक्षा अधिकारी अनिल शर्मा ने बताया कि नियमानुसार 134A के तहत पढ़ रहे बच्चों से स्कूल ट्रांसपोर्ट को छोड़कर किसी भी अन्य प्रकार का शुल्क नहीं ले सकते. उन्होंने यह भी बताया कि इस संदर्भ में उनके पास पहले कोई शिकायत नहीं आई है. अब मामला संज्ञान में आया हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

धारा 134A नियम क्या है?

134A नियम कहता है कि कोई भी गरीब परिवार का विद्यार्थी किसी भी निजी स्कूल में नि:शुल्क पढ़ सकता है. हरियाणा में 134A नियम के मुताबिक हर निजी स्कूल में 10 फीसदी सीटें बीपीएल, ईडब्ल्यूएस व गरीब छात्रों के लिए आरक्षित है. आसान भाषा में कहा जाए तो गरीब परिवार का बच्चा प्राइवेट स्कूल में फ्री में दाखिला लेकर फ्री में पढ़ाई कर सकता है. 134A रूल के तहत दाखिला लेने के लिए आपके पास तहसीलदार के द्वारा जारी किया हुआ 2 लाख से कम वार्षिक आय का प्रमाण पत्र होना जरूरी है.

ये भी पढ़ें-नियम 134 ए के तहत दाखिला नहीं मिलने पर बच्चों ने दिया धरना, डीसी ऑफिस के बाहर पाठशाला लगाकर जताया विरोध

134A में दाखिला लेने के लिए शर्तें

134A के तहत दाखिला के लिए बच्चे का परिवार Below Poverty Line (B.P.L.) गरीबी रेखा से नीचे हो या Economically Weaker Section (E.W.S.) यानी आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से ताल्लुक रखता हो. बच्चे के परिवार की आय 2 लाख या उस से कम हो. अगर बच्चे का दाखिला एक बार स्कूल में हो जाता है तो अगले साल उसी स्कूल की अगली कक्षा प्रवेश के लिए एग्जाम नहीं देना पड़ेगा. 134A के तहत एडमिशन होता है तो विधार्थी अन्य फीस जैसे Development fee, Maintenance fee, Annual fee देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है.

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134A के तहत एडमिशन के तहत स्कूल की फीस: हरियाणा के स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक कोई शुल्क नहीं है, लेकिन कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए मासिक शुल्क 25 रुपये है. 11वीं और 12वीं (कला विषय) के लिए 50 रुपये हर महीने फीस होगी. वहीं 11वीं और 12वीं कक्षा के (विज्ञान / वाणिज्य) विषय के लिए मासिक शुल्क 75 रुपये हर महीने फीस देनी होगी.

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