कैथल: किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली रूट की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. परिवहन व्यवस्था ठप होने की वजह से रोडवेज विभाग को भी भारी नुकसान हो रहा है. आंदोलन अधिक लंबा चला तो स्थिति और बदतर हो जाएगी. अब तक कैथल रोडवेज डिपो को आंदोलन से 40 लाख के करीब नुकसान हो चुका है.
दूसरी ओर बस ना चलने से यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कैथल डिपो के बेडे़ में कुल 120 बसें शामिल हैं. इनमें से किसान आंदोलन से पहले 21 बसें दिल्ली रूट पर दौड़ती थी.
रोजाना एक बस 15 हजार के करीब आमदनी विभाग में जमा करवाती थी. कैथल और दिल्ली के बीच सड़क की दूरी करीब 200 किलोमीटर है. बसें बंद होने से यात्री भी परेशान हो रहे हैं. रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि रोडवेज की हालत सुधारने के लिए बस चलानी होगी, लेकिन अब हालत गंभीर है. ऐसे में बसें के छोटे रूट भी तय किए गए हैं.
पहले कैथल डिपो की 21 बसें दिल्ली के लिए चलती थी. अब 15 बसें करनाल या पानीपत तक जा रही हैं. इससे रोडवेज विभाग की आय पर असर पड़ रहा है. जो आय विभाग को दिल्ली तक बसें जाने से होती थी. वो आय पानीपत तक चलने से नहीं हो रही. किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली जाने वाली बस सेवा नहीं चल रही है.