कैथल: देश और प्रदेश में कोरोना का कहर लगातार जारही है. स्वास्थ्य विभाग और सरकार द्वारा विशेष हिदायतें दी जा रही हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग बना कर रहे और भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम ना करें. लेकिन शायद ये फरमान सरकार ने आम लोगों के लिए ही जारी किए हुए हैं. सरकार के मंत्री और कार्यकर्ताओं पर शायद ये फरमान लागू नहीं होते हैं.
प्रदेश भर में जिला स्तर पर करोड़ों रुपये की लागत से परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास हिसार से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया. लेकिन जिला स्तर पर सरकार ने अपने मंत्री और विधायकों की ड्यूटी इन कार्यक्रमों में लगाई गई. कैथल में भी ये कार्यक्रम किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यमंत्री कमलेश डांडा उपस्थित रही. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और कैथल प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई.
बीजेपी सरकार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का आदेश जारी करती है और खुद के मंत्री और कार्यकर्ता ही आदेशों का पालन नहीं करते हैं. अगर आम लोग होते तो शायद इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी जाती. अगर कार्यक्रम होता भी तो इतनी भीड़ भाड़ को देखकर कार्यक्रम बीच में ही बंद करवा दिया जाता. लेकिन आज ऐसा नहीं हुआ क्योंकि जो फरमान सरकार और प्रशासन जारी करता है वो आम लोगों के लिए होते हैं ना कि सरकार के लोगों के लिए.
तानाशाही सरकार और प्रशासन को एक बार विचार करना चाहिए और ऐसे कार्यक्रमों पर प्रतिबंद लगा देना चाहिए. जो इस महामारी को फैलाने में सहायक सिद्ध हो रहे हों. सरकार को ये भी सोचना चाहिए कि जो फरमान वो आम लोगों के लिए जारी करती है. उसे पहले खुद भी अमल में लाए.
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