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आयुष्मान भारत कार्ड फेल! सरकार से इलाज के लिए नहीं मिली मदद, समाजसेवियों ने दी नई जिंदगी

सरकार आयुष्मान भारत को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, धरातल पर वो दावे फेल दिखाई दे रहे हैं. जहां एक युवक का आयुष्मान भारत कार्ड होने के बावजूद उसे इलाज के लिए सरकार की ओर से कई मदद नहीं मिली. कुछ समाजसेवी लोगों ने युवक को नई जिंदगी दी है.

ayushman bharat card in kaithal
सरकार से इलाज के लिए नहीं मिली मदद, समाजसेवियों ने दी नई जिंदगी
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Published : Dec 21, 2019, 9:11 AM IST

कैथलः सरकार के झूठे दावों की पोल एक बार फिर खुलती नजर आ रही है. हरियाणा में स्वास्थ्य सेवा को लेकर किए गए वादों की सच्चाई धरातल पर कुछ और ही है. ताजा मामला कैथल से सामने आया है, जहां एक युवक का आयुष्मान भारत कार्ड होने के बावजूद उसे इलाज के लिए सरकार की ओर से कई मदद नहीं मिली.

हालांकि इसके बाद कुछ समाजसेवी लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से युवक को नई जिंदगी दी. ढांड कस्बा निवासी युवक ताराचंद पिछले 2 साल से पैरों में इंफेक्शन के कारण चलने में असमर्थ हो गए थे. पिछले 2 साल से चंडीगढ़ पीजीआई में उनका इलाज भी चल रहा है. लेकिन इलाज इतना महंगा था कि ताराचंद उसकी भरपाई नहीं कर पाते.

आयुष्मान भारत कार्ड फेल! सरकार से इलाज के लिए नहीं मिली मदद

26 हजार का एक इंजेक्शन

ताराचंद ने बताया कि तेज बुखार के कारण उनके पैरों में इंफेक्शन हो गया. चंडीगढ़ पीजीआई में उनका इलाज चल रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि ताराचंद की पैरों की नसें तो सही है लेकिन इन्फेक्शन ज्यादा है. इसके इलाज के लिए छह इंजेक्शन लगाने पड़ेंगे.

डॉक्टरों के मुताबिक एक इंजेक्शन का खर्च लगभग 26 हजार है. ताराचंद की आर्थिक स्थिति बिल्कुल कमजोर होने के कारण वो डॉक्टरों की फिस नहीं भर सकते. ताराचंद के परिवार में कोई भी कमाने वाला भी नहीं है. जिसको देखते हुए उनके दोस्त और कुछ समाजसेवी लोगों ने उनकी मदद करने की ठानी. ताराचंद की मदद करने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया और उनके इलाज के लिए पैसे जुटाए.

विदेशों से भी लोग आए सामने

ऐसे में पीड़ित के एक परिचित दोस्त महावीर और समाजसेवी राजेंद्र ने उनकी सहायता करने की गुहार सोशल मीडिया पर की. उन्होंने ताराचंद की मदद के लिए उनकी माता कमलेश देवी का खाता नंबर दिया. जिसके शेयर करने के बाद अनेक समाजसेवी लोगों ने इसकी सहायता के लिए आगे आना शुरू कर दिया.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और मैसेज को लोगों ने पढ़ा और आर्थिक रूप से मदद करने के लिए आगे आने लगे. कई समाजसेवी लोगों का कहना कि हम इसके खर्च का वहन दिया तो कोई विदेशों में बैठे जिले के अनेक समाज के लोगों ने भी उक्त पीड़ित ताराचंद की सहायता के लिए सहायता राशि दी.

ये भी पढ़ेंः विधायक के छूते ही गिरने लगीं दीवार से टाइल्स, ऐसे हैं टोहाना के रैन बसेरे

सरकार का नहीं कोई ध्यान!
वहीं पीड़ित ताराचंद का कहना है कि उसने आयुष्मान भारत का कार्ड भी बनवा रखा है. उसके बावजूद सरकार द्वारा उसके इलाज के लिए कोई भी सहायता नहीं दी गई. गौरतलब है कि आयुष्मान भारत के कार्ड पर 5 लाख तक का इलाज किया जाएगा, लेकिन ताराचंद को इसका लाभ नहीं मिला.

ऐसे में जो सरकार आयुष्मान भारत को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, धरातल पर वो दावे फेल दिखाई देते हैं. ऐसे में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को अपनी ऐसी योजनाओं की तरफ ध्यान देना चाहिए कि आमजन को उनका फायदा मिल रहा है या नहीं.

कैथलः सरकार के झूठे दावों की पोल एक बार फिर खुलती नजर आ रही है. हरियाणा में स्वास्थ्य सेवा को लेकर किए गए वादों की सच्चाई धरातल पर कुछ और ही है. ताजा मामला कैथल से सामने आया है, जहां एक युवक का आयुष्मान भारत कार्ड होने के बावजूद उसे इलाज के लिए सरकार की ओर से कई मदद नहीं मिली.

हालांकि इसके बाद कुछ समाजसेवी लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से युवक को नई जिंदगी दी. ढांड कस्बा निवासी युवक ताराचंद पिछले 2 साल से पैरों में इंफेक्शन के कारण चलने में असमर्थ हो गए थे. पिछले 2 साल से चंडीगढ़ पीजीआई में उनका इलाज भी चल रहा है. लेकिन इलाज इतना महंगा था कि ताराचंद उसकी भरपाई नहीं कर पाते.

आयुष्मान भारत कार्ड फेल! सरकार से इलाज के लिए नहीं मिली मदद

26 हजार का एक इंजेक्शन

ताराचंद ने बताया कि तेज बुखार के कारण उनके पैरों में इंफेक्शन हो गया. चंडीगढ़ पीजीआई में उनका इलाज चल रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि ताराचंद की पैरों की नसें तो सही है लेकिन इन्फेक्शन ज्यादा है. इसके इलाज के लिए छह इंजेक्शन लगाने पड़ेंगे.

डॉक्टरों के मुताबिक एक इंजेक्शन का खर्च लगभग 26 हजार है. ताराचंद की आर्थिक स्थिति बिल्कुल कमजोर होने के कारण वो डॉक्टरों की फिस नहीं भर सकते. ताराचंद के परिवार में कोई भी कमाने वाला भी नहीं है. जिसको देखते हुए उनके दोस्त और कुछ समाजसेवी लोगों ने उनकी मदद करने की ठानी. ताराचंद की मदद करने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया और उनके इलाज के लिए पैसे जुटाए.

विदेशों से भी लोग आए सामने

ऐसे में पीड़ित के एक परिचित दोस्त महावीर और समाजसेवी राजेंद्र ने उनकी सहायता करने की गुहार सोशल मीडिया पर की. उन्होंने ताराचंद की मदद के लिए उनकी माता कमलेश देवी का खाता नंबर दिया. जिसके शेयर करने के बाद अनेक समाजसेवी लोगों ने इसकी सहायता के लिए आगे आना शुरू कर दिया.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और मैसेज को लोगों ने पढ़ा और आर्थिक रूप से मदद करने के लिए आगे आने लगे. कई समाजसेवी लोगों का कहना कि हम इसके खर्च का वहन दिया तो कोई विदेशों में बैठे जिले के अनेक समाज के लोगों ने भी उक्त पीड़ित ताराचंद की सहायता के लिए सहायता राशि दी.

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सरकार का नहीं कोई ध्यान!
वहीं पीड़ित ताराचंद का कहना है कि उसने आयुष्मान भारत का कार्ड भी बनवा रखा है. उसके बावजूद सरकार द्वारा उसके इलाज के लिए कोई भी सहायता नहीं दी गई. गौरतलब है कि आयुष्मान भारत के कार्ड पर 5 लाख तक का इलाज किया जाएगा, लेकिन ताराचंद को इसका लाभ नहीं मिला.

ऐसे में जो सरकार आयुष्मान भारत को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, धरातल पर वो दावे फेल दिखाई देते हैं. ऐसे में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को अपनी ऐसी योजनाओं की तरफ ध्यान देना चाहिए कि आमजन को उनका फायदा मिल रहा है या नहीं.

Intro:पीड़ित व्यक्ति के पास नहीं थे इलाज करवाने के पैसे, फिर कुछ युवा बने उसकी सहायता का जरिया और समाजसेवी लोग आए सामने.

पीड़ित का दुख बांटने के लिए युवाओं ने उठाया बीड़ा ढांड निवासी ताराचंद का इलाज के लिए उठे अनेक हाथ।


Body:डांड कस्बा जिला कैथल निवासी युवक ताराचंद पिछले 2 साल से तेज बुखार आने के कारण दोनों टांगों से चलने में असमर्थ हो गए थे। पिछले 2 साल से चंडीगढ़ पीजीआई में इलाज चल रहा है। चंडीगढ़ के डॉक्टरों का कहना है कि टांगों की नसें तो सही है लेकिन इन्फेक्शन ज्यादा है इसके इलाज के लिए छह इंजेक्शन लगाने पड़ेंगे। जो कि एक इंजेक्शन का खर्च लगभग ₹26000 बताया गया है। लेकिन उक्त पीड़ित की आर्थिक स्थिति बिल्कुल कमजोर होने के कारण और परिवार में कोई भी कमाने वाला ना होने के चलते पीड़ित के एक परिचित दोस्त महावीर तथा समाजसेवी राजेंद्र ने इसकी सहायता करने की गुहार सोशल मीडिया पर की और मदद के लिए इसकी माता कमलेश देवी का खाता नंबर दिया। जिसके शेयर करने के बाद अनेक समाजसेवी लोगों ने इसकी सहायता के लिए आगे आना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और मैसेज को लोगों ने पढ़ा और आर्थिक रूप से मदद करने के लिए आगे आने लगे । कई समाजसेवी लोगों का कहना कि हम इसके खर्च का वहन देंगे तो कोई विदेशों में बैठे जिले के अनेक समाज के लोगों ने भी उक्त पीड़ित ताराचंद की सहायता के लिए सहायता राशि दी।


Conclusion:वहीं पर पीड़ित ताराचंद का कहना है कि उसने आयुष्मान भारत का कार्ड भी बनवा रखा है किंतु वह एक गरीब परिवार से है। हालांकि सरकार द्वारा उसके इलाज के लिए कोई भी सहायता नहीं दी गई हालांकि सरकार दावे करती है कि आयुष्मान भारत के कार्ड पर 500000 तक का इलाज गरीब का किया जाएगा लेकिन ताराचंद को सरकार की तरफ से और आयुष्मण भारत कार्ड की तरफ से ₹5 तक की भी सहायता नहीं मिल सकी जो सरकार आयुष्मान भारत को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है । धरातल पर वह दावे फेल दिखाई देते हैं। ईटीवी भारत भी गुहार लगाता है कि हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री को अपनी ऐसी योजनाओं की तरफ ध्यान देना चाहिए कि आमजन को उनका फायदा मिल रहा है या नहीं। कहीं ना कहीं सरकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचने में जमीन आसमान का फर्क दिखाई देता है
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