कैथल: सरकार की अनुमति के बाद प्रदेश की मंडियों में गेहूं और सरसों की खरीद लगातार चल रही है, लेकिन अचानक से शुरु ने मंडियों की हालत खराब कर दी है. सरकार की ओर से बनाए गए अधिकतर गेहूं खरीद केंद्र ऐसे हैं जहां पर शेड नहीं है. शेड ना होने की वजह से कैथल में करीब 20 लाख गेहूं के कट्टे भीग गए. ये वहीं गेहूं जो सरकार की ओर से खरीदा जा रहा है.
इसके इलावा धरतपुत्रों के खेत खलिहान में पड़ा अनाज भी बारिश के कारण भीग गया. अचानक से आई बारिश से धरतीपुत्र काफी परेशान हैं. पहले ही कोरोना के कारण मजदूर नहीं मिले. जैसे-तैसे फसल की कटाई हुई. पर ये अनाज मंडी में नहीं बिक पाया. कुछ किसान तो मंडी में बैठे अनाज बेचने को आए लेकिन बारिश की वजह से उनका पूरा अनाज मंडी में ही भीग गया. अब उनको अनाज की तौल भी नहीं हो रही है.
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इस बार में मीडिया से बात करते हुए डीएफएससी अधिकारी विरेंद्र कुमार ने बताया कि हमने मंडियों का दौरा किया है और लगभग 20 लाख गेहूं के कट्टे मंडी में बरसात में भीग चुके हैं. ये कमी कुछ गेहूं के उठान के कारण भी हो रही है. गेहूं का मंडियों से उठाना सही तरीके से नहीं हो रहा और इसी देरी के कारण ये लाखों टन गेहूं बरसात में भीग गया. जितना हमसे हुई उताना हमने बचाने की कोशिश की, लेकिन इतनी संख्या में कट्टों को कवर करना मुश्किल है.