जींद: कोरोना लॉकडाउन की वजह से बिछड़े दो सगे बुजुर्ग भाइयों का मिलन करवा कर अग्रवाल समाज के प्रधान एवं प्रमुख समाज सेवी राजकुमार गोयल ने इंसानियत का परिचय दिया है. अगर राजकुमार गोयल समय रहते दोनों भाइयों को मिलवाने का पूरा प्रयास न करते तो पता नहीं कब तक दोनों भाई एक दूसरे से बिछड़े रहते.
सुरेश नाम का 80 साल का बुजुर्ग 7 दिन पहले अपने भाई से मिलने मुरादाबाद से जींद आया था. सुरेश का दिमागी संतुलन ज्यादा सही नहीं था, जिस कारण उसे जींद आकर अपने भाई का पता याद नहीं रहा. सुरेश के पास न तो खुद कोई मोबाइल था और न ही उसके पास किसी घरवाले का मोबाइल नंबर. ऐसे में ये बेचारा बुजुर्ग जगह-जगह धक्के खाकर अपने भाई के ठिकाने को तलाशने का प्रयास कर रहा था, लेकिन भाई के ठिकाने का पता नहीं चल पा रहा था.
इस दौरान जब बुजुर्ग सुरेश पैदल चल चलकर रोहतक रोड पर अपने भाई को तलाश रहा था, उसी दौरान लॉकडाउन का ऐलान हो गया. लॉकडाउन की वजह से पुलिस ने इन्हें यहां से उठा लिया और प्रशासन के आदेश पर उन्हें शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया. बुजुर्ग सुरेश को शेल्टर होम में शिफ्ट जरूर करा दिया, लेकिन यहां सुरेश लगातार रो रहा था. उसके आंसू रोके नहीं रुक रहे थे. बस बार बार एक ही बात कह रहा है मुझे किसी तरह मेरे घर भिजवा दो.
बेचारा बुजुर्ग सांस की बीमारी से पीड़ित था. इस दौरान तीन दिन पहले अग्रवाल समाज के प्रधान राजकुमार गोयल प्रवासियों की सेवा के दौरान जब इस बुजुर्ग से मिले तो उनकी हालात देख कर काफी परेशान हो गए. उन्होंने जींद के डीसी को इस बारे अवगत कराया और बुजुर्ग की हरसंभव सहायता करने की मांग की.
डीसी से ये भी मांग की गयी कि बुजुर्ग को सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया जाए. बुजुर्ग को सांस लेने में काफी दिक्क्त है. इस दौरान बुजुर्ग से जब पूरी जानकारी लेनी चाही तो बुजुर्ग सिर्फ ये बता पाया कि वो मुरादाबाद का रहने वाला है. यहां तक की बुजुर्ग ये भी नहीं बता पाया कि उसका सगा भाई जींद में रहता है.
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इस बुजुर्ग की वीडियो अनेकों जगह शेयर की. मुरादाबाद तक खुद अपने रिश्तेदारों के माध्यम से इस बुजुर्ग का कोई भी सुराग लगाने की कोशिश की पर कोई हल नहीं निकला. इस दौरान राजकुमार गोयल को पता चला की रोहतक रोड पर मुरादाबाद का कोई परिवार रहता है.
उस परिवार से संपर्क किया गया. 75 साल का एक बुजुर्ग जय सिंह मिला. जब उससे बुजुर्ग सुरेश का रोते हुए का वीडियो दिखाया गया तो वीडियो देखते ही ये बुजुर्ग भी रोने लगा और कहने लगा ये तो मेरा सगा भाई है. प्रशासन ने सभी तरह की कानूनी प्रक्रिया पूरी करके बुजुर्ग को उसके भाई को सौंप दिया.