जींद: 26 जनवरी को किसान दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करेंगे. इसके लिए बड़ी संख्या में किसान दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. किसानों के आंदोलन की अलग-अलग तस्वीरें और कहानियां भी सामने आ रही हैं. नरवाना कस्बे में एक मां ने अपने दोनों बेटों के कंधों पर हल रखकर दिल्ली के लिए पैदल रवाना किया.
सुमित्रा देवी नाम की महिला ने अपने बेटों से कहा कि जीतकर वापस आना. उन्होंने कहा कि जैसे हम हरिद्वार से कावड़ लेकर आते हैं. ठीक उसी प्रकार ये हल भी हमारे लिए पवित्र है. सुमित्रा देवी ने कहा कि सरकार को तीनों कृषि कानून को रद्द कर देना चाहिए.
दोनों भाई पैदल ही हुए दिल्ली के लिए रवाना
सुमित्रा के दोनों बेटों ने कहा जब तक कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक वो दिल्ली से नहीं लौटेंगे. जींद में दोनों भाईयों ने कंधे पर हल लेकर पैदल यात्रा शुरू की है. ख़ास बात ये रही कि दोनों बेटों को आशीर्वाद देकर खुद उनकी मां ने उन्हें रवाना किया. मां ने दोनों बेटों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि जीतकर ही वापस आना है. दोनों बेटों ने भी मां को जीत का भरोसा दिलाया.
सुमित्रा देवी ने बताया कि वो किसान परिवार से हैं. हम तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. मैंने अपने दोनों बेटों को कानून रद्द करवाने और किसानों की मदद के लिए दिल्ली बॉर्डर पर भेज दिया है. पैदल ही कंधे पर हल लेकर निकल रहे दोनों बेटों ने बताया कि वो कानून रद्द करवाकर ही वापस आएंगे. उन्होंने कहा कि अगर हम सरकार बना सकते हैं तो गिरा भी सकते हैं.