जींद: जवाहर लाल युनिवर्सिटी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. जेएनयू छात्रों के हमले के विरोध में अब जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो गए है. जेएनयू में छात्राओं पर हुए हमले को लेकर के जींद में एसएफआई ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकर्ताओं ने जींद की सड़कों पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर जुलूस मार्च निकाला.
जेएनयू छात्र के समर्थन में एसएफआई
इस दौरान उन्होंने कहा जिस तरीके से जेएनयू में माहौल बना हुआ है वो बहुत ही गलत है, इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. प्रदर्शनकारी नेता ने कहा वर्तमान में जो सत्ता पर काबिज है, वह अंग्रेजों की नाजायज औलाद है और यह सब ब्रिटिशर के हक में बोलते हैं और जनता ने उस समय अंग्रेजों को भगा दिया और देश की जनता आपकी भी शासन को खत्म करने का काम करेगी.
यह दुर्योधन और दुशासन का शासन है जो यहां पर नहीं चल सकता. प्रदर्शनकर्ता छात्रा ने कहा जेएनयू में एबीवीपी के छात्रों द्वारा हमारे साथी छात्रों पर विवि के छात्रों ने जो हमला किया है उसको लेकर के हम प्रदर्शन कर रहे हैं और हम सरकार को बताना चाहते हैं कि या तो इनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई करें.
नकाबपोश ने किया था छात्रों पर हमला
आपको बता दें कि देश के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जेएनयू में रविवार शाम को नकाबपोश बदमाशों ने घुसकर हमला कर दिया था. जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष हमले में बुरी तरह घायल हो गईं थी और इसके साथ-साथ 40 से ज्यादा छात्र और शिक्षक भी हमले में घायल हो गए थे. घायलों में 30 छात्र जबकि 12 शिक्षक शामिल थे.
40 छात्र हुए थे बूरी तरह घायल
20 छात्रों को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. दिल्ली पुलिस ने बताया कि किसी भी घायल छात्र की हालत गंभीर नहीं है और सभी खतरे से बाहर हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शाम करीब 6:30 बजे लगभग 50 की संख्या में नकाबपोश गुंडे जेएनयू कैंपस में में घुस आए और छात्रों पर हमला करना शुरू कर दिया. इन लोगों ने कैंपस में मौजूद कारों को भी निशाना बनाया और हॉस्टल में भी तोड़फोड़ की थी.
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छात्रों ने बताया कि हमलावरों ने हॉस्टल पर पत्थरबाजी की और यूनिवर्सिटी की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया. जेएनयू मामले की जांच वेस्टर्न रेंज की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह को सौंपी गई है.