जींद: पीटीआई अध्यापकों के समर्थन में सर्व कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को डीसी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया और मांगों को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपा. सभी विभागों के कर्मचारियों ने पीटीआई अध्यापकों के समर्थन में प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
जिला उपायुक्त डॉक्टर आदित्य दहिया ने ज्ञापन लेने के बाद कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप की मांगों को हम सरकार तक पहुंचा देंगे और जो जिला स्तर के मांगे हैं उन पर जल्द से जल्द कारवाई अमल में लाई जाएगी.
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान साधुराम ने कहा कि मांगों की अनदेखी के विरोध में अध्यापक संघ 24 जून को सभी जिला मुख्यालयों पर शिक्षा मंत्री का पुतला फूंकेगा. जिला प्रधान रामफल दलाल ने बताया कि पीटीआई अध्यापकों की सेवा बहाली की मांग को लेकर, सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों, निजीकरण व छंटनी की नीतियों के खिलाफ सर्व कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को पूरे प्रदेश में डीसी कार्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन किया है.
दस साल की सेवा के बाद 1983 पीटीआई अध्यापकों को सेवा से बाहर कर दिया गया है, जो इन अध्यापकों और इनके परिवारों के साथ बड़ा अन्याय है. अगर सरकार कोर्ट में अच्छी तरह से इन अध्यापकों की पैरवी करती तो इनकी सेवाएं बचाई जा सकती थी. अब भी सरकार चाहे तो अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए अध्यापकों की सेवाएं दोबारा बहाल कर सकती है, लेकिन सरकार की नीयत में खोट नजर आ रहा है.
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अध्यापक संघ के पूर्व प्रधान बलबीर सिंह ने कहा कि सरकार ने इन अध्यापकों की बहाली के लिए उचित कदम नहीं उठाए तो हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ और सर्व कर्मचारी संघ प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारियों को एकजुट कर बड़ा आंदोलन खड़ा करेगा और किसी भी कीमत पर इन अध्यापकों की सेवाएं बहाल करवाई जाएंगी.
इन मांगों को लेकर प्रदर्शन
- 1983 बर्खास्त किए गए पीटीआई अध्यापक, टूरिज्म और केडीबी कर्मचारियों समेत अन्य विभागों से छंटनी किए कर्मचारियों की सेवाएं बहाल की जाए.
- हिसार मार्केट कमेटी सचिव से मारपीट करने वाली बीजेपी नेता सोनाली फोगाट को सख्त सजा दिलवाई जाए.
- स्वास्थ्य ठेका कर्मियों समेत सभी को विभाग के पेरोल पर लेकर सेवा सुरक्षा दी जाए.
- सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाई जाए.
- संघ के भेजे गए प्रस्ताव पर विचार कर एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन बहाल की जाए.
- डीए, एलटीसी, जीपीएफ से रोक हटाई जाए.
- महिला कर्मियों का उत्पीड़न करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
- नगरपालिका समेत अन्य विभागीय संगठनों से हुए समझौतों को लागू किया जाए.