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सफीदों की बेटी मानसी बालूजा मध्यप्रदेश में बनीं जज, रंग लाई 8 साल की कड़ी मेहनत

मानसी बालूजा के जज बनने पर परिवार और सफीदों क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल है. मानसी सफीदों क्षेत्र की पहली लड़की है, जिन्होंने न्यायिक सेवा परीक्षा पास की है.

safidon daughter mansi baluja
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Published : Sep 16, 2019, 11:48 AM IST

जींद: सफीदों की बेटी मध्यप्रदेश में जज बनी हैं. वार्ड नंबर-15 की रहने वाली मानसी बालूजा 26 साल की हैं. मानसी बालूजा जिले की पहली युवती हैं, जो जज बनी हैं. फिलहाल मानसी के घर बधाइयों का तांता लगा है. उनके जानने वाले फोन पर और ईमेल के जरिए उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं.

मानसी के घर लगा बधाइयों का तांता
मानसी के जज बनने पर परिवार और सफीदों क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल है. मानसी सफीदों क्षेत्र की पहली लड़की हैं, जिन्होंने न्यायिक सेवा परीक्षा पास की है. मानसी के पिता उद्योगपति हैं, जबकि माता गृहणी हैं. छोटा भाई अभिनव अपने पिता के व्यापार में हाथ बंटाता है.

वीडियो पर क्लिक कर देखें मानसी बालूजा के जज बनने की कहानी

कड़ी मेहनत लाई रंग
मानसी ने बताया कि उन्होंने 2010 में 12वीं की परीक्षा पास करते ही जज बनने का फैसला किया था. 12वीं कक्षा विज्ञान संकाय से पास करने बाद मानसी ने केयूके में इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ से साल 2010-15 तक बीए, एलएलबी की. उसके बाद केयूके से ही उन्होंने 2015-17 तक एलएलएम डिप्लोमा ऑफ लॉ किया.

'अपराध पर लगाम लगाना प्राथमिकता'
मध्यप्रदेश में जज बनी मानसी ने कहा कि जज बनकर उनकी प्राथमिकता रहेगी कि न्यायालयों में चल रहे तलाक, परिवार के झगड़ों के मामलों को आपसी सहमती से सुलह करवाया जाए. मनसी ने कहा कि परिवार बसना बहुत मुश्किल होता है, जबकि उसको उजाड़ना बहुत आसान है. महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों में कमी लाने के लिए अपराधियों को सख्त से सख्त सजा देना जरूरी है.

मध्य प्रदेश में चयनति हुई हैं मानसी
मध्यप्रदेश में जज बनीं मानसी ने बताया कि उसने पहले हरियाणा में न्यायिक सेवा परीक्षा दी थी, लेकिन 107 परीक्षार्थियों में से छह को ही जज बनने का मौका मिला, जो बाद में स्टे भी हो गया. उसके बाद उसने 2018 में पंजाब, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश की न्यायिक परीक्षाएं दी. इन परीक्षाओं के लिए उसे सिर्फ चार घंटे ही सोने के लिए मिलता था. इसके लिए पढ़ाई करने के साथ मानसी ने कोचिंग भी ली.

मानसी बालूजा ने साल 2018 में छत्तीसगढ़ के लिए न्यायिक सेवा परीक्षा दी, जिसमें उनका नाम वेटिंग में डाल दिया गया था. मानसी ने बताया कि एक साल की ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने जुडीशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास का पद दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- अलर्ट: जैश-ए-मोहम्मद ने रेवाड़ी समेत 11 रेलवे स्टेशनों और मंदिरों को उड़ाने की धमकी दी

मानसी की मां रेनू बालूजा ने कहा कि मानसी किचन की शौकीन हैं. वो उनका पूरा साथ देती है. मानसी को पढ़ाई के साथ-साथ पूजा पाठ और सेवाभाव के कार्य करना बहुत पसंद है. जज बनी मानसी ने अपनी सफलता के पीछे अपने परिवार को बताया.

जींद: सफीदों की बेटी मध्यप्रदेश में जज बनी हैं. वार्ड नंबर-15 की रहने वाली मानसी बालूजा 26 साल की हैं. मानसी बालूजा जिले की पहली युवती हैं, जो जज बनी हैं. फिलहाल मानसी के घर बधाइयों का तांता लगा है. उनके जानने वाले फोन पर और ईमेल के जरिए उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं.

मानसी के घर लगा बधाइयों का तांता
मानसी के जज बनने पर परिवार और सफीदों क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल है. मानसी सफीदों क्षेत्र की पहली लड़की हैं, जिन्होंने न्यायिक सेवा परीक्षा पास की है. मानसी के पिता उद्योगपति हैं, जबकि माता गृहणी हैं. छोटा भाई अभिनव अपने पिता के व्यापार में हाथ बंटाता है.

वीडियो पर क्लिक कर देखें मानसी बालूजा के जज बनने की कहानी

कड़ी मेहनत लाई रंग
मानसी ने बताया कि उन्होंने 2010 में 12वीं की परीक्षा पास करते ही जज बनने का फैसला किया था. 12वीं कक्षा विज्ञान संकाय से पास करने बाद मानसी ने केयूके में इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ से साल 2010-15 तक बीए, एलएलबी की. उसके बाद केयूके से ही उन्होंने 2015-17 तक एलएलएम डिप्लोमा ऑफ लॉ किया.

'अपराध पर लगाम लगाना प्राथमिकता'
मध्यप्रदेश में जज बनी मानसी ने कहा कि जज बनकर उनकी प्राथमिकता रहेगी कि न्यायालयों में चल रहे तलाक, परिवार के झगड़ों के मामलों को आपसी सहमती से सुलह करवाया जाए. मनसी ने कहा कि परिवार बसना बहुत मुश्किल होता है, जबकि उसको उजाड़ना बहुत आसान है. महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों में कमी लाने के लिए अपराधियों को सख्त से सख्त सजा देना जरूरी है.

मध्य प्रदेश में चयनति हुई हैं मानसी
मध्यप्रदेश में जज बनीं मानसी ने बताया कि उसने पहले हरियाणा में न्यायिक सेवा परीक्षा दी थी, लेकिन 107 परीक्षार्थियों में से छह को ही जज बनने का मौका मिला, जो बाद में स्टे भी हो गया. उसके बाद उसने 2018 में पंजाब, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश की न्यायिक परीक्षाएं दी. इन परीक्षाओं के लिए उसे सिर्फ चार घंटे ही सोने के लिए मिलता था. इसके लिए पढ़ाई करने के साथ मानसी ने कोचिंग भी ली.

मानसी बालूजा ने साल 2018 में छत्तीसगढ़ के लिए न्यायिक सेवा परीक्षा दी, जिसमें उनका नाम वेटिंग में डाल दिया गया था. मानसी ने बताया कि एक साल की ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने जुडीशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास का पद दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- अलर्ट: जैश-ए-मोहम्मद ने रेवाड़ी समेत 11 रेलवे स्टेशनों और मंदिरों को उड़ाने की धमकी दी

मानसी की मां रेनू बालूजा ने कहा कि मानसी किचन की शौकीन हैं. वो उनका पूरा साथ देती है. मानसी को पढ़ाई के साथ-साथ पूजा पाठ और सेवाभाव के कार्य करना बहुत पसंद है. जज बनी मानसी ने अपनी सफलता के पीछे अपने परिवार को बताया.

Intro:सफीदों की छोरी मध्यप्रदेश में बनी जज, क्षेत्र की पहली लड़की जिसने पास की न्यायिक सेवा परीक्षा
महिलाओं पर हो रहे उत्पीडऩ व बिछड़ते परिवारों के मामलों को देखते हुए जज बनने का संजोया सपना: मानसी
12वीं तक विज्ञान संकाय में की पढ़ाई, घरेलू कार्यों में भी मां का बढ़ाती थी हाथBody:सफीदों की छोरी मध्यप्रदेश में बनी जज, क्षेत्र की पहली लड़की जिसने पास की न्यायिक सेवा परीक्षा
महिलाओं पर हो रहे उत्पीडऩ व बिछड़ते परिवारों के मामलों को देखते हुए जज बनने का संजोया सपना: मानसी
12वीं तक विज्ञान संकाय में की पढ़ाई, घरेलू कार्यों में भी मां का बढ़ाती थी हाथ
विकास रोहिला
सफीदों:
मन में अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा व हौसले बुलंद हो तो कामयाबी अवश्य की कदम चूमती है। इन पंक्तियों को चरितार्थ कर दिखाया है सफीदों
के वार्ड नंबर 15 की रहने वाली 26 वर्षीय मानसी बालूजा ने, जिन्हें हरियाणा व छत्तीसगढ़ प्रदेश की न्यायिक सेवा परीक्षा देने के बाद जज बनने का
मौका नहीं मिला तो, उन्होंने मध्यप्रदेश में जेएमआईसी (जज) बनकर अपने सपने को साकार किया है। मानसी बालूजा के न्यायाधीश बनने पर उसके
परिवार व सफीदों क्षेत्र में भी खुशी का माहौल है। मानशी सफीदो क्षेत्र में पहली लड़की है जिसने न्यायिक सेवा परीक्षा पास करने सफीदों का
नाम रोशन किया है। मानशी के पिता कैलाश चंद्र बालूजा उद्योगपति है, जबकि माता ग्रहणी है। छोटा भाई अभिनव अपने पिता के व्यापार में हाथ बढ़ाता है।
इस दौरान मानशी बालूजा ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि सन् 2010 में 12वीं कक्षा की परीक्षा पास करते ही उन्होंने जज बनने का अपना
सपना संजोया था। मानशी ने बताया कि उन्होंने 12वीं कक्षा की विज्ञान संकाय में परीक्षा पास करते के बाद उन्होंने केयूके से इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ. से
बीए एलएलबी की सन 2010-15 तक की और उसके बाद केयूके से ही एलएलएम डिप्लोमा ऑफ लॉ 2015-17 तक किया।
बाक्स:-
मध्यप्रदेश में जेएमआइसी बनी मानशी बालूजा ने कहा कि जज बनकर उनकी प्राथमिकता रहेगी की न्यायालयों में चल रहे तलाक आदि परिवार के
झगड़े के मामलों में आपसी सहमती से सुलह करवाया जाए, उन्होंने कहा कि परिवार बसना बहुत मुश्किल होता है, जबकि उसको उजाडऩा बहुत
आसान है। महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों में कमी लाने के लिए अपराधी को सख्त से सख्त सजा देना जरूरी है।
बाक्स:-
हरियाणा की परीक्षा में लग गए था स्टे व छत्तीसगढ़ की परीक्षा में मानशी थी वेटिंग नामों शामिल:-
मध्यप्रदेश में जेएमआइसी बनी मानशी बालूजा ने बताया कि उन्होंने पहले हरियाणा प्रदेश के लिए न्यायिक सेवा परीक्षा दी थी, लेकिन 107 परीक्षार्थियों में से छह को ही जज बनने का मौका मिला था, जिसपर बाद में स्टे हो गया। उसके बाद उन्होंने 2018 में पंजाब, यूपी,छत्तीसगढ़, राजस्थान व
मध्यप्रदेश की न्यायिक परीक्षाएं दी। इन परीक्षाओं के लिए उन्हें सिर्फ चार घंटे ही नींद लेकर काफी पढ़ाई करनी पड़ी और साथ ही कोचिंग भी ली।
जिसके बाद 21 अगस्त को हुई मध्यप्रदेश की परीक्षा में उनको जज बनने का शौभाग्य प्राप्त हुआ है। सन् 2018 में छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए न्यायिक
सेवा परीक्षा दी, जिसमें उनका नाम वेटिंग में डाल दिया गया था। अब उन्होंने 21 अगस्त को मध्यप्रदेश की न्यायिक परीक्षा दी और उन्होंने जज बनकर
अपने सपने को साकार किया। इस परीक्षा में करीब 2500 अभियार्थियों ने भाग लिया था। अब एक साल की ट्रेनिंग लेने के बाद मानसी को
ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास का पदभार कर दिया जाएगा।
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मां ने कहा:- मानशी है किचन की सोकिन:-
मानसी की मां रेनू बालूजा ने बताया कि मानशी घर पर किचन में घरेलू कार्यों की सोकिन है, जोकि उनका पूरा साथ निभाती है।
मानसी को पढ़ाई से साथ-साथ पूजा पाठ व सेवाभाव के कार्य करना बहुत पसंद है। जज बनी मानसी ने अपनी सफलता के पीछे अपने पुरे परिवार का
साथ बताया है।Conclusion:
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