जींद: जिले में पल्स पोलियो अभियान को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. 19 से 21 जनवरी तक चलने वाले इस अभियान में 0 से 5 साल तक के 1 लाख 45 हजार 358 बच्चों को पोलियोरोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस दौरान चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है, जो अपने क्षेत्र में पल्स पोलियो अभियान पर निगरानी रखेंगे.
बूथ स्तर पर पिलाई जाएगी पोलियो
अभियान के अंतर्गत 19 जनवरी को बूथ स्तर पर पोलियोरोधी दवा पिलाई जाएगी. इसके बाद 20 जनवरी को ट्रांजिस्ट टीमों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर बूथ लगाकर पोलियोरोधी दवा पिलाई जाएगी.
इसके लिए जिलेभर में 818 बूथ बनाए गए हैं. 21 जनवरी को 73 मोबाइल टीमों द्वारा दूर-दराज के एरिया जिनमें ईंट-भट्ठा आदि शामिल हैं पर पहुंचकर 0 से 5 साल तक के बच्चों को पोलियोरोधी दवा पिलाई जाएगी.
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चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवनीत ने बताया की इस अभियान को कैसे चलाना है इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी गई है. अगर इस दौरान भी कोई बच्चा पोलियोरोधी दवा पिलाने से छूटता है तो फिर दो दिनों तक स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डोर टू डोर अभियान चलाकर दवा पिलाई जाएगी. इसको लेकर टीमें बनाई गई हैं, जो विशेष रुप से ईंट भट्टे, पॉल्ट्री फॉर्म, स्लम एरिया के बच्चों को दवाई पिलाएगी.
सुरक्षा के लिहाज से पिलाई जाती है पोलियो
बता दें कि देश में कई साल पहले पोलियो जैसी महामारी फैली थी जिसको लेकर आज भी 5 साल तक के बच्चों को पोलियो की दवाई पिलाई जाती है. हालांकि, पोलियो जैसी बीमारी की समस्या से छुटकारा तो मिला है, लेकिन पूरी तरह से नहीं. आज भी इक्का-दुक्का बच्चे पोलियो से पीड़ित पाए जाते हैं. जिसको लेकर सुरक्षा के लिहाज से स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर बच्चों को दवाई पिलाता रहता है.