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सुनिए स्वास्थ्य मंत्री जी! 42 डॉक्टरों में सिर्फ 6 डॉक्टर दे रहे हैं सेवाएं, कैसे होगा इलाज ?

विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पूरे चुनावी मोड में है. जनता से एक बार फिर सरकार कई वादे कर रही है, लेकिन जनता अभी भी अव्यवस्था से परेशान है. जींद के नागरिक अस्पताल का हाल इस समय इतना खराब है कि मरीजों को अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है. अस्पताल में 42 डॉक्टर होने चाहिए, लेकिन सिर्फ 6 डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

नागरिक अस्पताल
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Published : Sep 17, 2019, 10:10 AM IST

जींद: नरवाना के गुरथली रोड पर एक तीन मंजिला लाल इमारत दिखाई देती है जिसे सरकार ने नागरिक अस्पताल का नाम दिया है, लेकिन डॉक्टरों के अभाव में नागरिक हस्पताल सफेद हाथी बन कर रह गया है. यहां पर मरीजों को आने से पहले ही बाहर रेफर कर दिया जाता है. जिस कारण आधे से ज्यादा मरीज रास्ते में ही दम तोड़ जाते हैं. नरवाना के नागरिक अस्पताल को रेफर करने का अस्पताल कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.

बदहाली पर आंसू बहा रहा नागरिक अस्पताल
नरवाना में 100 बेड के नागरिक अस्पताल का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल ने 19 जुलाई 1975 को किया था, लेकिन आज डॉक्टरों के अभाव में स्वास्थ्य विभाग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. नरवाना के अस्पताल में ईएनटी, सर्जन, बच्चों का स्पेशलिस्ट, ऑर्थो सर्जन, अल्ट्रासाउंड मशीन और अन्य किसी भी प्रकार का स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है.

बदहाली पर आंसू बहा रहा नागरिक अस्पताल, देखें वीडियो

36 पोस्ट खाली सिर्फ 6 डॉक्टर काम पर
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज लोगों का मुफ्त इलाज करने का दावा तो करते हैं, लेकिन लाखों की आबादी वाले नरवाना के नागरिक अस्पताल में ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं. अस्पताल में 42 डॉक्टरों की जरूरत है जिसमें से 36 पोस्ट खाली है मात्र 6 डॉक्टर ही कार्यरत हैं.

एसएमओ डॉ. देवेंद्र बिदंलिश ने माना कि नागरिक अस्पताल में 42 पोस्ट मेडिकल ऑफिसर की सैंक्शन है, लेकिन यहां पर 6 डाक्टर ही कार्यरत हैं. 36 पोस्ट अभी खाली है. डॉक्टर का कहना है कि मरीज बहुत ज्यादा होने की वजह से हमें बहुत परेशानी आती है. हमारे पास स्पेशलिस्ट ऑर्थो सर्जन, ईएनटी कोई भी डॉक्टर नहीं है. इस बारे में विभाग को कई बार लिख चुके हैं.

ये भी पढ़ें- जींद के सरकारी अस्पताल का ICU बना पार्किंग, जगह-जगह खड़े वाहन

जींद: नरवाना के गुरथली रोड पर एक तीन मंजिला लाल इमारत दिखाई देती है जिसे सरकार ने नागरिक अस्पताल का नाम दिया है, लेकिन डॉक्टरों के अभाव में नागरिक हस्पताल सफेद हाथी बन कर रह गया है. यहां पर मरीजों को आने से पहले ही बाहर रेफर कर दिया जाता है. जिस कारण आधे से ज्यादा मरीज रास्ते में ही दम तोड़ जाते हैं. नरवाना के नागरिक अस्पताल को रेफर करने का अस्पताल कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.

बदहाली पर आंसू बहा रहा नागरिक अस्पताल
नरवाना में 100 बेड के नागरिक अस्पताल का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल ने 19 जुलाई 1975 को किया था, लेकिन आज डॉक्टरों के अभाव में स्वास्थ्य विभाग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. नरवाना के अस्पताल में ईएनटी, सर्जन, बच्चों का स्पेशलिस्ट, ऑर्थो सर्जन, अल्ट्रासाउंड मशीन और अन्य किसी भी प्रकार का स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है.

बदहाली पर आंसू बहा रहा नागरिक अस्पताल, देखें वीडियो

36 पोस्ट खाली सिर्फ 6 डॉक्टर काम पर
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज लोगों का मुफ्त इलाज करने का दावा तो करते हैं, लेकिन लाखों की आबादी वाले नरवाना के नागरिक अस्पताल में ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं. अस्पताल में 42 डॉक्टरों की जरूरत है जिसमें से 36 पोस्ट खाली है मात्र 6 डॉक्टर ही कार्यरत हैं.

एसएमओ डॉ. देवेंद्र बिदंलिश ने माना कि नागरिक अस्पताल में 42 पोस्ट मेडिकल ऑफिसर की सैंक्शन है, लेकिन यहां पर 6 डाक्टर ही कार्यरत हैं. 36 पोस्ट अभी खाली है. डॉक्टर का कहना है कि मरीज बहुत ज्यादा होने की वजह से हमें बहुत परेशानी आती है. हमारे पास स्पेशलिस्ट ऑर्थो सर्जन, ईएनटी कोई भी डॉक्टर नहीं है. इस बारे में विभाग को कई बार लिख चुके हैं.

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Intro:नरवाना से गुलशन चावला की रिर्पोट

हैडलाईन:- सुनिए स्वास्थ्य मंत्री जी, क ौन लेगा नरवाना की सुध-
नरवाना नागरिक अस्पताल डाक्टरों के अभाव में बना सफेद हाथी-
42 डाक्टरो में मात्र 6 डाक्टर दे रहे है सुविधाएं -
जब डाक्टर ही नही तो कौन करेगा ईलाज , कौन लिखेगा दवाईयां-
मरीजों को आने से पहले कर दिया जाता है रैफर -

एंकर:- नरवाना के गुरथली रोड पर एक तीन मंजिला लाल इमारत दिखाई देती है जिसे सरकार ने नागरिक अस्पताल का नाम दिया है । लेकिन डॉक्टरों के अभाव में नागरिक हस्पताल सफेद हाथी बन कर रह गया है। यहां पर मरीजों को आने से पहले ही बाहर रैफर कर दिया जाता है। जिस कारण आधे से ज्यादा मरीज रास्ते में ही दम तोड़ जाते हैं । नरवाना के नागरिक अस्पताल को रैफर करने का अस्पताल कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

वीओ:- नरवाना में 100 बेड के नागरिक अस्पताल का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल ने 19 जुलाई 1975 को किया था। लेकिन आज डॉक्टरों के अभाव में स्वास्थ्य विभाग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। नरवाना के हस्पताल में ईएनटी , सर्जन , बच्चों का स्पेशलिस्ट, ऑर्थो सर्जन, अल्ट्रासाउंड मशीन व अन्य किसी भी प्रकार का स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है। यहां पर मरीजों को आने से पहले ही बाहर रेफर कर दिया जाता है मजबुरीवश लोग महंगा इलाज कराने को मजबूर है ।

वीओ 2 :- हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज लोगों का मुफ्त इलाज करने का दावा तो करते हैं, लेकिन लाखों की आबादी वाले नरवाना के नागरिक हस्पताल में यह दावे खोखले साबित हो रहे हैं । अस्पताल में 42 डॉक्टरों की जरूरत है जिसमें से 36 पोस्ट खाली है मात्र 6 डॉक्टर ही कार्यरत है। जब डाक्टर ही नही तो कौन करेगा ईलाज , कौन लिखेगा दवाईयां।

Body:बाईट फाइल नंबर 3 में- मरीज रामपाल ने कहा कि यहां पर डॉक्टरों की बहुत कमी है, यहां पर ना तो कोई सर्जन है ओर ना ही कोई नाक और गले का डॉक्टर । यहां पर बहुत बुरा हाल है हर आदमी परेशान है। एमरजेंसी में मरीजों के आने पर कोई भी डॉक्टर नहीं मिलता है ।

बाईट फाइल नंबर 4 में - मरीजों ने बताया कि यहां पर किसी प्रकार के अल्ट्रासाउंड की कोई व्यवस्था नहीं है सुबह से शाम हो जाती है लेकिन कोई डॉक्टर नहीं मिलता। हम जैसे सुबह आते हैं शाम को वैसे ही चले जाते हैं डॉक्टर बाहर की दवाइयां लिख देते हैं

बाइक फाइल नंबर 5 ने एसएमओ डा. देेवेद्र बिदंलिश ने माना कि नागरिक हस्पताल में 42 पोस्ट मेडिकल ऑफिसर की सैंक्शन है लेकिन यहां पर 6 डाक्टर ही कार्यरत है । 36 पोस्ट अभी खाली है । मरीज बहुत ज्यादा होने की वजह से हमें बहुत परेशानी आती है । हमारे पास स्पेशलिस्ट ऑर्थो सर्जन , ईएनटी कोई भी डाक्टर नहीं है । इस बारे में विभाग को कई बार लिख चुके हैं ।


Conclusion:हस्पताल बना सफेद हाथी
राम भरोसे चल रहा है हस्पताल
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