जींद: हैवी लाइसेंस बनवाने में रूचि रखने वाली महिलाओं के लिए राहत भरी खबर है. हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग में भी अब लेडीज फर्स्ट यानि महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, अब महिलाओं को ट्रेनिंग के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. ऑनलाइन अप्लाई करते ही ट्रेनिंग के लिए महिलाओं का नंबर आ जाएगा, इसके लिए परिवहन विभाग के निदेशालय ने प्रदेश के सभी ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूलों को ये आदेश लागू करने के लिए कहा गया है.
हैवी ड्राइविंग लाइसेंस की ट्रेनिंग के लिए सबसे पहले ऑनलाइन अप्लाई करना पड़ता है, जिसके बाद आवेदक को रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाता है. उसके बाद इसके प्रिट आउट को जहां भी ट्रेनिंग लेनी हो, वहां जमा करवाना पड़ता है. हैवी लाइसेंस की जनरल कैटेगरी की फीस 3540 रुपये और एससी, एसटी की फीस 1770 रुपये होती है. प्रदेश के लगभग सभी जिलों में हैवी ड्राइविंग लाइसेंस की ट्रेनिंग के लिए इस समय लंबी वेटिंग चल रही है. कई जिलों में तो छह से सात महीने बाद ट्रेनिंग का नंबर आता है.
महिलाओं को मिलेगा पहले मौका
सीरियल नंबर के हिसाब से आवेदक का नंबर आता है, चाहे वो पुरुष हो या महिला. सरकार ने हैवी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए बेटियों को भी प्रेरित करने की खातिर लेडीज फर्स्ट की नीति अपनाई है. महिलाओं के अप्लाई करते ही ट्रेनिंग के लिए नंबर आ जाएगा.
प्रदेश में कितने सरकारी और गैरसरकारी ट्रेनिंग स्कूल ?
प्रदेश में इस समय 23 सरकारी और 3 प्राइवेट ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल चल रहे हैं. फरीदाबाद, रोहतक, झज्जर, कैथल, भिवानी, करनाल, फतेहाबाद, गुरुग्राम, सिरसा, मुरथल, अंबाला, दादरी, नारनौल, हिसार, कुरुक्षेत्र, पलवल, यमुनानगर, जींद, पंचकूला, रेवाड़ी, पानीपत, नूंह में सरकारी ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल हैं. वहीं बहादुरगढ़, रोहतक के कन्हली, कैथल के गढ़ी पाडला में प्राइवेट ट्रेनिंग स्कूल हैं. इनमें 35 दिनों तक हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग दी जाती है.
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ट्रेनिंग के बाद टेस्ट लिया जाता है. जो इसमें पास हो जाता है, उसे सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है. फेल होने वाले को दोबारा से टेस्ट देना होता है. जींद ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के इंचार्ज बलराज देशवाल ने बताया कि मुख्यालय से आदेश जारी हुए हैं कि हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाए. आदेशों का पालन किया जा रहा है.