जींदः हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी निजीकरण के विरोध में 7 और 8 जनवरी को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल की रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं. इसके लिए आज जींद में रोडवेज तालमेल कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक में हड़ताल को सफल बनाने के लिए कर्मचारी नेताओं को निर्देश दिए गए और रोडवेज विभाग के हर कर्मचारी को इस हड़ताल में शामिल करने के लिए विचार विमर्श किया गया.
किसी भी कीमत पर निजीकरण बर्दाश्त नहीं- कर्मचारी
रोडवेज तालमेल कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है किलोमीटर स्कीम ना तो जनता के हित में है और ना ही विभाग के हित में है. उनका कहना है कि उसके बावजूद भी सरकार अपने चहेतों को और पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का कार्य रही है जिससे कर्मचारियों में रोष है और ऐसे में किसी भी कीमत पर निजीकरण सहन नहीं किया जाएगा.
दुष्यंत ने किया था निजीकरण का विरोध
वहीं रोडवेज कर्मचारी नेता अनूप लाठर ने कहा की पिछली हड़ताल के वक्त दुष्यंत चौटाला जगह-जगह रोडवेज के धरने पर गए थे और उनका समर्थन किया था. रोडवेज की बस में उन्होंने अपना चुनाव प्रचार किया था उस वक्त दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि हरियाणा रोडवेज गरीब का रथ है इसका निजीकरण नहीं नहीं होना चाहिए. ऐसे में आज दुष्यंत चौटाला सरकार में है तो तालमेल कमेटी उनसे सवाल करती है कि इस मसले पर उनका क्या स्टैंड है.
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निजीकरण रोक पाएंगे रोडवेज कर्मचारी!
गौरतलब है कि रोडवेज कर्मचारी एक बार फिर सरकार के सामने सड़कों पर उतरने को तैयार है. ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि हड़ताल के नाम पर सरकार और रोडवेज कर्मचारियों की ये सीधी टक्कर क्या रंग लाएगी. फिलहाल तो सरकार दावा कर रही है कि इस हड़ताल से आम जमजन पर कोई असर नहीं पड़ेगा वहीं दूसरे विकल्पों से रोडवेज की बसें चलाई जाएंगी.