जींद: जिले से जन स्वास्थ्य विभाग का एक कारनामा सामने आया है. जन स्वास्थ्य विभाग ने जींद की कई कॉलोनियों में लोगों को फ्री में कहकर उनके घर पानी की टंकी रखवा दीं और बाद में उनके घर मोटे बिल बिजवा दिए. विभाग की ओर से एक साल बाद 7-7 हजार रुपये के बिल गए तो लोग हरकत में आ गए.
लोगों ने किया प्रदर्शन
विभाग के इस कारनामें पर लोग बिलों को लेकर जन स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में पहुंच गए. लोगों ने वहां पहुंचकर जमकर हंगामा किया और कार्यालय के गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए. शुरुआत में जब जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उनके बीच में पहुंचे और उनकी समस्या जानने की कोशिश की.
एक महिला के दिखाए तीन कनेक्शन
जब धरने पर महिलाओं से बात की तो उन्होंने कहा कि हमें फ्री की टंकी नहीं चाहिए. उनकी आर्थिक स्थिति इतने बिल भरने की नहीं है. उनको दी गई टंकी प्रशासन उतार ले. वो किराए के मकान में रहती हैं. अचानक से इतना बिल भरना उनके बस की बात नहीं है. जिस समय उनका पानी का कनेक्शन किया था तो उस समय कनेक्शन और पानी की टंकी फ्री होने की बात कही थी, लेकिन अब उसके घर पर पानी के तीन कनेक्शन दिखाकर 21 हजार रुपये के बिल भेज दिया है. जबकि उनके घर पानी के एक की कनेक्शन है.
लोगों के बीच पहुंचे तहसीलदार
करीब दो घंटे के हंगामें के बाद तहसीलदार मनोज कुमार और जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ सतीश नैन लोगों के बीच में पहुंचे. तहसीलदार मनोज कुमार को पार्षद रणधीर राणा ने बिलों की समस्या के बारे में बताया साथ ही उन्होंने सीवरेज और पेयजल में आ रही गंदगी के बारे में बताया.
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बिलों पर होगा दोबारा सर्वे
इसके बाद एसडीओ सतीश नैन ने कहा कि बिलों को लेकर एक सप्ताह में दोबारा सर्वे करवाया जाएगा और सीवरेज और पेयजल की समस्या का दस दिन में समाधान कर दिया जाएगा. इस आश्वासन के बाद धरने पर बैठे लोग संतुष्ट हो गए और धरना समाप्त कर दिया.