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अब टी.बी मुक्त होगा जींद! जींद स्वास्थ्य विभाग ने उठाए ये खास कदम

टी.बी जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए जींद प्रशासन ने अपनी पूरी कोशिश शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग अब तक 1481 मरीजों की पहचान कर चुका है, जो जींद में टीबी से पीड़ित हैं.

जिला टी.बी अस्पताल
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Published : Aug 28, 2019, 11:06 PM IST

जींद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2025 तक टी.बी (क्षय रोग) की बीमारी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है. इसको लेकर जींद जिला स्वास्थ्य विगाग इस साल टी.बी के अब तक 1481 मरीजों की पहचान कर इनका इलाज शुरू कर चुका है. टी.बी का इलाज शुरू होने के बाद दवाइयों से होने वाली शारीरिक कमजोरी को कवर करने के लिए विभाग द्वारा हर रोगी को 500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं.

इस योजना के तहत अप्रैल 2018 से 19 जुलाई 2019 तक 58 लाख 44 हजार रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है. उप सिविल सर्जन एंव नोडल अधिकारी जिला पालेराम कटारिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग अब टीबी के मरीजों को ढूंढ-ढूंढकर निकालने में लगा हुआ है, ताकि 2025 के बाद जिले में टीबी का एक भी रोगी न हो.

उन्होंने बताया कि टी.बी के रोगी का पता लगाने के लिए डिटेक्शन (खोज) पर जोर देने के साथ-साथ निश्चय पोर्टल पर टीबी मरीजों का ब्यौरा डाला जा रहा है. निश्चय पोर्टल पर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ निजी अस्पताल और प्रयोगशालाएं आदि भी अपने पास आने वाले टी.बी के मरीजों का पूरा ब्यौरा अपलोड कर रहे हैं, ताकि विभाग को ये जानकारी रहे कि जिले में टी.बी से ग्रस्त कितने रोगी हैं.

उन्होने बताया कि निश्चय पोर्टल पर ही टीबी के रोगियों का रजिस्ट्रेशन होता हे. ऐसे रोगियों को पोषण योजना के तहत 500 रुपये की राशि हर माह रोगी के बैंक खाते में डाली जाती है. इसके अलावा 500 रुपये की राशि उन लोगों को भी प्रोत्साहन के तौर पर मिलती है. जो टी.बी के रोगी को खोजने में सहायता करते हैं.

जींद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2025 तक टी.बी (क्षय रोग) की बीमारी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है. इसको लेकर जींद जिला स्वास्थ्य विगाग इस साल टी.बी के अब तक 1481 मरीजों की पहचान कर इनका इलाज शुरू कर चुका है. टी.बी का इलाज शुरू होने के बाद दवाइयों से होने वाली शारीरिक कमजोरी को कवर करने के लिए विभाग द्वारा हर रोगी को 500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं.

इस योजना के तहत अप्रैल 2018 से 19 जुलाई 2019 तक 58 लाख 44 हजार रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है. उप सिविल सर्जन एंव नोडल अधिकारी जिला पालेराम कटारिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग अब टीबी के मरीजों को ढूंढ-ढूंढकर निकालने में लगा हुआ है, ताकि 2025 के बाद जिले में टीबी का एक भी रोगी न हो.

उन्होंने बताया कि टी.बी के रोगी का पता लगाने के लिए डिटेक्शन (खोज) पर जोर देने के साथ-साथ निश्चय पोर्टल पर टीबी मरीजों का ब्यौरा डाला जा रहा है. निश्चय पोर्टल पर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ निजी अस्पताल और प्रयोगशालाएं आदि भी अपने पास आने वाले टी.बी के मरीजों का पूरा ब्यौरा अपलोड कर रहे हैं, ताकि विभाग को ये जानकारी रहे कि जिले में टी.बी से ग्रस्त कितने रोगी हैं.

उन्होने बताया कि निश्चय पोर्टल पर ही टीबी के रोगियों का रजिस्ट्रेशन होता हे. ऐसे रोगियों को पोषण योजना के तहत 500 रुपये की राशि हर माह रोगी के बैंक खाते में डाली जाती है. इसके अलावा 500 रुपये की राशि उन लोगों को भी प्रोत्साहन के तौर पर मिलती है. जो टी.बी के रोगी को खोजने में सहायता करते हैं.

Intro:

टी.बी रोगी के बारे में बताने पर स्वास्थ्य विभाग देता है प्रोत्शाहन राशि

एकंर:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2025 तक टी.बी(क्षय रोग) की  बिमारी को जड़ से समाप्त करने के लक्ष्य को लेकर जींद जिला स्वास्थ्य विगाग इस वर्ष टी.बी के अब तक 1481 मरीजों की पहचान कर इनका उपचार शुरू कर चुका है। टी.बी का उपचार आंरभ होने के बाद दवाइयों से होने वाली शारीरिक कमजोरी को कवर करने के लिए विभाग द्वारा हर रोगी को 500 रूपए हर माह दिए जाते हैं। इस योजना के तहत अप्रैल 2018 से 19 जुलाई 2019 तक 58 लाख 44 हजार रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है ।



Body:उप सिविल सर्जन एंव नोडल अधिकारी जिला क्षय रोग जींद पालेराम कटारिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग अब टी.बी के मरीजों को ढूंढ-ढूंढकर निकालने में लगा हुआ है ताकि 2025 के बाद जिला में टी.बी का एक भी रोगी सामने नही आए टी.बी के रोगी का पता लगाने के लिए डिटेक्शन (खोज) पर जोर देने के साथ-साथ निश्चय पोर्टल पर टी.बी मरीजों का ब्यौरा डाला जा रहा है। निश्चय पोर्टल पर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ निजी अस्पताल और प्रयोगशालाए तथा कैमिस्ट आदि भी अपने पास आने वाले टी.बी के मरीजों का पूरा ब्यौरा अपलोड कर रहे हैं ताकि विभाग को यह जानकारी रहे कि जिले में टी.बी से ग्रस्त कितने रोगी हैं। उन्होने बताया कि  निश्चय पोर्टल पर ही टी.बी के रोगीयों का रजिस्ट्रेशन होता हे। ऐसे रोगीयों को पोषण योजना के तहत 500 रूपए की राशि हर माह रोगी के बैंक खाते में डाली जाती है इसके अलावा 500 रूपए कि राशि उन लोगों को भी प्रोत्साहन के तौर पर मिलती है जो टी.बी के रोगी को खोजने में सहायता करते हैं। इसमें यह भी प्रावधान रखा गया है कि यदि कोई रोगी किसी निजी अस्पताल में अपना उपचार करवाना चाहे तो जिला स्वास्थ्य विभाग उक्त निजी अस्पताल को भी टी.बी की दवा मुहैया करवाएगा। उन्होने यह भी बताया कि टी.बी को जड़ से समाप्त करने की  खातिर चलाई जा रही डीबीटी योजना के तहत अपै्रल 2018 से 19 जुलाई 2019 तक 58 लाख 44 हजार रूपए की राशि अलग-अलग मदों में खर्च की गई है

बाइट:- डा पालेराम कटारिया, नोडल अधिकारी जिला क्षय रोग जींद

Conclusion:
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