जींद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2025 तक टी.बी (क्षय रोग) की बीमारी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है. इसको लेकर जींद जिला स्वास्थ्य विगाग इस साल टी.बी के अब तक 1481 मरीजों की पहचान कर इनका इलाज शुरू कर चुका है. टी.बी का इलाज शुरू होने के बाद दवाइयों से होने वाली शारीरिक कमजोरी को कवर करने के लिए विभाग द्वारा हर रोगी को 500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं.
इस योजना के तहत अप्रैल 2018 से 19 जुलाई 2019 तक 58 लाख 44 हजार रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है. उप सिविल सर्जन एंव नोडल अधिकारी जिला पालेराम कटारिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग अब टीबी के मरीजों को ढूंढ-ढूंढकर निकालने में लगा हुआ है, ताकि 2025 के बाद जिले में टीबी का एक भी रोगी न हो.
उन्होंने बताया कि टी.बी के रोगी का पता लगाने के लिए डिटेक्शन (खोज) पर जोर देने के साथ-साथ निश्चय पोर्टल पर टीबी मरीजों का ब्यौरा डाला जा रहा है. निश्चय पोर्टल पर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ निजी अस्पताल और प्रयोगशालाएं आदि भी अपने पास आने वाले टी.बी के मरीजों का पूरा ब्यौरा अपलोड कर रहे हैं, ताकि विभाग को ये जानकारी रहे कि जिले में टी.बी से ग्रस्त कितने रोगी हैं.
उन्होने बताया कि निश्चय पोर्टल पर ही टीबी के रोगियों का रजिस्ट्रेशन होता हे. ऐसे रोगियों को पोषण योजना के तहत 500 रुपये की राशि हर माह रोगी के बैंक खाते में डाली जाती है. इसके अलावा 500 रुपये की राशि उन लोगों को भी प्रोत्साहन के तौर पर मिलती है. जो टी.बी के रोगी को खोजने में सहायता करते हैं.