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घाटे में चल रहा रोडवेज का जींद डिपो, सरकारी विभागों पर इतना पैसा है बकाया - jind roadways depot in loss

जींद रोडवेज डिपो पिछले काफी समय से घाटे में चल रहा है. इसकी मुख्य वजह है उधारी का पैसा. दरअसल, कई सरकारी विभागों द्वारा रोडवेज को बकाया राशि नहीं दी गई है, जिससे जींद डिपो घाटे में चलने को मजबूर है.

Jind depot working in loss
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Published : Dec 31, 2019, 5:28 PM IST

जींद: हरियाणा रोडवेज के जींद डिपो को सरकारी विभागों से लाखों रुपये लेने हैं. जिसको लेकर अधिकारी कई बार नोटिस भेज चुके हैं, लेकिन कोई असर अधिकारियों पर नहीं पड़ा है. जींद डिपो पहले से ही घाटे में चल रहा है, ऊपर से उधारी नहीं आ रही है. ऐसे में इस डिपो के घाटे से उभरने के आसार बहुत कम ही नजर आ रहे हैं.

6 साल से पेंडिंग है 6 लाख 23 हजार रुपये
पिछले 6 साल से पेंडिंग साढ़े 6 लाख रुपये अब तक जिला प्रशासन ने नहीं दिए हैं. इसको लेकर रोडवेज विभाग जिला उपायुक्त के नाम 16 बार रिमाइंडर दे चुका है, लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया.

घाटे में चल रहा रोडवेज का जींद डिपो, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- भिवानी में रोडवेज कर्मचारियों ने किलोमीटर स्कीम का किया विरोध, यात्रियों को हुई परेशानी

बता दें कि 6 साल पहले जिनके कई गांवों में बरसाती पानी भर जाने पर इसे ट्रैक्टर और मोटरों से निकालने के लिए जिला प्रशासन ने जींद डिपो से डीजल और मोबिल ऑयल लिया था. उसी का ये बिल अभी तक नहीं दिया गया है.

इसी तरह रोडवेज बसों में बंदी कैदी यात्रा करते हैं, तो इसी एवज में संबंधित एसपी कार्यालय द्वारा डिपो को भुगतान करना होता है. इस यात्रा के लिए बाकायदा बस वाऊचर बनता है, जिसे रोडवेज बस के परिचालक को देना होता है.

किस कार्यालय पर कितनी उधारी ?

  • हिसार एसपी कार्यालय से 1लाख 98 हजार रुपये
  • जींद एसपी कार्यालय से 2 लाख 77 हजार रुपये
  • फतेहाबाद एसपी कार्यालय से 1 लाख 48 हजार रुपये

यानी कुल मिलाकर 6 लाख 23 हजार रुपये तीनों जिले के एसपी से लेने हैं. इसको लेकर रोडवेज विभाग कई बार जिला प्रशासन को नोटिस भेज चुका है, लेकिन अभी तक कोई अदायगी नहीं की है.

इस उधार को लेकर जींद डिपो के महाप्रबंधक बिजेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कई विभागों में डिपो की पेमेंट रुकी हुई है. उसको लेकर लगातार रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं. अगर ये पेमेंट होती है तो डिपो का घाटा कुछ कम होगा. अगर पेमेंट नहीं दी गई तो डिपो घाटे में ही चलेगा जो रोडवेज के लिए एक बड़ी समस्या है.

जींद: हरियाणा रोडवेज के जींद डिपो को सरकारी विभागों से लाखों रुपये लेने हैं. जिसको लेकर अधिकारी कई बार नोटिस भेज चुके हैं, लेकिन कोई असर अधिकारियों पर नहीं पड़ा है. जींद डिपो पहले से ही घाटे में चल रहा है, ऊपर से उधारी नहीं आ रही है. ऐसे में इस डिपो के घाटे से उभरने के आसार बहुत कम ही नजर आ रहे हैं.

6 साल से पेंडिंग है 6 लाख 23 हजार रुपये
पिछले 6 साल से पेंडिंग साढ़े 6 लाख रुपये अब तक जिला प्रशासन ने नहीं दिए हैं. इसको लेकर रोडवेज विभाग जिला उपायुक्त के नाम 16 बार रिमाइंडर दे चुका है, लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया.

घाटे में चल रहा रोडवेज का जींद डिपो, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- भिवानी में रोडवेज कर्मचारियों ने किलोमीटर स्कीम का किया विरोध, यात्रियों को हुई परेशानी

बता दें कि 6 साल पहले जिनके कई गांवों में बरसाती पानी भर जाने पर इसे ट्रैक्टर और मोटरों से निकालने के लिए जिला प्रशासन ने जींद डिपो से डीजल और मोबिल ऑयल लिया था. उसी का ये बिल अभी तक नहीं दिया गया है.

इसी तरह रोडवेज बसों में बंदी कैदी यात्रा करते हैं, तो इसी एवज में संबंधित एसपी कार्यालय द्वारा डिपो को भुगतान करना होता है. इस यात्रा के लिए बाकायदा बस वाऊचर बनता है, जिसे रोडवेज बस के परिचालक को देना होता है.

किस कार्यालय पर कितनी उधारी ?

  • हिसार एसपी कार्यालय से 1लाख 98 हजार रुपये
  • जींद एसपी कार्यालय से 2 लाख 77 हजार रुपये
  • फतेहाबाद एसपी कार्यालय से 1 लाख 48 हजार रुपये

यानी कुल मिलाकर 6 लाख 23 हजार रुपये तीनों जिले के एसपी से लेने हैं. इसको लेकर रोडवेज विभाग कई बार जिला प्रशासन को नोटिस भेज चुका है, लेकिन अभी तक कोई अदायगी नहीं की है.

इस उधार को लेकर जींद डिपो के महाप्रबंधक बिजेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कई विभागों में डिपो की पेमेंट रुकी हुई है. उसको लेकर लगातार रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं. अगर ये पेमेंट होती है तो डिपो का घाटा कुछ कम होगा. अगर पेमेंट नहीं दी गई तो डिपो घाटे में ही चलेगा जो रोडवेज के लिए एक बड़ी समस्या है.

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Body:हरियाणा रोडवेज के जींद डिपो को सरकारी विभाग विभागों से लाखों रुपए लेने हैं जिसको लेकर अधिकारी कई बार पत्राचार कर चुके हैं लेकिन कोई असर अधिकारियों पर नहीं पड़ा , जींद डिपो पहले से ही घाटे में चल रहा है लेकिन ऊपर से उधारी नहीं आ रही ऐसे में इस डिपो के घाटे से उभरने के आसार बहुत कम ही नजर आ रहे है


पिछले 6 साल से पेंडिंग साढ़े पांच लाख रुपये अब तक जिला प्रशासन ने नहीं दिए हैं इसको लेकर रोडवेज विभाग जिला उपायुक्त के नाम सोला बार रिमाइंडर है चुका है लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला, 6 साल पहले जिनके कई गांवों में बरसात पानी भर जाने पर इसे ट्रैक्टर और मोटरो से निकालने के लिए जिला प्रशासन ने जींद डिपो से डीजल और मोबिल ऑयल लिया था उसी का ये बिल अभी तक नहीं दिया गया है

इसी तरह रोडवेज बसों में बंदी कैदी यात्रा करते हैं तो इसी एवज में संबंधित एसपी कार्यालय द्वारा डिपो को भुगतान करना होता है, इस यात्रा के लिए बाकायदा बस वाउचर बनता है जिसे रोडवेज बस के परिचालक को देना होता है जिस बस में कैदी यात्रा करता है , कैदियों की ऐसी यात्रा को लेकर

हिसार एसपी कार्यालय से 1लाख 98 हजार रुपए

जींद एसपी कार्यालय से 2 लाख 77 हजार

फतेहाबाद एसपी कार्यालय से 1 लाख 48 हजार


यानी कुल मिलाकर 6 लाख 23 हजार रुपये तीनों जिले के एसपी से लेने हैं जिसको लेकर रोडवेज विभाग कई बार पत्राचार कर चुका है लेकिन अभी तक कोई अदायगी नहीं की गई है


इस उधार को लेकर जींद डिपो के महाप्रबंधक विजेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कई विभागों में डिपो की पेमेंट रुकी हुई है उसको लेकर लगातार रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं अगर यह पेमेंट होती है तो डिपो का घाटा कुछ कम होगा

बाइट - बिजेंद्र हुड्डा , महाप्रबंधक जींद डिपो


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