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जानिए क्या है जींद की जनता का घोषणा पत्र ?

अपने खास कार्यक्रम 'जनता का घोषणा पत्र' में ईटीवी भारत की टीम जींद विधानसभा क्षेत्र पहुंची. जहां हमारी टीम ने स्थानीय लोगों से बातचीत की और जाना कि आखिर जींद की जनता अपने घोषणा पत्र में किन मुद्दों को शामिल करना चाहती है.

जींद की जनता का घोषणा पत्र
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Published : Sep 26, 2019, 7:06 AM IST

जींद: राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्र आपने देखे हैं, लेकिन ईटीवी भारत की टीम इस बार आपको दिखा रही है जनता का घोषणा पत्र. वो घोषणा पत्र जो खुद हरियाणा की जनता को उनके हलके के लिए चाहिए. वो घोषणाएं जो जनता किसी राजनीतिक पार्टियों से ना सिर्फ सुनना चाहती हैं, बल्कि वो घोषणाएं जिन्हें वो अपने हलके में पूरा होते हुए भी देखना चाहती हैं.
ईटीवी भारत की टीम अपने खास कार्यक्रम 'जनता का घोषणा पत्र' के तहत जींद विधानसभा क्षेत्र पहुंची और वहां के स्थानीय लोगों से जाना की अगर वो घोषणा पत्र बनाते तो जींद के लिए क्या घोषणाएं करते?

सुनिए क्या है जींद की जनता का घोषणा पत्र

जींद की जनता को चाहिए रोजगार
ज्यादातर लोगों ने जींद में रोजगार की समस्या की बात कही. लोगों ने बताया कि उनके हलके में काफी बेरोजगार हैं और वो चाहते हैं कि इस बार रोजगार पर सरकार ध्यान दें.

घोषणा पत्र में होनी चाहिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था
स्थानीय लोगों ने कहा की जींद में स्टेट यूनिवर्सिटी नहीं है. हुड्डा सरकार के वक्त स्टेट यूनिवर्सिटी का काम तो शुरू किया गया, लेकिन उसे आजतक पूरा नहीं किया गया है.

होनी चाहिए अच्छी स्वास्थ्य वयवस्था
जींद के लोगों ने कहा कि उनके हलके में सबसे बड़ी समस्या है स्वास्थ्य सेवाओं की. यहां के अस्पताल में डॉक्टर तक नहीं है. सरकार ने एक मेडिकल कॉलेज की घोषणा जींद में की थी, लेकिन 5 साल पूरे होने तक उस अस्पताल की सिर्फ दीवारें ही बनी हैं.

ये भी पढ़िए: अंबाला छावनी विधानसभा क्षेत्र के अध्यापकों और छात्राओं के साथ जनता का घोषणा पत्र

जींद विधायक कृष्ण मिड्डा
बता दें कि जींद विधानसभा सीट से बीजेपी के कृष्णा मिड्ढा विधायक हैं. उनसे पहले इस सीट पर इनेलो से उनके पिता हरिचंद मिड्ढा विधायक थे. जिनके निधन के बाद जींद विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ और कृष्ण मिड्ढा ने बीजेपी की टिकट पर ना सिर्फ चुनाव लड़ा बल्कि जीता भी.

जींद: राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्र आपने देखे हैं, लेकिन ईटीवी भारत की टीम इस बार आपको दिखा रही है जनता का घोषणा पत्र. वो घोषणा पत्र जो खुद हरियाणा की जनता को उनके हलके के लिए चाहिए. वो घोषणाएं जो जनता किसी राजनीतिक पार्टियों से ना सिर्फ सुनना चाहती हैं, बल्कि वो घोषणाएं जिन्हें वो अपने हलके में पूरा होते हुए भी देखना चाहती हैं.
ईटीवी भारत की टीम अपने खास कार्यक्रम 'जनता का घोषणा पत्र' के तहत जींद विधानसभा क्षेत्र पहुंची और वहां के स्थानीय लोगों से जाना की अगर वो घोषणा पत्र बनाते तो जींद के लिए क्या घोषणाएं करते?

सुनिए क्या है जींद की जनता का घोषणा पत्र

जींद की जनता को चाहिए रोजगार
ज्यादातर लोगों ने जींद में रोजगार की समस्या की बात कही. लोगों ने बताया कि उनके हलके में काफी बेरोजगार हैं और वो चाहते हैं कि इस बार रोजगार पर सरकार ध्यान दें.

घोषणा पत्र में होनी चाहिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था
स्थानीय लोगों ने कहा की जींद में स्टेट यूनिवर्सिटी नहीं है. हुड्डा सरकार के वक्त स्टेट यूनिवर्सिटी का काम तो शुरू किया गया, लेकिन उसे आजतक पूरा नहीं किया गया है.

होनी चाहिए अच्छी स्वास्थ्य वयवस्था
जींद के लोगों ने कहा कि उनके हलके में सबसे बड़ी समस्या है स्वास्थ्य सेवाओं की. यहां के अस्पताल में डॉक्टर तक नहीं है. सरकार ने एक मेडिकल कॉलेज की घोषणा जींद में की थी, लेकिन 5 साल पूरे होने तक उस अस्पताल की सिर्फ दीवारें ही बनी हैं.

ये भी पढ़िए: अंबाला छावनी विधानसभा क्षेत्र के अध्यापकों और छात्राओं के साथ जनता का घोषणा पत्र

जींद विधायक कृष्ण मिड्डा
बता दें कि जींद विधानसभा सीट से बीजेपी के कृष्णा मिड्ढा विधायक हैं. उनसे पहले इस सीट पर इनेलो से उनके पिता हरिचंद मिड्ढा विधायक थे. जिनके निधन के बाद जींद विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ और कृष्ण मिड्ढा ने बीजेपी की टिकट पर ना सिर्फ चुनाव लड़ा बल्कि जीता भी.

Intro:Body:जनता का घोषणा पत्र कार्यक्रम के तहत आज ईटीवी भारत की टीम जींद विधानसभा पहुंची लोगों से घोषणा पत्र को लेकर उनकी राय जानी

जींद के लोगों ने घोषणा पत्र को लेकर कहा कि हरियाणा में रोजगार की सबसे बड़ी समस्या है सबसे पहले तो इसको लेकर घोषणापत्र में ध्यान रखा जाना चाहिए हरियाणा में जितने भी उद्योग हैं उनमें हरियाणा के वासियों को रोजगार दिया जाना चाहिए

नहीं स्थानीय समस्याओं पर जनता ने कहा कि जींद में गलियों में पानी की निकासी की सबसे बड़ी समस्या है जिसको लेकर बहुत काम करना अभी बाकी है स्वास्थ्य सेवाओं का तो जींद में बुरा हाल है यहां के अस्पताल में डॉक्टर तक नहीं है सरकार ने एक मेडिकल कॉलेज की घोषणा जींद में की थी जिसकी अभी तक 5 साल में सिर्फ चार दिवारी ही बनी है, सबसे पहले जींद में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर काम किया जाना चाहिए

Conclusion:
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