जींद: जींद बस अड्डे पर सोमवार दोपहर बाद उस समय हंगामा हो गया, जब हांसी-चडीगढ़ रूट की बस उन यात्रियों को बस अड्डे पर ही छोड़ चंडीगढ़ के लिए निकल गई, जिन्होंने काउंटर से सीट नंबर के साथ टिकट लिया था. रोडवेज बस चालक की लापरवाही की वजह से 43 यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी.
ये है पूरा मामला
जींद डिपो की एक बस हांसी से जींद होते हुए चंडीगढ़ जाती है, जो दोपहर बाद 2 बजकर 30 मिनट पर बस अड्डे से चंडीगढ़ के लिए निकलती है. हांसी से जब ये बस चली तो परिचालक द्वारा जो सीटें खाली थी, उनकी जानकारी बस अड्डे पर एडवांस बुकिंग के लिए बैठे परिचालक को दे दी.
काउंटर पर बैठे परिचालक ने चंडीगढ़, अंबाला, पिहोवा जाने वाले यात्रियों को सीट नंबर दे दिए और बस में अपनी सीट नंबर के हिसाब से बैठने को कहा. जैसे ही बस हांसी से बस अड्डे पर प्रवेश कर बूथ पर लगी, 50 से ज्यादा छात्र एकदम से बस में घुस गए और खाली सीटों पर कब्जा जमा लिया.
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देखते ही देखते बस में भीड़ इतनी हो गई कि जिन यात्रियों ने बस का सीट नंबर लिया था, वो बाहर ही रह गए. ज्यादा भीड़ के कारण वो बस में नहीं चढ़ पाए और बस चल पड़ी. चालक बस को चंडीगढ़ के लिए लेकर निकल गया और यात्री पीछे से आवाज लगाते रहे गए.
बता दें कि जींद डिपो में इस समय लगभग 165 बसें विभिन्न रूटों पर दौड़ रही हैं. चंडीगढ़ के लिए जींद डिपो की दो या तीन बस ही हैं. बसों की कमी के चलते यात्रियों को हर रोज इसी तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है. एक रूट पर दो-दो घंटे बाद ही कोई बस जाती है.
इस पूरे मामले पर बस अड्डा इंचार्ज सूरजभान ने सफाई देते हुए कहा जिन यात्रियों ने सीट नंबर लिया था और वो बस में सवार नहीं हो पाए. उन्हें अगली बस में बैठाकर रवाना कर दिया गया. बस में छात्रों की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि चालक को पता ही नहीं चल पाया कि कौन बैठ गया और कौन बच गया. चालक को भी बोला गया है, आगे से ऐसी गलती नहीं करे.
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