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रोडवेज की बड़ी लापरवाही, जिन्हें टिकट दी उन्हें छोड़कर चली गई बस

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Published : Dec 9, 2019, 9:02 PM IST

जींद बस डिपो की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां पहले से ही टिकट लेने के बाद भी यात्रियों को बस में सीट नहीं मिली और बिना यात्रियों के ही बस निकल गई. इसमें कई यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है.

jind bus depot big negligence
jind bus depot big negligence

जींद: जींद बस अड्डे पर सोमवार दोपहर बाद उस समय हंगामा हो गया, जब हांसी-चडीगढ़ रूट की बस उन यात्रियों को बस अड्डे पर ही छोड़ चंडीगढ़ के लिए निकल गई, जिन्होंने काउंटर से सीट नंबर के साथ टिकट लिया था. रोडवेज बस चालक की लापरवाही की वजह से 43 यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी.

ये है पूरा मामला
जींद डिपो की एक बस हांसी से जींद होते हुए चंडीगढ़ जाती है, जो दोपहर बाद 2 बजकर 30 मिनट पर बस अड्डे से चंडीगढ़ के लिए निकलती है. हांसी से जब ये बस चली तो परिचालक द्वारा जो सीटें खाली थी, उनकी जानकारी बस अड्डे पर एडवांस बुकिंग के लिए बैठे परिचालक को दे दी.

रोडवेज की बड़ी लापरवाही, देखें वीडियो

काउंटर पर बैठे परिचालक ने चंडीगढ़, अंबाला, पिहोवा जाने वाले यात्रियों को सीट नंबर दे दिए और बस में अपनी सीट नंबर के हिसाब से बैठने को कहा. जैसे ही बस हांसी से बस अड्डे पर प्रवेश कर बूथ पर लगी, 50 से ज्यादा छात्र एकदम से बस में घुस गए और खाली सीटों पर कब्जा जमा लिया.

ये भी पढ़ें- यहां देखें अकबर काल से लेकर ब्रिटिश काल के सिक्के, गीता जयंती में लगी है प्रदर्शनी

देखते ही देखते बस में भीड़ इतनी हो गई कि जिन यात्रियों ने बस का सीट नंबर लिया था, वो बाहर ही रह गए. ज्यादा भीड़ के कारण वो बस में नहीं चढ़ पाए और बस चल पड़ी. चालक बस को चंडीगढ़ के लिए लेकर निकल गया और यात्री पीछे से आवाज लगाते रहे गए.

बता दें कि जींद डिपो में इस समय लगभग 165 बसें विभिन्न रूटों पर दौड़ रही हैं. चंडीगढ़ के लिए जींद डिपो की दो या तीन बस ही हैं. बसों की कमी के चलते यात्रियों को हर रोज इसी तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है. एक रूट पर दो-दो घंटे बाद ही कोई बस जाती है.

इस पूरे मामले पर बस अड्डा इंचार्ज सूरजभान ने सफाई देते हुए कहा जिन यात्रियों ने सीट नंबर लिया था और वो बस में सवार नहीं हो पाए. उन्हें अगली बस में बैठाकर रवाना कर दिया गया. बस में छात्रों की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि चालक को पता ही नहीं चल पाया कि कौन बैठ गया और कौन बच गया. चालक को भी बोला गया है, आगे से ऐसी गलती नहीं करे.

ये भी पढ़ें- रोडवेज में 22 लोग कर रहे थे बिना टिकट के यात्रा, भरना पड़ा जुर्माना

जींद: जींद बस अड्डे पर सोमवार दोपहर बाद उस समय हंगामा हो गया, जब हांसी-चडीगढ़ रूट की बस उन यात्रियों को बस अड्डे पर ही छोड़ चंडीगढ़ के लिए निकल गई, जिन्होंने काउंटर से सीट नंबर के साथ टिकट लिया था. रोडवेज बस चालक की लापरवाही की वजह से 43 यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी.

ये है पूरा मामला
जींद डिपो की एक बस हांसी से जींद होते हुए चंडीगढ़ जाती है, जो दोपहर बाद 2 बजकर 30 मिनट पर बस अड्डे से चंडीगढ़ के लिए निकलती है. हांसी से जब ये बस चली तो परिचालक द्वारा जो सीटें खाली थी, उनकी जानकारी बस अड्डे पर एडवांस बुकिंग के लिए बैठे परिचालक को दे दी.

रोडवेज की बड़ी लापरवाही, देखें वीडियो

काउंटर पर बैठे परिचालक ने चंडीगढ़, अंबाला, पिहोवा जाने वाले यात्रियों को सीट नंबर दे दिए और बस में अपनी सीट नंबर के हिसाब से बैठने को कहा. जैसे ही बस हांसी से बस अड्डे पर प्रवेश कर बूथ पर लगी, 50 से ज्यादा छात्र एकदम से बस में घुस गए और खाली सीटों पर कब्जा जमा लिया.

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देखते ही देखते बस में भीड़ इतनी हो गई कि जिन यात्रियों ने बस का सीट नंबर लिया था, वो बाहर ही रह गए. ज्यादा भीड़ के कारण वो बस में नहीं चढ़ पाए और बस चल पड़ी. चालक बस को चंडीगढ़ के लिए लेकर निकल गया और यात्री पीछे से आवाज लगाते रहे गए.

बता दें कि जींद डिपो में इस समय लगभग 165 बसें विभिन्न रूटों पर दौड़ रही हैं. चंडीगढ़ के लिए जींद डिपो की दो या तीन बस ही हैं. बसों की कमी के चलते यात्रियों को हर रोज इसी तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है. एक रूट पर दो-दो घंटे बाद ही कोई बस जाती है.

इस पूरे मामले पर बस अड्डा इंचार्ज सूरजभान ने सफाई देते हुए कहा जिन यात्रियों ने सीट नंबर लिया था और वो बस में सवार नहीं हो पाए. उन्हें अगली बस में बैठाकर रवाना कर दिया गया. बस में छात्रों की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि चालक को पता ही नहीं चल पाया कि कौन बैठ गया और कौन बच गया. चालक को भी बोला गया है, आगे से ऐसी गलती नहीं करे.

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 जींद बस अड्डे पर सोमवार दोपहर बाद उस समय हंगामा हो गया, जब हांसी-चडीगढ़ रूट की बस उन यात्रियों को बस अड्डे पर ही छोड़ चंडीगढ़ के लिए निकल गई, जिन्होंने काउंटर से सीट नम्बर के साथ टिकट लिया था। रोडवेज बस चालक की लापरवाही की वजह से 43 यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।

ये है पूरा मामला

जींद डिपो की एक बस हांसी से जींद होते हुए चंडीगढ़ जाती है, जो दोपहर बाद 2 बजकर 30 मिनट पर बस अड़्डे से चंडीगढ़ के लिए निकलती है। हांसी से जब यह बस चली तो परिचालक द्वारा जो सीटें खाली थी, उनकी जानकारी बस अड्डे पर एडवांस बुकिंग के लिए बैठे परिचालक को दे दी। काउंटर पर बैठे परिचालक ने चंडीगढ़, अंबाला, पेहोवा जाने वाले यात्रियों को सीट नंबर दे दिए और बस में अपनी सीट नंबर के हिसाब से बैठने को कहा। जैसे ही बस हांसी से  बस अड्डे पर प्रवेश कर बूथ पर लगी, 50 से ज्यादा छात्र एकदम से बस में घुस गए और खाली सीटों पर कब्जा जमा लिया। देखते ही देखते बस में भीड़ इतनी हो गई कि जिन यात्रियों ने बस का सीट नंबर लिया था, वह बाहर ही रह गए। ज्यादा भीड़ के कारण वह बस में नहीं चढ़ पाए और बस चल पड़ी। चालक बस को चंडीगढ़ के लिए लेकर निकल गया और यात्री पीछे से आवाज लगाते रहे गए।

बाइट - सुभाष , यात्री


अगर यात्री ने बस अड्डे से एडवांस में पैसे देकर सीट बुक करवाई है और सीट नंबर लिया है तो चालक-परिचालक की जिम्मेदारी होती है कि यात्री को सीट दिलवाए। कायदे से जो वाकया हुआ, उसमें चालक-परिचालक को तब तक बस नहीं चलानी चाहिए थी, जब तक वह यात्री बस में नहीं बैठ जाते, जिन्होंने सीट नंबर लिया है।


जींद डिपो में इस समय लगभग 165 बसें विभिन्न रूटों पर दौड़ रही हैं। चंडीगढ़ के लिए जींद डिपो की दो या तीन बस ही हैं। बसों की कमी के चलते यात्रियों को हर रोज इसी तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है। एक रूट पर दो-दो घंटे बाद ही कोई बस जाती है। ऐसे में यात्रियों और विशेषकर पढ़ने वाले छात्रों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि जैसे ही चंडीगढ़ की बस आई, शाहपुर, कंडेला, नगूरां, पेगां, किठाना समेत दूसरे गांवों के छात्र बस में एकदम से सवार हो गए। हर किसी को अपने घर पहुंचने की जल्दी होती है। बसों की कमी पूरी हुए बिना इस तरह की परेशानी का समाधान नहीं हो सकता।



बस अड्डा इंचार्ज सूरजभान ने सफाई देते हुए कहा जिन यात्रियों ने सीट नंबर लिया था और वह बस में सवार नहीं हो पाए,उन्हें अगली बस में बैठाकर रवाना कर दिया गया। बस में छात्रों की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि चालक को पता ही नहीं चल पाया कि कौन बैठ गया और कौन बच गया। चालक को भी बोला गया है, आगे से ऐसी गलती नहीं करे।

 

बाईट 02 सूरजभान, बस अड्डा इंचार्ज, जींद। 

Conclusion:
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