जींदः शौक जब व्यवसाय बन जाता है तो उसका मजा ही कुछ और होता है. ऐसा ही कुछ किया है जींद के रहने वाले दीपक ने जिन्होंने खरगोश पालने के शौक को व्यवसाय के रूप में चुना और आज बड़े स्तर पर खरगोश पालन करके अच्छी कमाई कर रहे हैं और साथ ही लोगों को इसका प्रशिक्षण भी दे रहे है. दीपक का रैबिट फार्म जींद जिले में रोहतक रोड पर चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के पास में ही बना हुआ है. इस रैबिट फार्म को दीपक कुछ और लोगों के साथ मिलकर चलाते हैं.
जींद में प्रदेश का पहला रैबिट फार्म
रैबिट फार्म के संचालक दीपक ने बताया कि उनका रैबिट फार्म प्रदेश का पहला रैबिट फार्म है, जब उन्होंने पहली बार व्यवसाय के रूप में खरगोश पालने शुरू किए थे, तब 100 खरगोश पाले थे, आज उनके पास 6 अलग-अलग नस्ल के हजारों खरगोश है.
कम निवेश और छोटी जगह में शुरू करें व्यवसाय
खरगोश पालन कम निवेश और छोटी जगह में अधिक आय देने वाला व्यवसाय है. अन्य मांस की तुलना में खरगोश के मीट में 21 फीसदी उच्च प्रोटीन और 8 फीसदी कम वसा होती है. इसलिए यह मांस सभी उम्र के लोगों से लेकर बच्चों तक के लिए उपयुक्त होता है, भारत में खरगोश के मांस की खपत बहुत कम है. इसलिए इसे दूसरे देशों में बेचा जाता है.
200 रुपये प्रति किलो तक मार्केट में बिकते हैं खरगोश
खरगोश पालन के दौरान खरगोश को पत्ते, बची हुई सब्जियां और चने खिलाए जा सकते हैं. खरगोश 2 से 3 महीने में लगभग 2 किलो के वजन के हो जाते हैं और करीब ₹200 किलो यह मार्केट में बिक जाते हैं.
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10 यूनिट से शुरू कर सकते हैं व्यापार
खरगोश पालन के व्यवसाय को 10 यूनिट में शुरू किया जाता है. एक यूनिट में 7 मादा और तीन नर खरगोश होते हैं.10 यूनिट से फार्मिंग शुरू करने के लिए लगभग 4 लाख रुपये खर्च आता है, जिसमें 1 लाख रुपये के लगभग शैड तैयार करने में खर्च होता है. लगभग 1 लाख रुपये पिंजरे और दूसरे सामानों के लिए खर्च होते हैं और चारे और दूसरी चीजों पर 2 लाख रुपये खर्च होते हैं.
10 यूनिट खरगोश से 45 दिनों में तैयार हुआ बच्चों का बैच लगभग 2 लाख में बिकता है. इन तैयार किए गए बच्चों को फार्म ब्रीडिंग और मीट के लिए बेचा जाता है.
10 यूनिट के व्यवसाय से 5 लाख रुपये सालाना की आय
मादा खरगोश के बच्चे देने की संख्या भी बहुत ज्यादा होती है. 1 साल में एक मादा खरगोश 6 से 7 बार बच्चे देती है. जिसकी संख्या 6 से 12 तक होती है. एक मादा खरगोश साल में कम से कम 7 बार प्रेग्नेंट होती है, लेकिन यदि मोर्टालिटी बीमारी आदि सभी को ध्यान में रखकर औसतन पांच प्रेगनेंसी पीरियड भी मान लें तो साल में 10 लाख के खरगोश बिक जाते हैं. बकि चारे पर और दूसरे सामान पर 5 लाख खर्च भी मान लें तो 5 लाख रुपये के लगभग सालाना इनकम हो जाती है.
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