जींद: हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने एक बार फिर प्रदेश जिला कार्यकारिणी के गठन का दावा किया है. उदयभान ने कहा कि हरियाणा में जल्द ही जिला संगठन की घोषणा की जायेगी. हरियाणा कांग्रेस में जिला संगठन को भंग हुए करीब दस साल हो चुके हैं. पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी के चलते अभी तक इसका गठन नहीं हो पाया.
कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष उदयभान सोमवार को जींद में पहुंचे थे. हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने इस दौरान कांग्रेस के जिला संगठन को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि हरियाणा कांग्रेस संगठन में जल्द ही बदलाव होगा और संगठन की घोषणा की जाएगी. प्रदेश में परिवर्तन की लहर देखने को मिल रही है. लोगों में भारी जोश देखने को मिल रहा है. भाजपा, जेजेपी नेताओं समेत 33 पूर्व विधायक कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं.
इस दौरान हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि कांग्रेस को एकजुट होकर आगामी चुनाव लड़ने होंगे. अगर भाजपा दोबारा से सत्ता में आ गई तो लोकतंत्र और संविधान दोनों खतरे में पड़ जाएंगे. उदयभान ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में उन्हीं सांसदों को निलंबित किया गया, जो जनता की आवाज को उठा रहे थे. अब मुद्दे को मिमिक्री की तरफ घुमाया जा रहा है. भाजपा नेता भी दूसरे नेताओं की मिमिक्री करते थे, इसे कभी मुद्दा नहीं बनाया गया.
उदयभान ने कहा कि यूथ पर फोकस किया जा रहा है. युवाओं को टिकट आवंटन के दौरान भी वरीयता दी जाएगी. एक सवाल के जवाब में उदयभान ने कहा कि राजस्थान में पार्टी ने कड़ी टक्कर दी और 40 प्रतिशत वोट हासिल किए. उदयभान ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय सीएम भूपेंद्र हुड्डा थे तो विकास के काम हुए. हाईवे मंजूर होने के साथ ही प्रदेश में बिजली के चार बड़े कारखाने लगे. इसमें 43 हजार करोड़ रुपए का निवेश उस समय किया गया था. दिल्ली से बहादुरगढ़, बल्लभगढ़ समेत कई जगह मेट्रो प्रोजक्ट मंजूर हुए.
उदयभान के मुताबिक हुड्डा सरकार के दौरान प्रदेश पर केवल 70 हजार करोड़ का कर्ज था लेकिन अब चार लाख करोड़ रुपए का कर्जा हरियाणा पर हो चुका है. जो भी बच्चा पैदा हो रहा है वो एक लाख 32 हजार रुपए का कर्जा लेकर पैदा हो रहा है. सरकारी भर्तियों की वैकेंसी लीक हो रही हैं. कौशल विकास के नाम पर बड़ा धोखा किया जा रहा है. पक्की नौकरी हटाकर कच्ची नौकरी दी जा रही हैं.
दरअसल 2014 में विधानसभा चुनाव से पहले 29 मई को कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी. इसके बाद 2014 और 2019 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने बिना जिला कार्यकारिणी के लड़ा. इन दोनों चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. इस दौरान अशोक तंवर, कुमारी सैलजा और अब उदयभान प्रदेश अध्यक्ष बन चुके हैं लेकिन जिला संगठन की घोषणा नहीं हो पाई.
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