ETV Bharat / state

बारिश से निपटने के लिए कितनी तैयार जींद की नई अनाज मंडी? देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

author img

By

Published : Apr 29, 2020, 1:50 PM IST

जींद की अनाज मंडी में किसान लगातार अपना अनाज ला रहे हैं और अधिक बोरियां रखने की जगह तक नहीं बची है. ईटीवी भारत की टीम जींद की नई अनाज मंडी पहुंची और ताजा हालातों का जायजा लिया. देखिए जींद की नई अनाज मंडी कितनी तैयार है.

ground report on Jind new grain market before the rain
बारिश से निपटने के लिए कितनी तैयार जींद नई अनाज मंडी? देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

जींदः अनाज मंडियां इन दिनों गेहूं से अटी पड़ी है. हजारों मैट्रिक टन गेहूं खुले में रखा हुआ है और हजारों की संख्या में बोरियां भरकर भी अनाज खुले में ही रखा हुआ है. जींद की अनाज मंडी में मौसम की मार से बचने के लिए दो बड़े शेड है जो काफी इतनी भारी संख्या में आए अनाज के लिए काफी नहीं है. आढ़तियों ने बारदाने में भी कमी बताई है. उनका कहना है कि बारदाने की कमी के चलते गेहूं खुले में पड़ा है.

खुले में पड़ा अनाज

जींद की अनाज मंडी में किसान लगातार अपना अनाज ला रहे हैं और अधिक बोरियां रखने की जगह तक नहीं बची है. ऐसे में अगर बारिश होती है तो हजारों मैट्रिक टन गेहूं भीग जाएगी. ईटीवी भारत की टीम जींद की नई अनाज मंडी पहुंची और ताजा हालातों का जायजा लिया. इस दौरान हमारी टीम ने देखा कि भारी संख्या में किसानों का अनाज खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है. ना कोई तिरपाल है और ना ही बारदाने ऐसे में किसानों के अनाज पर बारिश का भारी खतरा मंडरा रहा है.

बारिश से निपटने के लिए कितनी तैयार जींद नई अनाज मंडी? देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

आढ़तियों के पास नाकाफी तिरपाल

बारिश से बचने के लिए हर आढ़ती के पास औसतन 4 तिरपाल हैं जो कि इस समय नाकाफी हैं. जींद नई अनाज मंडी के आढ़ती राम प्रसाद ने बताया कि उन्हें 1 दिन में 500 बारदाने दिए जा रहे हैं और 1 दिन में एक ही किसान से गेहूं खरीदने की अनुमति है, लेकिन सीजन जोरों पर है इसलिए 1 दिन में कई किसान आते हैं और खुले में डालकर गेहूं चले जाते हैं जिसकी वजह से अगर बारिश आती है तो गेहूं भीग जाएगी और फिर सरकार भी इसे नहीं खरीदेगी.

लॉकडाउन में लेबर गायब

वहीं आढ़ती नेता महावीर ने बताया कि अभी तक जितनी गेहूं खरीदी गई है उससे कहीं ज्यादा तो बाहर खुले में पड़ी है. इस बार लेबर की संख्या भी बेहद कम है जिसकी वजह से बोरियां भरने और उन्हें गोदाम तक पहुंचाने में भी अधिक समय लग रहा है. लॉकडाउन के कारण लेबर ना के बराबर है. जिसके चलते मंडी में अव्यवस्था बनी हुई है. प्रशासन की ओर से मौसम से बचने का कोई इंतजाम नहीं है आढ़तियों के पास ही थोड़ी मात्रा में तिरपाल है जो बारिश होने पर गेहूं को नहीं बचा पाएंगे.

ये भी पढ़ेंः गोहान में किसान, व्यापारी, कर्मचारी के आपसी सहयोग से की जा रही गेहूं की खरीद

8 लाख मीट्रिक टन गेहूं की संभावना

25 अप्रैल तक जींद जिले की मंडियों में 1 लाख 11 हजार 123 मीट्रिक टन गेहूं खरीदी जा चुकी है, लेकिन खरीदी गई गेहूं का उठान बेहद कम हो पाया है. माना जा रहा है कि आने वाले 2 दिन में किसानों की सारी गेहूं निकल जाएगी और इस बार करीब आठ लाख मैट्रिक टन गेहूं की आवक होने की संभावना है जिसका सिर्फ 15 से 20 परसेंट हिस्सा अभी तक मंडी में खरीदा गया है.

कभी भी हो सकती है बारिश!

मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक बुधवार को मौसम साफ रहेगा. लेकिन गुरुवार को एक बार फिर बादल छाए रहने की संभावना है. विशेषज्ञों की मानें तो इस दौरान अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. ऐसे में मंडी में खुले में पड़े अनाज पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है.

जींदः अनाज मंडियां इन दिनों गेहूं से अटी पड़ी है. हजारों मैट्रिक टन गेहूं खुले में रखा हुआ है और हजारों की संख्या में बोरियां भरकर भी अनाज खुले में ही रखा हुआ है. जींद की अनाज मंडी में मौसम की मार से बचने के लिए दो बड़े शेड है जो काफी इतनी भारी संख्या में आए अनाज के लिए काफी नहीं है. आढ़तियों ने बारदाने में भी कमी बताई है. उनका कहना है कि बारदाने की कमी के चलते गेहूं खुले में पड़ा है.

खुले में पड़ा अनाज

जींद की अनाज मंडी में किसान लगातार अपना अनाज ला रहे हैं और अधिक बोरियां रखने की जगह तक नहीं बची है. ऐसे में अगर बारिश होती है तो हजारों मैट्रिक टन गेहूं भीग जाएगी. ईटीवी भारत की टीम जींद की नई अनाज मंडी पहुंची और ताजा हालातों का जायजा लिया. इस दौरान हमारी टीम ने देखा कि भारी संख्या में किसानों का अनाज खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है. ना कोई तिरपाल है और ना ही बारदाने ऐसे में किसानों के अनाज पर बारिश का भारी खतरा मंडरा रहा है.

बारिश से निपटने के लिए कितनी तैयार जींद नई अनाज मंडी? देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

आढ़तियों के पास नाकाफी तिरपाल

बारिश से बचने के लिए हर आढ़ती के पास औसतन 4 तिरपाल हैं जो कि इस समय नाकाफी हैं. जींद नई अनाज मंडी के आढ़ती राम प्रसाद ने बताया कि उन्हें 1 दिन में 500 बारदाने दिए जा रहे हैं और 1 दिन में एक ही किसान से गेहूं खरीदने की अनुमति है, लेकिन सीजन जोरों पर है इसलिए 1 दिन में कई किसान आते हैं और खुले में डालकर गेहूं चले जाते हैं जिसकी वजह से अगर बारिश आती है तो गेहूं भीग जाएगी और फिर सरकार भी इसे नहीं खरीदेगी.

लॉकडाउन में लेबर गायब

वहीं आढ़ती नेता महावीर ने बताया कि अभी तक जितनी गेहूं खरीदी गई है उससे कहीं ज्यादा तो बाहर खुले में पड़ी है. इस बार लेबर की संख्या भी बेहद कम है जिसकी वजह से बोरियां भरने और उन्हें गोदाम तक पहुंचाने में भी अधिक समय लग रहा है. लॉकडाउन के कारण लेबर ना के बराबर है. जिसके चलते मंडी में अव्यवस्था बनी हुई है. प्रशासन की ओर से मौसम से बचने का कोई इंतजाम नहीं है आढ़तियों के पास ही थोड़ी मात्रा में तिरपाल है जो बारिश होने पर गेहूं को नहीं बचा पाएंगे.

ये भी पढ़ेंः गोहान में किसान, व्यापारी, कर्मचारी के आपसी सहयोग से की जा रही गेहूं की खरीद

8 लाख मीट्रिक टन गेहूं की संभावना

25 अप्रैल तक जींद जिले की मंडियों में 1 लाख 11 हजार 123 मीट्रिक टन गेहूं खरीदी जा चुकी है, लेकिन खरीदी गई गेहूं का उठान बेहद कम हो पाया है. माना जा रहा है कि आने वाले 2 दिन में किसानों की सारी गेहूं निकल जाएगी और इस बार करीब आठ लाख मैट्रिक टन गेहूं की आवक होने की संभावना है जिसका सिर्फ 15 से 20 परसेंट हिस्सा अभी तक मंडी में खरीदा गया है.

कभी भी हो सकती है बारिश!

मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक बुधवार को मौसम साफ रहेगा. लेकिन गुरुवार को एक बार फिर बादल छाए रहने की संभावना है. विशेषज्ञों की मानें तो इस दौरान अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. ऐसे में मंडी में खुले में पड़े अनाज पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.